विद्युत मंत्रालय
आरईसीपीडीसीएल और बीएचईएल संयुक्त रूप से उपयोगिता-स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करेंगे
Posted On:
15 MAR 2024 6:07PM by PIB Delhi
आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने पूरे देश में उपयोगिता-स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का संयुक्त रूप से विकास करने के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एक समर्पित विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के माध्यम से देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की प्रप्ति में योगदान देना है।
एसपीवी को बीएचईएल की कोर इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और आरईसी लिमिटेड की अवसंरचना निवेश विशेषज्ञता से लाभ प्राप्त होगा। एसपीवी की शुरुआती क्षमता 1 गीगावॉट होगी और यह वाणिज्यिक एवं औद्योगिक (सी एंड आई) सेगमेंट की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा, जिसे आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा।
इस समझौता ज्ञापन पर आज, 15 मार्च, 2024 को नई दिल्ली में श्री विवेक कुमार देवांगन, सीएमडी, आरईसी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर बीएचईएल के सीएमडी, श्री कोप्पू सदाशिव मूर्ति; निदेशक (परियोजना), आरईसी, श्री वी के सिंह; आरईसीपीडीसीएल के सीईओ, श्री राजेश कुमार और आईएसएंडपी, भेल की निदेशक सुश्री बानी वर्मा भी उपस्थित हुईं।
श्री विवेक कुमार देवांगन, आरईसी के सीएमडी ने इस सहयोग के लिए दोनों कंपनियों को शुभकामनाएं दी और सौर, पवन एवं हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों के निर्माण में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि “हम उपयोगिता-स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास पर केंद्रित एक संयुक्त उद्यम के गठन के लिए भेल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं। यह सहयोग विनिर्माण एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र में भेल की विशेषज्ञता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हमारे व्यापक अनुभव को एक साथ लेकर आता है। यह एसपीवी, भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति और स्वच्छ एवं हरित भविष्य में योगदान देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
इस अवसर पर, भेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दोनों संगठनों की संयुक्त शक्ति का लाभ उठाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पर्याप्त अवसर मौजूद हैं।
आरईसीपीडीसीएल के संदर्भ में
आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की विभिन्न वितरण सुधार परियोजनाओं के लिए 50 से ज्यादा राज्य विद्युत वितरण कंपनियों और राज्यों के विद्युत विभागों को ज्ञान-आधारित परामर्श एवं विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान करती है। आरईसीपीडीसीएल ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं और आरई-बंडलिंग परियोजनाओं में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में कार्य करती है। पीएमडीपी और आरडीएसएस परियोजनाओं के अंतर्गत, आरईसीपीडीसीएल गुजरात, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्मार्ट मीटरिंग, वितरण और ट्रांसमिशन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण अवसंरचना उन्नयन परियोजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है। अपनी प्रमुख क्षमताओं से परे, आरईसीपीडीसीएल अब विभिन्न व्यापार मॉडलों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काम करने की दिशा में अग्रसर है जिससे महत्वपूर्ण अधिशेष नकदी परिसंपत्तियों के निवेश से स्थिर राजस्व प्रवाह की प्राप्ति हो सके।
आरईसी लिमिटेड के संदर्भ में
आरईसी विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी संपूर्ण विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र का वित्तपोषण करता है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप स्टोरेज परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में, आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लेकर आयी है, जिसमें सड़क एवं एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक एवं वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह एवं इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों का निर्माण करने के लिए राज्य, केंद्रीय और निजी कंपनियों को विभिन्न अवधियों के लिए ऋण प्रदान करती है। आरईसी लिमिटेड विद्युत क्षेत्र में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में प्रमुख रणनीतिक भूमिका निभा रही है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया है, शतप्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण किया गया है। आरईसी, संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रही है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की लोन बुक 4.97 लाख करोड़ रुपये और नेट वर्थ रुपये 64,787 करोड़ रुपये रहा है।
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(Release ID: 2015080)
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