इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
एआई स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने, कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने भारत एआई मिशन के लिए 10,300 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी
"इंडिया एआई कार्यक्रम के लिए 10,300 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी भारत के एआई पारिस्थितिकी तंत्र को और सक्षम बनाएगी और भारत दुनिया के लिए एआई के भविष्य को आकार देने वाली ताकत के रूप में उभरेगा": केंद्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर
"भारत में एआई निवेश से केरल को फायदा होगा क्योंकि राज्य एआई नवाचार और स्टार्टअप के लिए एक ताकत है": केंद्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर
Posted On:
07 MAR 2024 8:05PM by PIB Delhi
कैबिनेट ने आज इंडिया एआई मिशन के लिए 10,300 करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन को मंजूरी दे दी, जिससे भारत के एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। यह विशाल वित्तीय योगदान, जो अगले पांच वर्षों तक चलने वाला है यह इंडिया एआई इनोवेशन सेंटर (आईएआईसी), इंडिया एआई डेटासेट प्लेटफॉर्म, इंडिया एआई एप्लिकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव, इंडिया एआई फ्यूचरस्किल्स को बढ़ावा देगा। भारत के एआई मिशन में फ्यूचर स्किल्स, इंडिया एआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग और सुरक्षित और विश्वसनीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी प्रमुख पहल शामिल हैं।
इस पूंजी का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से भारत के एआई नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करने के उद्देश्य से इंडिया एआई मिशन के व्यवस्थित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है।
इस प्रयास का एक प्रमुख स्तंभ इंडिया एआई कंप्यूट क्षमता है, जिसका उद्देश्य प्रमुख सार्वजनिक-निजी सहयोग के माध्यम से 10,000 से अधिक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग इकाइयों (जीपीयू) को तैनात करके एक अत्याधुनिक, स्केलेबल एआई कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा की इस मंजूरी से भारतीय नागरिकों को लाभ होगा और भारत की अर्थव्यवस्था के विस्तार में मदद मिलेगी।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रेरक शक्ति बनने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमेशा कहा है कि भारत अपने नागरिकों के लाभ और अपनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति का पूरा उपयोग करने जा रहा है। मैं इंडिया एआई कार्यक्रम के लिए 10,000 करोड़ से अधिक की मंजूरी देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री का आभारी हूं, जो भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता पारिस्थितिकी तंत्र को आगे ले जाएगा और भारत को दुनिया के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य को आकार देने में मदद करेगा। इससे केरल जैसे राज्यों को लाभ होगा जो वर्षों से एक मजबूत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में असमर्थ रहे हैं। केरल में युवा भारतीयों में अपार संभावनाएं हैं और ये वित्तीय परिव्यय उन्हें उनकी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में मदद करेगा।"
यह पूंजी भारत की एआई स्टार्टअप वित्तीय प्रणाली को मजबूत करेगी, उभरते एआई स्टार्टअप के लिए फंडिंग तक निर्बाध पहुंच की सुविधा प्रदान करेगी और उत्पाद विकास से व्यावसायीकरण तक की उनकी यात्रा को तेज करेगी। प्रस्ताव में सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने, नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग-आधारित एआई परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण भी शामिल है।
इंडिया एआई इनोवेशन सेंटर (आईएआईसी), जो एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान होगा, शीर्ष अनुसंधान प्रतिभा की व्यवस्थित तैनाती और प्रतिधारण सुनिश्चित करेगा। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित धनराशि बुनियादी मॉडलों के विकास और तैनाती को बढ़ाएगी, जिसमें स्वदेशी बड़े पैमाने के बहुआयामी मॉडल (एलएमएम) और सेक्टर-विशिष्ट मॉडल पर विशेष जोर दिया जाएगा और अधिकतम प्रभावशीलता के लिए प्रौद्योगिकी और वितरित कंप्यूटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
डेटा-संचालित शासन सुनिश्चित करने और एआई-आधारित नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, इंडिया एआई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म को इंडिया एआई के स्वतंत्र व्यापार प्रभाग (आईबीडी) द्वारा विकसित किया जाएगा इससे पहुंच में वृद्धि और सार्वजनिक क्षेत्र के डेटासेट की गुणवत्ता और उपयोगिता में वृद्धि होगी।
इसके अतिरिक्त, इंडिया एआई भविष्य कौशल कार्यक्रम स्नातक और स्नातकोत्तर एआई कार्यक्रमों तक पहुंच बढ़ाकर एआई शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा, साथ ही डेटा और एआई प्रयोगशालाओं की स्थापना करेगा जो डेटा और एआई में बुनियादी स्तर के पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए भारत के बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे कस्बों और शहरों में भी विस्तारित करेगा।
इंडिया एआई मिशन के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप, इन पहलों का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करना, प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, नैतिक और जिम्मेदार एआई विकास सुनिश्चित करना और एआई के लाभों को समाज के सभी वर्गों में समान रूप से पहुंचाना है।
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