कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने 'विकसित भारत: 2047 के लिए निगमित प्रशासन' विषय पर वेबिनार का आयोजन किया

Posted On: 08 MAR 2024 1:03PM by PIB Delhi

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) की एक स्वायत्त संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने 7 मार्च, 2024 को 'विकसित भारत: 2047 के लिए निगमित प्रशासन' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में लगभग 300 लोगों ने संवादात्मक चर्चा के लिए भाग लिया। प्रतिभागियों में स्वतंत्र निदेशक और कॉर्पोरेट जगत के पेशेवर शामिल थे, जो भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के भविष्य तथा वर्ष 2047 तक भारत द्वारा विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के साथ इसके संरेखण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

 

वेबिनार का उद्घाटन कारपोरेट कार्य मंत्रालय के अपर सचिव श्री मनोज पांडे ने किया। श्री पांडे ने भारत में निगमित प्रशासन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से हाल के वर्षों में उठाए गए प्रगतिशील कदमों का उल्लेख किया और 2047 के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लक्ष्य के साथ शासन पर निरंतर ध्यान देने के महत्व पर बल दिया।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रवीण कुमार ने आगामी वर्षों में देश के विकास पथ में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हुए वेबिनार के उद्देश्य को रेखांकित किया।

पैनल चर्चा में उद्योग जगत के कई प्रतिनिधि भाग ले रहे थे, जिनमें भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड से बोर्ड सदस्य श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल; इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड में बोर्ड सदस्य सुश्री करुणा गोपाल और बैंक ऑफ इंडिया की बोर्ड सदस्य सुश्री वेनी थापर शामिल थे। उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस के विभिन्न पहलुओं पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की जो हाल ही में चर्चा का विषय रहे हैं और भविष्य में भी इस पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने भविष्य के लिए तैयार बोर्डों, शासन और कॉर्पोरेट जगत के उद्देश्य तथा हितधारकों के हितों की सुरक्षा के महत्व पर चर्चा की। सुश्री करुणा गोपाल ने विविधता, समानता एवं समावेशन (डीईआई), टिकाऊ व्यावसायिक कार्य प्रणालियों व कॉर्पोरेट क्षेत्र में महिला नेतृत्व जैसे उभरते विषयों पर चर्चा की। सुश्री वेणी थापर ने वित्तीय अनुशासन, सत्यनिष्ठा और नैतिकता के साथ स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका एवं पारदर्शिता और जवाबदेह प्रशासन की आवश्यकता के महत्व पर प्रकाश डाला।

यह पैनल चर्चा संवादात्मक थी, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों के कई जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उनके प्रश्नों का उत्तर दिया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट गवर्नेंस में स्कूल ऑफ कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड पब्लिक पॉलिसी के प्रमुख डॉ. नीरज गुप्ता ने वेबिनार और पैनल चर्चा का संचालन किया। उन्होंने अपनी समापन टिप्पणी में विकसित भारत के प्रति राष्ट्रीय दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता का समर्थन करने के उद्देश्य से संवाद को बढ़ावा देने तथा निगमित प्रशासन हेतु उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की निरंतर प्रतिबद्धता दोहराई।

 

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