सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

नमस्ते योजनाः सीवर लाइन और सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा और मान-सम्मान सुनिश्चित करना


नमस्ते मोबाइल एप के प्रदर्शन और प्रोफाइलिंग प्रक्रिया पर आयोजित आनलाइन प्रशिक्षण सत्रों में 2,367 यूएलबी ने भाग लिया

तकनीकी सवालों के समाधान के लिये आयोजित राज्य स्तरीय नमस्ते प्रोफाइलिंग में 805 शहरी स्थानीय निकाय उपस्थित हुये

एसएसडब्ल्यू की प्रोफाइलिंग का उद्देश्य एसएसडब्ल्यू की पहचान के लिये एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना और उन्हें एक विशिष्ट नमस्ते आईडी उपलब्ध कराना है

6 मार्च 2024 तक 28 राज्यों में कुल 28,732 एसएसडब्ल्यू का सर्वेक्षण किया गया और 21,760 एसएसडब्ल्यू को मान्यता दी गई

Posted On: 07 MAR 2024 7:58PM by PIB Delhi

यंत्रीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई अथवा ‘नमस्ते’ योजना सरकार की मानव- केन्द्रित दृष्टिकोण का एक ऐसा विधान है जहां किसी भी सफाई कर्मचारी को सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक कार्य को अपने हाथों से नहीं करना होगा। नमस्ते योजना की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त तौर पर शुरूआत की गई, जिसे राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) द्वारा 349.73 करोड़ रूपये के बजट आवंटन के साथ वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्ष के लिये क्रियान्वित किया जायेगा।

योजना में सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मियों यानी एसएसडब्ल्यू के लिये कई तरह की पात्रतायें उपलब्ध हैं। एसएसडब्ल्यू को एक डिजिटल एपलीकेशन के जरिये प्रोफाइल किया जायेगा और उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराई जायेगी, सुरक्षा उपकरणों तक उनकी पहुंच होगी, पेशे से जुड़े सुरक्षा प्रशिक्षण, स्वास्थ्य बीमा कवरेज और स्वच्छता से जुड़े सब्सिडीयुक्त वाहनों/मशीनों के माध्यम से स्वच्छता क्षेत्र में आजीविका अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे। उपयुक्त क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें खुद के स्वच्छता उद्यम (सेनिप्रेन्योर) के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। भारत में 4,800 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में एक लाख से अधिक एसएसडब्ल्यू की प्रोफाइलिंग की जायेगी।

योजना के घटकों में शामिल हैंः

 

1. डिजिटल उपकरणों के जरिये यूएलबी में एसएसडब्ल्यू की प्रोफाइलिंग (- 1 लाख एसएसडब्ल्यू की पहचान की जायेगी)

2. पीएम-जेएवाई के तहत एसएसडब्ल्यू का स्वास्थ्य बीमा

3. नमस्ते योजना के लिये एसएसडब्ल्यू और स्वच्छता प्रतिक्रिया इकाइयों को पेशेवर सुरक्षा प्रशिक्षण

4. स्वच्छता संबंधी वाहनों/उपकरणों की खरीद के लिये 5.00 लाख रूपये तक की पूंजीगत सब्सिडी

5. एसएसडब्ल्यू को पीपीई किट वितरण

6. आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई (ईआरएसयू) को सुरक्षा उपकरणों का वितरण

7. एसएसडब्ल्यू की सुरक्षा और आत्म-सम्मान पर जागरूकता के लिये आईईसी अभियान

 

नमस्ते मोबाइल एप्पिलेकेशन और प्रोफाइलिंग प्रक्रिया पर यूएलबी नोडल अधिकारियों और सर्वेक्षण करने वालों का क्षमता निर्माण

 

नमस्ते का पहला घटक एसएसडब्ल्यू की प्रोफाइलिंग करना है जिसका उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक वर्कर्स (एसएसडब्ल्यू) की पहचान के लिये राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना है। ऐसे सभी एसएसडब्ल्यू को एक विशिष्ट नमस्ते आईडी दी जायेगी।

 

प्रोफाइलिंग शुरू करने के लिये प्रोफाइलिंग प्रक्रिया और नमस्ते मोबाइल एप्पिलेकेशन के प्रदर्शन को लेकर 6 मार्च 2024 तक सभी पांच क्षेत्रों में 30 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिये आनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कुल 2,367 शहरी स्थानीय निकायों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। भागीदारों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिये प्रशिक्षण दिया गया जिनमें कार्यकारी अधिकारी, कार्यकारी अभियंता, वरिष्ट जन स्वास्थ्य निरीक्षक और मुख्य अधिकारी शामिल थे जिन्हें राज्य सरकार ने नमस्ते के लिये यूएलबी नोडल अधिकारी नामित किया है और एसएसडब्ल्यू का सर्वेक्षण करने के लिये सर्वेक्षकों में स्वच्छता निरीक्षक, सहायक अभियंता और कंप्यूटर आपरेटर शामिल थे। इनमें 10 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों ने तकनीकी सवालों के समाधान के लिये राज्य स्तरीय नमस्ते प्रोफाइलिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया। राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 805 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग लिया।

 

आनलाइन प्रशिक्षण के बाद एक आनलाइन फार्म के माध्यम से यूएलबी से शहर की स्वच्छता ब्यौरा एकत्रित किया जा रहा है जिसमें एसएसडब्ल्यू की जानकारी, कार्यरत और उपलब्ध मशीनों के आंकड़े और एक यूएलबी द्वारा आयोजित किये जाने वाले शिविरों की अनुमानित संख्या आदि शामिल है। आंकड़ों में किसी भी विसंगति को दूर करने और प्रोफाइलिंग शिविरों के आयोजन तैयारी में मदद के लिये राज्यों के साथ एक शिविर तैयारी वीडियो कन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया है।

 

नमस्ते मोबाइल एप्पिलेकेशन के उपयोग पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण

 

यह सुनिश्चित करने के लिये कि जब प्रशिक्षण दिया जा रहा हो तब अधिकारियों को उनकी क्षेत्रीय भाषाओं में एप और योजना के बारे में स्पष्ट जानकारी हो, इसके लिये उत्तर प्रदेश (शारीरिक प्रशिक्षण), कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (आनलाइन प्रशिक्षण) इन चार राज्यों में प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश और दिल्ली (दिल्ली जल बोर्ड) ने शारीरिक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया।

 

 

 

एसएसडब्ल्यू के लिये प्रोफाइलिंग कैंप

 

नमस्ते एप/पोर्टल के उपयोग और उसकी तमाम जानकारी के बारे में प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद 28 राज्यों में उचित सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) अभियान, जिसे राज्यों ने प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और जन संचार माध्यमों का उपयोग करते हुये संचालित किया, में प्रोफाइलिंग का काम शुरू हो गया। 6 मार्च 2024 की स्थिति के अनुसार कुल 28,732 एसएसडब्ल्यू का अवलोकन कर लिया गया जिनमें कुल 21,760 एसएसडब्ल्यू मान्य हैं।

 

फोटो गैलरी

1. उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर प्रशिक्षकों के लिये प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

 

 

 

2. देशभर में प्रोफाइलिंग कैंप आयोजित किये गये

उत्तर क्षेत्र

 

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पश्चिम क्षेत्र

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मध्य क्षेत्र

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पूर्व और उत्तर पूर्व क्षेत्र

 

दक्षिण क्षेत्र

 

पूरे भारत में आईईसी अभियान

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नमस्ते योजना की पृष्टभूमि

स्वच्छ भारत मिशन जैसे व्यापक स्वच्छता अभियानों की सफलता से पूरे भारत में 18 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ। इससे कुशल सफाई कर्मचारियों की भारी मांग पैदा हुई। हालांकि, निस्स्वार्थ योगदान के बावजूद स्वच्छता कर्मचारी आज भी हाशिये पर हैं। ये हमारे समाज के गुमनायक नायक हैं, वे स्वच्छता सेवाओं की रीढ़ हैं -- वह समुदायों के लिये स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाये रखते हैं।

 

नमस्ते योजना के वांछित परिणामों में यह भी शामिल है कि साफ सफाई कार्यों में कोई मृत्यू नहीं हो, स्वच्छता कर्मचारियों को औपचारिक और कुशल बनाना, मानव मल के साथ प्रत्यक्ष संपर्क को समाप्त करना, आपात प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ईआरएसयू) की स्थापना, उन्हें मजबूत बनाना, उनकी क्षमता बढ़ाना और स्वयं सहायता समूहों तथा उद्यमशीलता के माध्यम से सफाई कर्मचारियों का सशक्तिकरण करने के अलावा आजीविका के वैकल्पिक विकल्पों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना तथा सभी सीवर, सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) को कामकाज के दौरान सुरक्षा प्रशिक्षण देना भी शामिल है।

 

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