इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

पूरे देश में चिप डिजाइनरों के लिए वन-स्टॉप सेंटर-चिपआईएन को सेमीकंडक्टर उद्योग क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों का समर्थन मिला


बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी स्तर पर 85,000 छात्र सेमीकंडक्टर चिप्स डिजाइन करने के लिए चिपआईएन केंद्र में अत्याधुनिक ईडीए टूल्स का उपयोग करेंगे

कीसाइट टेक्नोलॉजीज, सिनोप्सिस, कैडेंस डिजाइन सिस्टम, सीमेंस, एन्सिस ने शोधकर्ताओं व स्टार्ट-अप्स के लिए चिपआईएन केंद्र की पेशकश को और अधिक मजबूत किया

मंत्रालय ने वीएसएससी तिरुवनंतपुरम में फ्यूचरडिजाइन रोडशो के दौरान डीएलआई योजना के तहत दो और सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप्स/एमएसएमई के लिए सहायता की घोषणा की

Posted On: 07 MAR 2024 6:50PM by PIB Delhi

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और उद्यमिता व जल शक्ति राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने आज यानी 6 मार्च, 2024 को चौथे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचरडिजाइन रोड शो में छात्रों, शोधकर्ताओं, उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों और केरल स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के सदस्यों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “यह त्रिवेन्द्रम और केरल के मौजूदा व उभरते उद्यमियों के लिए भविष्य की प्रणाली, उपकरणों और उत्पादों को डिजाइन करने व उन्हें फिर से परिकल्पित करने के कतार में आगे खड़े होने का एक बड़ा अवसर है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के भारत को विश्व के लिए सेमीकॉन केंद्र बनाने की सोच के अनुरूप हमारा मानना है कि भविष्य केवल सेमीकंडक्टर्स के निर्माण को लेकर नहीं, बल्कि सभी उद्योगों के लिए चिप्स और आईपी डिजाइन करने के बारे में भी है।" इसके अलावा इस रोडशो के दौरान मंत्री ने विश्व के लिए भारत में चिप्स डिजाइन करने की भविष्य की संबंधित पहल के लिए उद्योग की ओर से प्राप्त सहायता को रेखांकित किया और उसकी सराहना की।

चिपआईएन केंद्र मौजूदा सबसे बड़े केंद्रों में एक है। यह बड़ी संख्या में डिजाइन फ्लो को प्रस्तुत करता है। इसका उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन समुदाय के लिए चिप डिजाइन बुनियादी ढांचे को उपलब्ध करवाना है। यह एक केंद्रीकृत डिजाइन केंद्र है, जो न केवल 5 एनएम या उन्नत नोड तक जाने वाले पूरे चिप डिजाइन चक्र (यानी डिजिटल, एनालॉग, आरएफ और मिश्रित सिग्नल डिजाइन के लिए फ्रंट-एंड डिजाइन, बैक-एंड डिजाइन, पीसीबी डिजाइन और विश्लेषण, आदि) के लिए सबसे उन्नत उपकरणों को प्रस्तुत करता है, बल्कि फाउंड्रीज और पैकेजिंग में डिजाइन की संरचना के लिए समग्र सेवाएं भी प्रदान करता है। इस बारे में विवरण के लिए यहां क्लिक करें

वर्तमान में 120 शैक्षणिक संस्थानों और 20 स्टार्ट-अप्स के लगभग 10,000 छात्रों के साथ जुड़े चिपआईएन केंद्र का लक्ष्य बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी स्तर पर 85,000 छात्रों को सेमीकंडक्टर चिप्स डिजाइन करने के लिए अत्याधुनिक ईडीए टूल्स तक पहुंच प्रदान करना है। फ्यूचरडिजाइन रोडशो के दौरान सेमीकंडक्टर उद्योग ने चिप-इन केंद्र को निम्नलिखित सहायता प्रदान की है:

  1. कीसाइट टेक्नोलॉजीज, जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स परीक्षण और माप उपकरण व सॉफ्टवेयर का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, ने डीएलआई योजना और सी2एस कार्यक्रम के तहत स्टार्ट-अप्स और अकादमिक क्षेत्र तक अपने ईडीए टूल्स की पेशकश का विस्तार करने के लिए चिपआईएन केंद्र के साथ साझेदारी की है।

  2. सिनोप्सिस ने स्टार्ट-अप्स के लिए अपनी पिछली पेशकशों के अतिरिक्त संस्थानों की संख्या की कोई सीमा तय किए बिना अखिल भारतीय अकादमिक क्षेत्र के लिए चिपआईएन में अपने ईडीए टूल का विस्तार किया है।

  3. कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स और सीमेंस ईडीए ने स्टार्ट-अप्स के लिए उनकी पिछली पेशकशों के अतिरिक्त सी2एस कार्यक्रम के तहत चिपआईएन में अपने ईडीए टूल को 150 शैक्षणिक संस्थानों तक विस्तारित किया है।

  4. सीमेंस ईडीए ने डीएलआई योजना/सी2एस कार्यक्रम के तहत लगभग 6500 लाख गेट डिजाइन की क्षमता वाले वेलोस एमुलेटर को स्टार्ट-अप्स/अकादमिक क्षेत्र तक विस्तारित किया है।

इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वीएसएससी तिरुवनंतपुरम में फ्यूचरडिजाइन रोडशो के दौरान डीएलआई योजना के तहत 2 और सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप्स/एमएसएमई के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा भी की।

  1. वाईसिग नेटवर्क्स, जो कि आईआईटी-हैदराबाद में स्थापित एक फैबलेस स्टार्टअप है। यह 5जी बेस स्टेशन, 5जी इंटीग्रेटेड एक्सेस बैकहॉल, 5जी यूई स्टैक, एनबी-आईओटी और सैटकॉम सिस्टम ऑन चिप्स (एसओसी) के लिए सॉल्यूशन्स विकसित करने में कुशल है। वाईसिग नेटवर्क्स ने डीएलआई योजना के तहत ऊर्जा और उपयोगिता मीटरिंग सॉल्यूशन्स व पशुधन निगरानी को कार्यान्वित करने को लेकर लोकेशन ट्रैकिंग के लिए एकीकृत बेसबैंड व रेडियो, एक एप्लिकेशन प्रोसेसर और जीपीएस कार्यक्षमता के साथ चिप पर 5जी एनबी-आईओटी प्रणाली डिजाइन करने का प्रस्ताव रखा है।

  1. ग्रीनपीएमयू सेमी, आईआईटी- हैदराबाद में स्थापित एक फैबलेस स्टार्टअप है। यह बैटरी-मुक्त आईओटी सॉल्यूशन्स को साकार करने के लिए कई स्रोतों से ऊर्जा संचयन करने में सक्षम विद्युत प्रबंधन आईसी बनाने में कुशल है। ग्रीनपीएमयू सेमी ने डीएलआई योजना के तहत आईओटी एप्लीकेशनों के लिए एक मल्टी-इनपुट ऊर्जा संचयन विद्युत प्रबंधन आईसी डिजाइन करने का प्रस्ताव रखा है।

इस कार्यक्रम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (इसरो) के निदेशक, तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (इसरो) के निदेशक और सेमीकंडक्टर उद्योग के वरिष्ठ सदस्य भी उपस्थित थे। इन सभी ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे सरकार ने एक नवाचार इकोसिस्टम का निर्माण किया है, जो एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा। इस कार्यक्रम में एनवीडिया, रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स, आईबीएम, मार्वेल टेक्नोलॉजी के भारत के प्रमुख सहित कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स व कीसाइट टेक्नोलॉजीज के प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे।

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