आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एनआईयूएः बदलावों को कर रहा सशक्त - जेंडर इंक्लूजन और कार्यस्थल सुरक्षा में अग्रणी

Posted On: 07 MAR 2024 5:49PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (एनआईयूए) ने अपने स्टाफ के लिये यौन उत्पीड़न रोकथाम (पीओएसएच) पर व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन करते हुये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। संयुक्त राष्ट्र महिला और यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित आधे दिन के इस सत्र का उद्देश्य एनआईयूए कर्मचारियों को शिक्षित और सशक्त बनाना था।

 

प्रशिक्षण की मुख्य बातों में शामिल हैंः

1. उत्पीड़न रोकथामः कर्मचारियों को उत्पीड़न की पहचान और रोकथाम के लिये जरूरी उपायों से सशक्त बनाना।

2. कानूनी जागरूकताः यौन उत्पीड़न के दंडात्मक परिणामों को समझना।

3. समिति की भूमिकाः आंतरिक शिकायत समिति की भूमिका और जिम्मेदारी के बारे में जागरूकता पैदा करना।

4. प्रभावी शिष्टाचारः उत्पीड़न का तुरंत और प्रभावी ढंग से समाधान करना।

 

महिलाओं के लिये सुरक्षित और समावेशी कार्य परिवेश को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती देने के लिये एनआईयूए ने महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 का अनुपालन करते हुये एक आंतरिक शिकायत समिति को औपचारिक रूप दिया है। समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एनआईयूए के कार्यस्थल किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न से सुरक्षित और मुक्त रहें और भारत की शहरी विकास की कहानी में महिला कर्मियों के मूल्यवान योगदान को स्वीकार करना है। यह इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के विषय ‘‘काउंट हर इन : इन्वेस्ट इन वुमन’’ के तहत सशक्त बनाने के लिये महिलाओं की सुरक्षा पर जोर देता है।

एनआईयूए निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) डा. देबोलिना कुंडू ने इस अवसर पर कहा, ‘‘जब हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं, हमें लैंगिक-प्रतिक्रिया वाले शहरी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नये सिरे से मजबूती देनी चाहिये। साक्ष्य- आधारित अनुसंघान और नीतिगत पहलों के माध्यम से हमें ऐसे शहरों के सृजन के लिये काम करना चाहिये जो कि महिलाओं की जरूरतों और अनुभवों को प्राथमिकता देते हुये समावेशी और लोचदार समुदायों को बढ़ावा देता है।’’

संयुक्त राष्ट्र महिला उप-देशीय प्रतिनिधि, सुश्री कांता सिंह ने इस अवसर पर ‘‘एनआईयूए की संयुक्त राष्ट्र महिला मिशन के अनुरूप सुरक्षित और समावेशी कार्यस्थल विकसित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।’’ उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न की रोकथाम और एक आंतरिक शिकायत समिति को औपचारिक रूप देकर, एनआईयूए ऐसा कार्यस्थल सुनिश्चित करेगा जहां महिलायें फल-फूल सकें। जब महिलायें सुरक्षित महसूस करतीं हैं तो वह अपनी पूरी आर्थिक क्षमता का उपयोग करते हुये भारत के शहरी विकास में पूर्ण योगदान कर सकतीं हैं।’’

एनआईयूए की जेंडर इंक्लूजन के प्रति प्रतिबद्धता उसकी नीति और व्यवहार दोनों में परिलक्षित होती है जो कि कर्मचारियों के कल्याण और पेशेवर विकास पर जोर देती है। यह लैंगिक विविधता न केवल संगठनात्मक ढांचे में परिलक्षित होती है बल्कि यह संस्थान की नीतियों और व्यवहारों में भी दिखाई देती है।

एनआईयूए में करीब 50 प्रतिशत वरिष्ठ और अग्रणी पदों पर महिलायें हैं, जो उसकी महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनआईयूए की मानव संसाधन नीति मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017, जिसमें मातृत्व अवकाश (एमएल) लाभ उपलब्ध कराया जाता है। केन्द्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1972 के तहत पुरूष कर्मचारी 15 दिन के पितृत्व अवकाश (पीएल) के पात्र है। एनआईयूए असाधारण परिस्थितियों में लचीली कार्य व्यवस्था भी प्रदान करता है। एक समान अवसर प्रदान करने वाले नियोक्ता के तौर पर एनआईयूए की पेशेवर आचार संहिता सभी कर्मचारियों से उचित कार्य व्यवहार की अपेक्षा करती है और वह विशेष रूप से समाज के वंचित और कमजोर तबके सहित किसी के भी साथ भेदभाव नहीं करती है।

इसके अलावा, एनआईयूए अपने को महिलाओं के लिये एक सुरक्षित और समावेशी कार्यस्थल के तौर पर चाकचैंबंद बनाने के प्रयासों के तहत कार्यालय में सैनिटरी नेपकिन वेंडिग मशीनें स्थापित करने के साथ ही कई अन्य पहलों को भी अमल में लाता है।

एनआईयूए के बारे में:

एनआईयूए समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिये कठिन अनुसंधान और क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से विशेष तौर से साक्ष्य-आधारित योजना की मजबूती के लिये आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ दृढता से खड़ा है। एनआईयूए शहरी उत्पादकता को बढ़ावा देने और प्रत्येक निवासी की सकल जीवन गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये भारतीय शहरों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करते हुये जैंडर - मुख्यधारा प्रयासों का प्रसार करने के लिये प्रतिबद्ध है।

यूएन वूमेन के बारे मेंः

यूएन वूमेन, संयुक्त राष्ट्र की एक इकाई है जो कि महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को समर्पित है। यह कानूनों, नीतियों, कार्यक्रमों और ऐसी सेवाओं को डिजाइन करने के लिये सरकारों और नागरिक समाज के साथ काम करती है जो कि यह सुनिश्चित करने के लिये जरूरी हैं कि मानकों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाये और दुनिया में महिलाओं और लड़कियों को उनका वास्तव में लाभ मिले।

यूनिसेफ के बारे मेंः

यूनिसेफ सबसे वंचित बच्चों और किशोरों तक पहुंचने के लिये और -- हर जगह, प्रत्येक बच्चे के अधिकारों की सुरक्षा के लिये दुनिया के सबसे कठिन स्थानों में काम करता है। दुनिया के 190 से अधिक देशों और क्षेत्रों में बचपन से लेकर किशोरावस्था तक बच्चों की जीवन रक्षा, उन्हें फलने फूलने और उन्हें क्षमतावान बनाने के लिये यूनिसेफ हर संभव मदद करता है।

*******

एमजी/एआर/आरपी/एमएस


(Release ID: 2012428)
Read this release in: English , Urdu