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दिल्ली कैंट स्थित सैन्य अस्पताल (आरएंडआर) ने 8 साल के बच्चे पर गैर-सर्जिकल जीवन रक्षक हृदय संबंधी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर एक दुर्लभ उपलब्धि प्राप्त की

Posted On: 05 MAR 2024 5:09PM by PIB Delhi

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) की बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी टीम ने एक असाधारण उपलब्धि प्राप्त की है। इस टीम ने दिल्ली कैंट स्थित सैन्य अस्पताल (अनुसंधान और रेफरल) में एक उच्च जोखिम ट्रांसकैथेटर (गैर-सर्जिकल) जीवनरक्षक कार्डीएक (हृदय संबंधी) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह प्रक्रिया जम्मू और कश्मीर स्थित बारामूला के एक आठ वर्षीय लड़के पर की गई, जिसकी बायीं धमनी (एऑर्ट) (शरीर के सभी भागों में शुद्ध रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त नलिका) में गंभीर संकुचन हो गया था, जिससे शरीर के कुछ महत्वपूर्ण अंगों में रक्त की आपूर्ति बाधित हो गई और इसके साथ हृदय की कार्यक्षमता भी कम हो गई।

यह चुनौतीपूर्ण जटिल प्रक्रिया को पेट और जांघ के बीच के हिस्से में एक छोटा सा छेद करके किया गया। इसमें एक बड़ा स्टेंट लगाया गया था। यह काफी खतरनाक और जटिल प्रक्रिया थी। लेकिन सब कुछ ठीक रहा और केवल तीन दिनों के भीतर बच्चे को उसके शरीर पर बिना किसी निशान के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

चूंकि, लड़के का परिवार उसके उपचार का खर्च उठाने में असमर्थ था, इसे देखते हुए भारतीय सेना के डैगर डिवीजन इस लड़के को जम्मू और कश्मीर में संचालित ऑपरेशन सद्भावना के तहत सैन्य अस्पताल लाया था। नई दिल्ली स्थित सैन्य अस्पताल (आरएंडआर), चिनार कॉर्प्स/डैगर डिवीजन, जम्मू और कश्मीर व पुणे स्थित इंद्राणी बालन फाउंडेशन के सहयोगात्मक प्रयासों से लड़का अब भविष्य में बिल्कुल सामान्य जीवन जी पाएगा। ऐसी जटिल प्रक्रिया करने की विशेषज्ञता देश में केवल कुछ ही केंद्रों पर उपलब्ध है, जिनमें सैन्य अस्पताल (आरएंडआर)- दिल्ली कैंट भी शामिल है।

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