कोयला मंत्रालय
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साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की गेवरा खान एशिया की सबसे बड़ी कोयला खान बनने के लिए तैयार है


कोयला मंत्रालय को इस खान से 70 मीट्रिक टन वार्षिक कोयला उत्पादन करने के लिए एमओईएफसीसी की स्‍वीकृति मिली

Posted On: 05 MAR 2024 4:31PM by PIB Delhi

छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की गेवरा खान एशिया की सबसे बड़ी कोयला खान बनने के लिए तैयार है। इस खान की उत्‍पादन क्षमता को वर्तमान 5.25 करोड़ टन से बढ़ाकर सात करोड़ टन सालाना करने के लिए पर्यावरण मंजूरी दे दी गई है।

देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में एसईसीएल की विशाल परियोजनाओं में से एक के रूप में गेवरा कोयला खान की भूमिका को ध्यान में रखते हुए, कोयला मंत्रालय ने अपने कठिन प्रयासों से रिकॉर्ड समय में 7 करोड़ टन के उत्‍पादन की पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के साथ समन्वय स्‍थापित करके इसको संभव बनाया है।

एसईसीएल के अध्‍यक्ष और प्रबंधन निदेशक श्री प्रेम सागर मिश्रा ने अवसर पर कहा, ‘‘कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में, कोल इंडिया टीम ने आज (5 मार्च, 2024) एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हमारे पास गेवरा के लिए अत्याधुनिक खनन कार्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खान बनने का एक विजन है और यह उस यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।’’

एसईसीएल प्रबंधन ने गेवरा खान के लिए पर्यावरणीय स्‍वीकृति (ईसी) प्राप्‍त करने में उनके समर्थन के लिए कोयला मंत्रालय को धन्यवाद दिया और कहा कि एसईसीएल के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और छत्तीसगढ़ जल्द ही एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान का घर होगा। श्री मिश्रा ने केंद्र और राज्य की एजेंसियों तथा छत्तीसगढ़ सरकार के साथ-साथ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के समर्थन और इसके द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान करने की त्वरित कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया।

 

गेवरा के बारे में

गेवरा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की विशाल परियोजनाओं में से एक है और पिछले वर्ष यह देश की सबसे बड़ी कोयला खान बन गई, जिसका वार्षिक उत्पादन वित्त वर्ष 22-23 के लिए 5.25 करोड़ टन तक पहुंच गया और 40 वर्षों से भी अधिक समय से यह कोयला खान देश की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान दे रही है। इस खदान की स्‍ट्राइक लेंग्‍थ करीब 10 किलोमीटर है और इसकी चौड़ाई चार किलोमीटर है। इस खदान को सरफेस माइनर, रिपर माइनिंग के रूप में पर्यावरण के अनुकूल ब्लास्ट-मुक्‍त माइनिंग प्रौद्योगिकी से लैस किया गया है और खदान में ओवरबर्डन हटाने के लिए 42 सह-फावड़ा और 240 टन डम्पर संयोजन जैसी उच्चतम क्षमता वाली एचईएमएम मशीनों में से एक का उपयोग किया जाता है। इसमें त्‍वरित और पर्यावरण के अनुकूल कोयला निकासी के लिए कन्वेयर बेल्ट, साइलो और रैपिड लोडिंग प्रणाली से लैस फर्स्ट-माइल कनेक्टिविटी भी है।

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