विद्युत मंत्रालय
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आरईसी लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में बच्चों की शिक्षा में सहायता करने के लिए यूएनआईएसईडी के साथ हाथ मिलाया

Posted On: 03 MAR 2024 8:39PM by PIB Delhi

विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) और एक अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) आरईसी लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के लगभग 75,500 बच्चों की शिक्षा में सहायता करने के लिए विज्ञान और शैक्षणिक विकास इकाई (यूएनआईएसईडी) के साथ साझेदारी की है। आरईसी ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जवाबदेही शाखा आरईसी फाउंडेशन के माध्यम से यह साझेदारी की है। आरईसी ने इस शानदार कार्य के लिए 9.91 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान आरईसी फाउंडेशन और यूएनआईएसईडी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते को आरईसी फाउंडेशन के सीएसआर प्रमुख श्री भूपेश चंदोलिया और यूएनआईएसईडी में सहायक कार्यक्रम निदेशिका श्रीमती रश्मि कुमारी ने अंतिम रूप दिया। इस समझौते से वंचित बच्चों के शिक्षा से अवसरों में सुधार के लिए यूएनआईएसईडी को अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने में सहायता प्राप्त हुई है।

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यूएनआईएसईडी, जिसकी पूरे राष्ट्र मौजूदगी है, ने कहा है कि वह अभिनव शिक्षण प्रणालियों के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए समर्पित है। इस सहयोग के एक हिस्से के तहत यूएनआईएसईडी सिद्धार्थनगर जिले के सरकारी विद्यालयों में सौर ऊर्जा से संचालित स्मार्ट कक्षाएं संचालित करेगा। साथ ही, आनंदपूर्ण शिक्षण संसाधन प्रयोगशालाएं स्थापित करेगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक शैक्षणिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना, उन्हें अकादमिक और रचनात्मक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है।

हाल ही में आरईसी फाउंडेशन ने सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में 15 करोड़ रुपये का योगदान देकर पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा के लिए अपना अटूट समर्थन प्रदर्शित किया है।

 

आरईसी लिमिटेड के बारे में

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश के सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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