संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने 26 और 27 फरवरी, 2024 को "मानकीकरण में प्रभावशीलता पर मानकीकरण अंतर को पाटना" विषय पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान के परिसर में दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया


इस कार्यशाला को आयोजित करने का उद्देश्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मानकीकरण के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की कार्यप्रणाली के बारे में ज्ञान को व्यापक और विस्तृत बनाना है

Posted On: 27 FEB 2024 8:54PM by PIB Delhi

 

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राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान (एनआईसीएफ) और जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) सचिवालय द्वारा इसके दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय कार्यालय तथा दिल्ली स्थित इनोवेशन सेंटर के सहयोग से 26 एवं 27 फरवरी, 2024 को "मानकीकरण में प्रभावशीलता पर मानकीकरण अंतर (बीएसजी) को पाटना" विषय पर नई दिल्ली में दो दिवसीय कार्यशाला का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया है।

राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान, संचार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक 'उत्कृष्ट' मान्यता प्राप्त केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान है, जो दूरसंचार विभाग और डाक विभाग की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करता है।

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दक्षिण एशिया में सरकारों, उद्योग व शिक्षा जगत को एक साथ लाने के उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए दक्षिण एशिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के क्षेत्रीय कार्यालय तथा दिल्ली के इनोवेशन सेंटर की स्थापना 2023 में की गई थी। इस पहल का उद्देश्य यह था कि डिजिटल प्रौद्योगिकी की प्रगति को बढ़ावा दिया जाए, जिससे डिजिटल विभाजन एवं मानकीकरण में अंतर को पाटने के साथ-साथ संचार व सूचना संबंधी आईसीटी प्रौद्योगिकियों, सेवाओं तथा अनुप्रयोगों को अधिक प्रभावी, कुशल और किफायती बनाने के लिए नवाचार को गति प्रदान की जा सके।

दूरसंचार विभाग के सदस्य (वित्त) श्री मनीष सिन्हा और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के वरिष्ठ सलाहकार श्री आर शाक्य ने संयुक्त रूप से 2 दिवसीय बीएसजी कार्यशाला का उद्घाटन किया। श्री सिन्हा ने आईटीयू वर्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (डब्ल्यूटीएसए-24) के अग्रदूत के रूप में इस बीएसजी कार्यशाला के लिए एनआईसीएफ तथा आईटीयू एरिया ऑफिस के हाथ मिलाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और प्रतिभागियों से इस महत्वपूर्ण अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के वरिष्ठ सलाहकार ने सभी सदस्य देशों, विशेषकर अल्प विकसित देशों एवं छोटे द्वीप वाले विकासशील राष्ट्रों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसी व्यक्ति, उद्योग जगत तथा वैश्विक नागरिक को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने के लाभों को भी साझा किया।

राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान की महानिदेशक सुश्री माधवी दास ने इस संबंध में विस्तार से बताते हुए सभी हितधारकों की क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे कि वैश्विक पटल पर भारत सरकार और उद्योग जगत के स्वर को आगे रखा जा सके।

इस कार्यशाला में दूरसंचार विभाग (डॉट), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई), टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सीडॉट), भारतीय दूरसंचार मानक विकास सोसायटी (टीएसडीएसआई), भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और अन्य निजी टेलीकॉम, निर्माता व अन्य सहित दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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दो दिवसीय कार्यक्रम में विषय के विभिन्न बिंदुओं पर 4 सत्र थे।

पहले सत्र में, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के श्री रॉबर्ट क्लार्क ने प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की विभिन्न गतिविधियों, इसकी संरचना और कार्य प्रणाली तथा विभिन्न प्रक्रियाओं से परिचित कराया। इस सत्र ने कार्यशाला में आने वाले सभी प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ में आईसीटी मानकीकरण गतिविधियों का साझेदार बनने में सहायता की।

पहले दिन के दूसरे सत्र को स्विट्जरलैंड में जिनेवा स्थित मुख्यालय से अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की बीएसजी टीम द्वारा ऑनलाइन निर्देशित किया गया था। इस सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों को विश्लेषण के साथ नए बीएसजी कार्यक्रम से परिचित कराना था। बीएसजी और मानवाधिकारों पर संवादात्मक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जबकि प्रशिक्षुओं को बीएसजी के विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी देने के लिए केस स्टडी भी उपलब्ध कराई गई। इस दौरान भागीदारी के विभिन्न पहलुओं और लेखन योगदान के विभिन्न चरणों पर चर्चा की गई, जिनमें मसौदा तैयार करना, उन्हें प्रस्तुत करना, सहयोग प्राप्त करना और अंत में अनुमोदन करना शामिल था।

दूसरे दिन के पहले सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों को मानक तैयार करने की प्रक्रिया में उद्देश्यों की पहचान करना, वैचारिक समूह की बैठकों में हस्तक्षेप करना, वार्तालाप गतिविधियों के अभ्यास, अनुकरण सत्र और मानक विकास प्रक्रिया में अग्रणी कैसे बनें, इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराना था।

अंतिम सत्र का उद्देश्य प्रभावी लेखन, योगदान व उनकी भूमिका पर बातचीत हेतु प्रतिभागियों की समझ को और आगे बढ़ाना था।

इस कार्यशाला का समापन डब्ल्यूटीएसए-24 के संक्षिप्त अवलोकन के साथ हुआ। जिसका आयोजन 14-24 अक्टूबर, 2024 तक दिल्ली में होने वाला है।

उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों सहित विभिन्न प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला की सराहना की क्योंकि इससे उन्हें डब्ल्यूटीएसए-24 की बेहतर तैयारी और संगठन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने में मदद मिली, जिसका आयोजन नई दिल्ली (15-24 अक्टूबर 2024) में किया जाएगा।

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