स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजकोट, बठिंडा, रायबरेली, कल्याणी और मंगलागिरी स्थित पांच एम्स राष्ट्र को समर्पित किए


देश के 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 11,700 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 200 से ज्यादा हेल्थकेयर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

आज 5 एम्स का लोकार्पण इस बात की झलक देता है कि विकसित भारत में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा किस प्रकार विकसित होगा: प्रधानमंत्री

“नई दिल्ली का एक मात्र एम्स लंबे समय से देश की सेवा कर रहा है, आज देश भर में अलग-अलग क्षमताओं के साथ कई नए एम्स काम कर रहे हैं"

"आज उद्घाटन किए गए इन 5 एम्स सहित देश भर में कई परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन तेज गति से काम होने की एक नई परंपरा को दर्शाते हैं"

Posted On: 25 FEB 2024 8:55PM by PIB Delhi

भारत के तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे और सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में हुए एक ऐतिहासिक विकास में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजकोट (गुजरात), बठिंडा (पंजाब), रायबरेली (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) में स्थित पांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) राष्ट्र को समर्पित किए। उन्होंने देश के 23 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 11,700 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कुल 202 स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया , गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल, आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्री महेंद्र मुंजापारा और गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री श्री रुशिकेश पटेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधान सभा के सदस्य भी देश के विभिन्न स्थानों से वर्चुअल रूप से शामिल हुए।

उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज 5 एम्स का लोकार्पण इस बात की झलक देता है कि विकसित भारत में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा कैसे विकसित होगा।" इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि नई दिल्ली का एकमात्र एम्स लंबे समय से देश की सेवा कर रहा था उन्होंने कहा कि "आज देश भर में विभिन्न क्षमताओं में कई नए एम्स काम कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि "आज उद्घाटन किए गए 5 एम्स सहित देश भर में हो रहे कई शिलान्यास और उद्घाटन परियोजनाएं तेज गति से काम करने की एक नई परंपरा को दर्शाती हैं।

पिछले 10 वर्षों के दौरान अर्जित कुछ प्रमुख उपलब्धियों के बारे में प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में लगभग 380 मेडिकल कॉलेजों थे, जबकिआज 700 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। वर्ष 2014 से पीजी और एमबीबीएस सीटों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई हैं और आज देश भर में जन औषधि केंद्रों का विस्तार बढ़कर 10,000 से अधिक इकाइयों का हो गया है।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि एम्स राजकोट की आधारशिला उन्होंने 3 साल पहले रखी थी और वह वायदा आज पूरा हो गया है। इसी तरह बठिंडा, रायबरेली, मंगलागिरी, कल्याणी और रेवाड़ी को भी एम्स देने का वादा किया गया था। पिछले 10 वर्षों में अलग-अलग राज्यों में 10 नए एम्स स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने उन शहरों के नागरिकों को शुभकामनाएं दीं जहां आज एम्स का उद्घाटन किया गया।

5 एम्स के अलावा, जिन 202 हेल्थकेयर बुनियादी ढांच परियोजनाओं का वर्चुअली उद्घाटन और शिलान्यास किया गया, उनमें निम्नलिखित परियोजनाएं शामिल हैं:

  • कराईकल, पुडुचेरी में मेडिकल कॉलेज ऑफ जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) , पंजाब के संगरूर में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड एजुकेशनल रिसर्च (पीजीआईएमईआर) के 300 बेड वाले सैटेलाइट सेंटर का लोकार्पण, यानम, पुद्दुचेरी में जेआईपीएमईआर के 90 बेड वाले मल्टी स्पेशलिटी कंसल्टिंग यूनिट, चेन्नई में नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग, पूर्णिया, बिहार में नया सरकारी मेडिकल कॉलेज; अलप्पुझा में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की 2 क्षेत्रीय इकाइयां,  नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईबी) केरल यूनिट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस (एनआईआरटी), तथा तिरुवल्लुर, तमिलनाडु में न्यू कम्पोजिट टीबी रिसर्च फैसिलिटी शामिल हैं।
  • पंजाब के फ़िरोज़पुर में पीजीआईएमईआर के 100 बिस्तरों वाले सैटेलाइट सेंटर, आरएमएल अस्पताल, दिल्ली में एक नया मेडिकल कॉलेज भवन, क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस), इंफाल में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक, झारखंड के कोडरमा और दुमका सहित अन्य में नर्सिंग कॉलेज सहित विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया गया।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत, प्रधानमंत्री ने 115 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें पीएम-एबीएचआईएम के तहत 78 परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से 57 क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) की आधारशिला रखी गई, जिनकी कुल लागत 1,625 करोड़ रुपये है, 8 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ (आईपीएचएल) जिनकी कुल लागत 10 करोड़ रुपये है, इसके अलावा 3 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 4 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां (बीपीएचयू) शामिल हैं। इसके साथ-साथ आज 8 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 7 आईपीएचएल और 6 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 9 बीपीएचयू का भी लोकार्पण किया गया है।
  • एनएचएम के तहत 290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 29 परियोजनाएं (8 पीएचसी, 16 सीएचसी, 1 मॉडल अस्पताल, 3 एमसीएच विंग 100 बिस्तर वाले और 1 जिला गोदाम) का उद्घाटन और लोकार्पण किया गया और 1.98 करोड़ रुपये की लागत से चिकित्सा अधिकारियों के लिए 1 ट्रांजिट हॉस्टल की आधारशिला रखी गई।
  • पुणे, महाराष्ट्र में 'निसर्ग ग्राम' नामक राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन किया गया। इसमें एक प्राकृतिक चिकित्सा मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ बहु-विषयक अनुसंधान और विस्तार केंद्र वाला 250 बिस्तरों वाला अस्पताल शामिल है।
  • हरियाणा के झज्जर में केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया गया, जिसमें शीर्ष स्तर की योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
  • भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा 8 राज्यों की राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं में लगभग 45 करोड़ रुपये की कुल लागत से स्थापित 10 नई माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया गया। ये राज्य आठ राज्य हैं - उत्तर प्रदेश (लखनऊ, मेरठ), केरल (एर्नाकुलम, कोझिकोड), महाराष्ट्र (मुंबई), छत्तीसगढ़ (रायपुर), असम (गुवाहाटी), दिल्ली (उत्तर पश्चिम दिल्ली), आंध्र प्रदेश (विशाखापत्तनम) और तमिलनाडु (कोयंबटूर)। ये प्रयोगशालाएं खाद्य उत्पादों में पेथोजेन्स सहित विभिन्न सूक्ष्मजीवों का पता लगाकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। 53 मोबाइल परीक्षण प्रयोगशालाएं जिन्हें फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स (एफएसडब्ल्यू) के नाम से भी जाना चाता है, का भी उद्घाटन किया गया। ये प्रयोगशालाएं असम (17), आंध्र प्रदेश (4), चंडीगढ़ (1), हिमाचल प्रदेश (3), जम्मू और कश्मीर (6), मेघालय (2), उत्तर प्रदेश (18) और उत्तराखंड (2) में स्थित हैं।

पृष्ठभूमि:

राजकोट, बठिंडा, रायबरेली, कल्याणी और मंगलागिरी में 5 एम्स का निर्माण कुल 6315.23 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।

एम्स मंगलगिरी 1618.23 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 960 बिस्तरों वाला अस्पताल परिसर है। यह 183.11 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 125 सीटों वाला एक मेडिकल कॉलेज भी है।

एम्स रायबरेली 610 बिस्तरों वाला अस्पताल परिसर है जिसमें 30 आपातकालीन और ट्रॉमा तथा आईसीयू और सुपर स्पेशलिटी बिस्तर हैं। इसमें 100 सीटों वाला एक मेडिकल कॉलेज और 2 आपातकालीन तथा 2 प्रसूति ओटी सहित 12 ऑपरेशन थिएटर हैं। इसकी कुल परियोजना लागत 823 करोड़ रुपये है।

एम्स राजकोट को 1195 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह 50 सीट वाले मेडिकल कॉलेज के साथ 750 बिस्तरों वाला अस्पताल परिसर है जो 201 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।

एम्स बठिंडा 177 एकड़ भूमि पर बना 750 बिस्तरों वाला चिकित्सा संस्थान है। इसमें 10 स्पेशलिटी विभाग, 11 सुपर-स्पेशियलिटी विभाग और 6 ऑपरेशन थिएटर के साथ-साथ 30 आपातकालीन, ट्रॉमा, आईसीयू और सुपर स्पेशलिटी बेड हैं। एम्स बठिंडा में 100 सीटों वाला एक मेडिकल कॉलेज और 60 सीटों वाला एक नर्सिंग कॉलेज है। इसकी कुल परियोजना लागत 925 करोड़ रुपये है।

एम्स कल्याणी 179.82 एकड़ भूमि पर बना 960 बिस्तरों वाला अस्पताल है। इसमें 125 सीटों वाला एक मेडिकल कॉलेज, 60 सीटों वाला एक नर्सिंग कॉलेज और 30 बिस्तरों वाला एक आयुष ब्लॉक है। इसकी कुल परियोजना लागत 1754 करोड़ रुपये है।

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