जनजातीय कार्य मंत्रालय
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने तेलंगाना के मेदाराम में देश के बसे बड़े जनजातीय उत्सव, सम्मक्का - सरलम्मा जतारा का दौरा किया
दो वर्षों पर आयोजित होने वाला मेदाराम जतारा कुंभ मेले के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है जो ‘ एक भारत श्रेष्ठ भारत ‘ का प्रतीक है
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इसकी जनजातीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए मेदाराम जतारा 2024 के लिए 2.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी
Posted On:
23 FEB 2024 9:17PM by PIB Delhi
केंद्रीय जनजातीय कार्य, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज तेलंगाना एवं पुदुचेरी के राज्यपाल डॉ. तमिलसई सौंदरराजन के साथ तेलंगाना के मुलुगु जिले में मेदाराम में देश के बसे बड़े जनजातीय उत्सव, सम्मक्का - सरलम्मा महा जतारा का दौरा किया। दो वर्षों पर आयोजित होने वाला मेदाराम जतारा कुंभ मेले के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है जो कोया जनजाति द्वारा चार दिनों तक मनाया जाता है। इस वर्ष यह तेलंगाना सरकार के जनजातीय कल्याण विभाग के सहयोग से 21 फरवरी से 24 फरवरी 2024 तक मनाया जा रहा है।
श्री मुंडा ने सम्मक्का - सरलम्मा के देवताओं की प्रार्थना करते हुए और सभी की भलाई एवं हमारे देश की समृद्धि के लिए आर्शीवाद मांगते हुए कहा कि मेदाराम जतारा के गहन आध्यात्मिक आनंद और जीवंत वातावरण को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह जनजातीय लोगों का सबसे बड़ा उत्सव है। यह देश भर के अलग अलग राज्यों से आने वाले भक्तों के साथ ‘ एक भारत श्रेष्ठ भारत ‘ का प्रतीक है।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मेदाराम जतारा 2024 से संबंधित विभिन्न कार्यकलापों के लिए 2.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इन कार्यकलापों में मेदाराम जतारा पर एक वृत्तचित्र, जनजातीय कलाओं, शिल्पों और व्यंजनों की प्रदर्शनी सह बिक्री, राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य उत्सव, जनजाति और जनजातीय होमस्टे का सुदृढ़ीकरण, विभिन्न कार्यकलापों में जनजातीय युवाओं और छात्रों के लिए प्रतियोगिता आदि जैसे मेदाराम संस्कृति एवं विरासत को बढ़ावा देने वाली कई गतिविधियां शामिल हैं। उत्सव में आने वाले लोगों की संख्या तथा इसके शुभ महत्व को ध्यान में रखते हुए जतारा को 1996 में एक राज्य महोत्सव घोषित किया गया था। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2018 एवं वर्ष 2020 में आयोजित मेदाराम जतारा के लिए 2 करोड़ रुपये जारी किए थे जबकि वर्ष 2022 में 2.26 करोड़ रुपये जारी किए। इस निधि का उपयोग अन्य कार्यकलापों के अतिरिक्त, मेदाराम जनजातीय संग्रहालय तथा सांस्कृतिक परिसर को सुदृढ़ बनाने के लिए किया गया था।
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा इस उत्सव को जारी सहायता का उद्देश्य अतिथियों एवं तेलंगाना जनजातीय समूहों के बीच जागरूकता और शांतिपूर्ण संबंध की एक भावना का सृजन करना है। इसके अतिरिक्त, यह जनजातीय लोगों को वैश्विक स्तर पर अपने जनजातीय इतिहास को उजागर करने और अपनी विशिष्ट जनजातीय परंपराओं, संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करने में भी मदद करता है।
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