श्रम और रोजगार मंत्रालय
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कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या-जनवरी, 2024

Posted On: 20 FEB 2024 9:36PM by PIB Delhi

जनरी, 2024 माह के लिए कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (आधार: 1986-87=100) क्रमशः 1 अंक बढ़कर 1258  और 1268 अंक पर पहुंच गई। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में वृद्धि में प्रमुख योगदान क्रमशः 1.57 और 1.55 अंकों की सीमा तक मिश्रित समूह और ईंधन एवं लाइट से आया, जिसका मुख्य कारण दवाईयों, चिकित्सक शुल्क,नाई शुल्क,स्नान साबुन,सिनेमा टिकट और ईंधन की लकड़ी आदि की कीमतों में वृद्धि रही।

सभी राज्यों के सूचकांकों में मिश्रित रुझान देखने को मिला। दस राज्यों में सीपीआई-एएल में कमी देखी गई जबकि एक राज्य में सूचकांक में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

कृषि श्रमिकों के मामले में 9 राज्यों में 1 से 10 अंक की वृद्धि, 10 राज्यों में 1 से 5 अंक की गिरावट और 1 राज्य में समान रहा। तमिलनाडु 1470 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शीर्ष पर है जबकि हिमाचल प्रदेश 970 अंकों के साथ सबसे नीचे है।

ग्रामीण श्रमिकों के मामले में 9 राज्यों में 1 से 10 अंकों की वृद्धि, 10 राज्यों में 1 से 5 अंकों की गिरावट और 1 राज्य में समान रहा। आंध्र प्रदेश 1454 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शीर्ष पर है जबकि हिमाचल प्रदेश 1020 अंकों के साथ सबसे नीचे है।

राज्यों के बीच, मुख्य रूप से लहसुन,अमरूद, प्लास्टिक चप्पल,दवाईयों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिकों और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिकों (9 अंक) दोनों के लिए हिमाचल प्रदेश में अधिकतम वृदधि देखी गई। मध्यप्रदेश में गेहूं का आटा, ज्वार, मक्का, सब्जियां और फलों,लहसुन,मसालों,चमड़ा और प्लास्टिक के जूते आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिकों के लिए 10 अंकों की अधिकतम वृद्धि देखने को मिली। असम,बिहार और पश्चिम बंगाल में चावल,सरसों का तेल,ताजा मछली,प्याज,हरी मिर्च, सब्जियां और फलों आदि में कमी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिकों में प्रत्येक में 5 अंको की कमी हुई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक- ग्रामीण श्रमिकों के लिए, त्रिपुरा में मांस, मछली और अंडो,मसालों, फलों और सब्जियों आदि की कीमतों में कमी के कारण अधिकतम 5 अंकों की कमी हुई। 

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिकों और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिकों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी, 2024 में 7.52 प्रतिशत और 7.37 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर, 2023 में यह क्रमशः 7.71 प्रतिशत और 7.46 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमशः 6.85 प्रतिशत और 6.88 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, जनवरी, 2024 में खाद्य मुद्रास्फीति 9.67 प्रतिशत और 9.43 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर, 2023 में यह क्रमशः 9.95 प्रतिशत और 9.80 प्रतिशत एवं पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमशः 6.61 प्रतिशत और 6.47 प्रतिशत थी।

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  1. अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (सामान्य एवं समूह-वार)

समूह

कृषि श्रमिक

ग्रामीण श्रमिक

 

दिसंबर 2023

जनवरी 2024

दिसंबर 2023

जनवरी 2023

सामान्य सूचकांक

1257

1258

1267

1268

खाद्य

1205

1202

1210

1207

पान, सुपारी आदि

2011

2025

2020

2035

ईंधन एवं लाइट

1312

1325

1304

1318

कपड़े, बिस्तर और जूते

1273

1276

1325

1331

विविध

1285

1298

1289

1302

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  1. फरवरी, 2024 महीने के लिए सीपीआई-एएल और आरएल 20 मार्च, 2024 को जारी किए जाएंगे।

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एमजी/एआर/एजे


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