राष्ट्रपति सचिवालय

राष्ट्रपति ने सेल्यूलर जेल का दौरा किया, पोर्ट ब्लेयर में नागरिक अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया

Posted On: 19 FEB 2024 8:33PM by PIB Delhi

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की पांच दिवसीय यात्रा पर आज (19 फरवरी, 2024) को पोर्ट ब्लेयर पहुंची हैं।

पोर्ट ब्लेयर पहुंचने के बाद उन्होंने अपने पहले कार्यक्रम के तहत शहीद स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की और सेल्यूलर जेल परिसर व संग्रहालय का दौरा किया। इसके अलावा राष्ट्रपति ने सेल्यूलर जेल में लाइट और साउंड शो को भी देखा।

इसके बाद राष्ट्रपति ने डॉ. बीआर आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अंडमान और निकोबार प्रशासन की ओर से उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से जोड़ने में इन द्वीपों का विशेष भौगोलिक महत्व है। इसे देखते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक मुख्य घटक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्राकृतिक सुंदरता पूरे विश्व के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। उन्होंने बताया कि इस केंद्रशासित प्रदेश में पर्यटन को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वीर सावरकर हवाईअड्डे के एक नए टर्मिनल भी निर्माण किया गया है। उन्होंने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी में प्रभावशाली विकास के कारण साल 2014 और 2022 के बीच इन द्वीपों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के निरंतर बढ़ने से रोजगार बढ़ेगा और इस केंद्रशासित प्रदेश के युवाओं को अपनी प्रगति करने के नए अवसर प्राप्त होंगे।

राष्ट्रपति ने बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आसपास का विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) भारत के कुल ईईजेड का लगभग 30 फीसदी है। उन्होंने कहा कि इस द्वीप की समुद्री अर्थव्यवस्था का भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि मछली और अन्य समुद्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य प्रगति पर हैं।

राष्ट्रपति ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्वच्छ पर्यावरण और इकोसिस्टम को संरक्षित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि हमें विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ना होगा।

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