वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एपीडा ने कृषि निर्यात क्षमता निर्माण के लिए मिर्ज़ापुर में क्षमता निर्माण कार्यक्रम और क्रेता बैठक की मेजबानी की

Posted On: 15 FEB 2024 5:54PM by PIB Delhi

पूर्वी उत्तर प्रदेश, जिसे पूर्वांचल भी कहा जाता है, से कृषि और प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स की निर्यात क्षमता का लाभ उठाने के लिए, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 14 फरवरी 2024 को मिर्ज़ापुर में 'कृषि-निर्यात: क्षमता निर्माण और क्रेता-विक्रेता बैठक' का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने मुख्य अतिथि रहीं। राज्यसभा सांसद श्री राम शकल की अगुवाई में कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, निर्यातक संघों के प्रतिनिधि, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), हितधारकों और क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम को किसानों से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और 1500 से अधिक किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

अपने मुख्य भाषण में श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कृषि निर्यात बढ़ाने के महत्व पर जोर देते हुए न केवल देश की विदेशी मुद्रा में योगदान देने की उनकी क्षमता पर प्रकाश डाला, बल्कि रोजगार के मामले में सबसे बड़ा क्षेत्र होने के नाते किसानों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की भी चर्चा की। उन्होंने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए किसानों की आय और कल्याण बढ़ाने में भारत सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और वैश्विक बाजारों तक उनकी पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए वाणिज्य विभाग के संकल्प को रेखांकित किया। उन्होंने बागवानी, मसालों और समुद्री उत्पादों जैसे विभिन्न कृषि क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के फोकस को भी रेखांकित किया। उन्होंने ऐसी ही एक आगामी महत्वपूर्ण परियोजना, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में चुनार उपमंडल में में बनने वाली 'सरदार वल्लभभाई पटेल निर्यात सुविधा केंद्र' पर प्रकाश डाला, जो निकट अवधि में पूरा होने पर, इस क्षेत्र से कृषि निर्यात को काफी बढ़ावा देगा, जिससे पूर्वांचल देश का एक कृषि निर्यात हब बन जाएगा।

एपीडा के अध्यक्ष, श्री अभिषेक देव ने बाजार संबंधों पर ध्यान केंद्रित करके और निर्यात बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर एफपीओ और किसानों के लिए निर्यात के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि एपीडा, जिसने 13 फरवरी, 2024 को अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया, कृषि निर्यात मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों, विशेषकर किसानों को उभरते बाजार के अवसरों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और जोखिम प्रदान करके उनकी आय बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोहराया कि एपीडा सभी हितधारकों के लाभ के लिए निकट भविष्य में भी ऐसे आयोजन करना जारी रखेगा।

'सरदार वल्लभभाई पटेल निर्यात सुविधा केंद्र' कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र के निर्यात को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस नए विकासशील बुनियादी ढांचे की कल्पना एफपीओ, किसानों, निर्यातकों और अन्य हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने वाली एक व्यापक सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में की गई है। मिर्ज़ापुर जिले के चुनार उप-मंडल में 5 एकड़ क्षेत्र में फैली इस परियोजना में सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ एक आधुनिक पैकहाउस की भी सुविधा है। इसके अलावा, परियोजना में एक प्रशिक्षण सुविधा भी है जिससे क्षेत्र के सभी किसानों और एफपीओ/एफपीसी को लाभ होगा। अंत में, इस परियोजना में प्रमुख निर्यात-उन्मुख सरकारी निकायों जैसे एमपीईडीए, मसाला बोर्ड, आईआईपी, ईआईसी के कार्यालय भी होंगे जो क्षेत्र के कृषि-निर्यात ईकोसिस्टम के लिए सेवाएं देंगे।

एपीडा के प्रयासों के साथ, अब पूर्वांचल क्षेत्र के वाराणसी हवाई अड्डे पर कोल्ड रूम, क्वारेन्टीन और कस्टम क्लीयरेंस सेवाओं और कृषि एयर कार्गो के लिए हवाई अड्डे की सक्रियता जैसी महत्वपूर्ण निर्यात सुविधाएं भी उपलब्ध हैं जिनमें से सभी में 2019 से पहले कुछ न कुछ कमी थी। वाराणसी हवाई अड्डे द्वारा दिसंबर 2023 तक 702 मीट्रिक टन जल्दी खराब होने वाले माल की हैंडलिंग हुई जो पिछले साल के 561 मीट्रिक टन के आंकड़े के मुकाबले काफी ज्यादा रही और वास्तव में यह क्षेत्र की कृषि-निर्यात क्षमताओं में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है। एपीडा ने भारत भर से अग्रणी खरीदारों को आमंत्रित करने, एफपीओ और किसानों को सीधे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित करने में भी मदद की।

इस बात पर जोर दिया जा सकता है कि एपीडा की पहल ने उत्तर प्रदेश को वित्त वर्ष 2023-24 (23 अप्रैल से 23 नवंबर) में केवल गुजरात और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक राज्य बनने के लिए प्रेरित किया है। एपीडा द्वारा गंगा क्षेत्र की क्षमता के सफल दोहन ने एफपीओ और निर्यातकों को क्षेत्र से कृषि-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाया है। लगभग 50 एफपीओ को कृषि निर्यात के लिए निर्यातकों के रूप में बढ़ावा दिया गया है, जिनमें से 20 से अधिक सक्रिय रूप से प्रत्यक्ष और डीम्ड निर्यात दोनों में लगे हुए हैं।

हरी मिर्च, आम, टमाटर, भिंडी, आलू, सिंघाड़ा, क्रैनबेरी, केला, जिमीकंद, आइवी लौकी, लौकी, परवल, अरवी, अदरक, ताजा गेंदा जैसे ताजे फल और सब्जियों और चावल सहित कृषि उत्पादों की एक बड़ी रेंज का निर्यात किया गया है, जो वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्र की क्षमता को रेखांकित करता है।

*****

 

एमजी/एआर/पीके


(Release ID: 2006429) Visitor Counter : 375


Read this release in: English , Urdu