जनजातीय कार्य मंत्रालय
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री ने 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भर के जनजातीय अतिथियों और झांकी कलाकारों के सम्मान में नई दिल्ली में स्वागत समारोह का आयोजन किया
प्रधानमंत्री की परिकल्पना 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास', 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत' के तहत जनजातीय क्षेत्रों में तेजी से विकास और सुशासन का अनुभव हो रहा है : श्री अर्जुन मुंडा
Posted On:
31 JAN 2024 9:45PM by PIB Delhi
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री; कृषि एवं किसान कल्याण श्री अर्जुन मुंडा ने 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भर के जनजातीय अतिथियों और झांकी कलाकारों के सम्मान में आज नई दिल्ली में स्वागत समारोह की मेजबानी की। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिस्वेश्वर टुडू और जनजातीय कार्य; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने समग्र दृष्टिकोण के साथ आदिवासी लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि मुझे संतोष है कि इसका असर अब जनजातीय समाज के जीवन पर दिखने लगा है। यह हमारे समाज का वह वर्ग था जो सबसे अधिक वंचित था, लेकिन प्रधानमंत्री के 5एस मंत्र - स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान और स्वाभिमान - के संकल्प से आदिवासी समाज का उत्थान हुआ है, उन्हें सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ सम्मानजनक जीवन मिला है।
मंत्री ने यह भी कहा कि यह भारत के जनजातीय समुदाय के लिए बेहद गर्व का क्षण है कि बजट सत्र 2024 की शुरुआत करते समय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुमनाम आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए देश भर में दस संग्रहालयों के उद्घाटन का उल्लेख किया। श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास', 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत', 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत' की परिकल्पना के तहत जनजातीय क्षेत्रों में तेजी से विकास और सुशासन हो रहा है।
इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री विभु नायर ने कहा कि मंत्रालय एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के तहत विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए हर साल राज्यों के जनजातीय समुदाय के मेहमानों को आमंत्रित करता है।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने जनजातीय अतिथियों एवं कलाकारों का अभिनंदन किया। साथ ही पुरस्कार देकर उन्हें सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किए गए विभिन्न जीवंत जनजातीय नृत्यों में मणिपुर का मैबी जगोई, आंध्र प्रदेश का थिलाना गीत, छत्तीसगढ़ से परब नृत्य, गुजरात से गरबा, लद्दाख के पारंपरिक लोक गीत, तमिलनाडु का अलारिप्पु गीत, झारखंड से नागपुरी दमकच नृत्य, महाराष्ट्र से केसरी और हरियाणा से हरियाणवी लोक (बोले पपीहा) नृत्य शामिल था।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आदिवासी मेहमानों, झांकी कलाकार, एनएसएस स्वयंसेवक और एनसीसी कैडेट्स और अन्य अधिकारी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और उनसे सार्थक बातचीत में शामिल हुईं। उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड 2024 के लिए भारत की समृद्ध जनजातीय परंपराओं और इतिहास को बनाए रखने में उनके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
एक अन्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी मेहमानों, एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेट्स से मुलाकात की और बातचीत की।
इसके अलावा जनजातीय कार्य मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस में भाग लेने आए देश के विभिन्न राज्यों से जनजातीय अतिथियों के लिए दिल्ली के विश्व युवा केंद्र में स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती आर जया ने सभी आदिवासी अतिथियों का स्वागत किया।
देश के विभिन्न दूर-दराज क्षेत्रों से आए जनजातीय मेहमानों ने पहली बार दिल्ली मेट्रो में यात्रा की, जो उनके लिए अविस्मरणीय क्षण था। जनजातीय मेहमानों ने दिल्ली मेट्रो संग्रहालय का दौरा किया और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की शानदार यात्रा को दर्शाने वाले विभिन्न पैनल, मॉडल, फोटो गैलरी और प्रदर्शनी भी देखीं।
जनजातीय अतिथि नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का भी दौरा किया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के जीवन, कार्यों और योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
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