शिक्षा मंत्रालय
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को ध्‍यान में रखते हुए एनसीटीई ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर सीबीएसई के साथ एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया


शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) स्कूलों में शिक्षक बनने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है

टीईटी की शुरुआत के बाद से यह पहला राष्ट्रीय सम्मेलन

माध्यमिक स्तर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की सिफारिशों पर विचार-विमर्श

शिक्षा व्यक्ति में समझ का विकास है: प्रोफेसर योगेश सिंह, अध्यक्ष एनसीटीई

शिक्षक पात्रता परीक्षा एक शिक्षक की क्षमता और दक्षता को समझने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है: श्रीमती निधि छिब्बर आईएएस, चेयरपर्सन सीबीएसई

एनसीटीई माध्यमिक स्तर (कक्षा 9वीं से 12वीं) पर टीईटी के प्रस्ताव और कार्यान्वयन की दिशा में काम कर रही है: सुश्री केसांग वाई. शेरपा आईआरएस, सदस्य सचिव एनसीटीई

Posted On: 12 FEB 2024 7:32PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने केन्‍द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ साझेदारी में आज 12 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) को ध्‍यान में रखते हुए आवश्यक सुधारों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया।

राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, सुश्री केसांग वाई शेरपा आईआरएस, सदस्य सचिव एनसीटीई ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने विभिन्न स्तरों पर टीईटी के कार्यान्वयन की सिफारिश की है, एनसीटीई माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर टीईटी का प्रस्‍ताव रखने और उसे लागू करने की दिशा में काम कर रही है।

सीबीएसई की चेयरपर्सन, आईएएस श्रीमती निधि छिब्बर ने कहा कि एक शिक्षक की क्षमता कक्षा में एक प्रभावी वातावरण बनाती है, इसलिए शिक्षक पात्रता परीक्षा एक शिक्षक की क्षमता और दक्षता को समझने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीबीएसई लंबे समय से टीईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है और इसलिए उसके पास व्यापक अनुभव है, हम टीईटी का डेटा एनसीटीई के साथ साझा करेंगे और भविष्य की योजना को मिलकर लागू करेंगे।

आईआरएस और प्रधान आयुक्त, आयकर श्री विक्रम सहाय ने टीईटी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर चुनौतियों का स्तर भी बदलता है, इसलिए प्रत्येक स्तर की पात्रता के लिए मानकीकरण भी आवश्यक है।

एनसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि अंकों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, शिक्षा प्रणाली का मुख्य ध्यान छात्रों में भारतीय लोकाचार और मूल्यों को विकसित करने पर भी होना चाहिए जैसा कि एनईपी 2020 में परिकल्पना की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कहा कि शिक्षा व्यक्ति में समझ विकसित करती है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के टीईटी संयोजक श्री अभिमन्यु यादव ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और इसकी स्थापना के बाद से देश भर में स्कूल शिक्षकों की गुणवत्ता और क्षमता में सुधार करने में टीईटी की यात्रा पर प्रकाश डाला। प्रस्तुति देते समय, उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया, पात्रता मानकों और स्कूलों में योग्य शिक्षण पेशेवरों के चयन को सुनिश्चित करने और एनईपी 2020 के दृष्टिकोण के अनुसार इसे स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों तक विस्तारित करने के महत्व जैसे कई बिंदुओं पर चर्चा की।

प्रो. एच.सी.एस. राठौड़, पूर्व कुलपति, दक्षिण बिहार केन्‍द्रीय विश्वविद्यालय, और प्रोफेसर आर.सी. पटेल सेवानिवृत्त प्रोफेसर एमएस यूनिवर्सिटी बड़ौदा, वडोदरा, गुजरात ने सम्मेलन में पैनल चर्चा के दौरान प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए कई प्रश्नों के उत्तर दिए। भारत के राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के अपने अनुभव साझा किए और एनईपी 2020 को ध्‍यान में रखते हुए टीईटी के पुनरुद्धार की तैयारी के लिए सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा किया।

समापन सत्र में, संयोजक टीईटी ने सभी अकादमिक गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षा प्रशासकों और राष्ट्रीय सम्मेलन के सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।

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