पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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भूमि बैंकों का गठन

प्रविष्टि तिथि: 08 FEB 2024 4:20PM by PIB Delhi

वन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के नुकसान की भरपाई के लिए, वन (संरक्षण) कानून, 1980 और उसके तहत नियमों के प्रावधानों के अनुसार गैर-वानिकी उद्देश्य के लिए हस्तांतरित वन भूमि के बदले क्षतिपूरक वनरोपण (सीए) वृक्षारोपण किया जाता है। यह उल्लेख करना उचित है कि क्षतिपूरक वनरोपण बढ़ाने के लिए पहचाने गए स्थल अधिकतर दुर्दम्य और क्षत-विक्षत हैं, जिन्हें वनस्पति की तरह जंगल में विकसित होने में लंबा समय लगता है। यदि प्रारंभिक वर्षों में वृक्षारोपण नहीं किया जाता है, तो ऐसे वृक्षारोपण की सफलता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाते हैं।

वनीकरण के लिए भूमि बैंक के सीमांकन के लिए इस मंत्रालय द्वारा कोई विशिष्टता/पद्धति निर्धारित नहीं की गई है। 'भूमि' राज्य सरकार का विषय है, इसलिए, वनीकरण के लिए भूमि की पहचान और सीमांकन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है।

क्षतिपूरक वनरोपण के लिए निर्मित या प्रस्तावित भूमि बैंकों का विवरण संबंधित राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश द्वारा रखा जाता है, न कि इस मंत्रालय के स्तर पर।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/केपी/डीवी


(रिलीज़ आईडी: 2004179) आगंतुक पटल : 246
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