विद्युत मंत्रालय
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पिछले तीन वर्षों में कुल 2.3 गीगावॉट क्षमता के 19 कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट निष्क्रिय हुए


सीईए ने थर्मल पावर यूटिलिटीज को 200 मेगावाट से अधिक क्षमता के कोयला आधारित बिजली स्टेशनों को 2030 से पहले निष्क्रिय नहीं करने या नये उपयोग में नहीं लाने और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह जारी की : केन्‍द्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

Posted On: 08 FEB 2024 2:46PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय विद्युत् और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने थर्मल पावर प्लांटों को बंद करने के संबंध में नियमों और विनियमों के बारे में जानकारी दी है।

खतरनाक पदार्थों के सुरक्षित प्रबंधन, निगरानी और निपटान तथा बेकार हो चुके थर्मल पावर प्लांटों को नष्ट करने और निपटान के लिए, थर्मल पावर प्लांट्स (टीपीपी) को विभिन्न नियमों और विनियमों, दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है जैसे:

  1. जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) कानून, 1976 और वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) कानून, 1981 के अंतर्गत लागू पर्यावरणीय नियमों का पालन।
  2. खतरनाक कचरा प्रबंधन नियम, 2016, ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 और ई-कचरा प्रबंधन नियम, 2022 का पालन
  3. फैक्ट्री कानून-1948 का पालन

विद्युत कानून, 2003 की धारा 7 के अनुसार उत्पादन एक गैर-लाइसेंसीकृत गतिविधि है। बिजली उत्पादन कंपनियों ने अपने स्वयं के तकनीकी-आर्थिक और वाणिज्यिक विचारों और पर्यावरणीय कारणों के आधार पर कोयला आधारित थर्मल इकाई को बंद करने और उन मजदूरों और आकस्मिक श्रमिकों के पुनर्वास का निर्णय लिया गया है जो कोयला आधारित बिजली संयंत्र के बंद होने के बाद अपनी नौकरी खो सकते हैं। सामान्य तौर पर, कोयला-आधारित इकाई के बंद होने के बाद जो मजदूर और आकस्मिक श्रमिक अपना काम खो सकते हैं, उन्हें मामले-दर-मामले के आधार पर उपयोगिता के अन्य उपलब्ध कार्यों में फिर से नियोजित किया जाता है।

पिछले तीन वर्षों अर्थात 01.01.2021 से 31.01.2024 तक 2344 मेगावाट क्षमता की 19 कोयला आधारित इकाइयाँ निष्क्रिय हो चुकी हैं। निष्क्रिय कोयला आधारित इकाइयों की राज्यवार सूची नीचे दी गई है।

पिछले तीन वर्षों में निष्क्रिय कोयला आधारित थर्मल इकाइयों की सूची

(01.01.2021 से 31.01.2024 तक)

क्रम संख्‍या

स्‍टेशन/संयंत्र का नाम

राज्‍य

ईंधन

इकाई संख्‍या

इकाइयों की संख्‍या

स्‍थापित क्षमता (मैगावाट)

निष्क्रिय (मैगावाट)

निष्क्रिय हुईं

1

बोकारो `बी` टीपीएस

झारखंड

कोयला

3

1

210 (1*210)

210

01.04.2021

2

कोरबा-III

छत्‍तीसगढ़

कोयला

1,2

2

240 (2*120)

240

01.01.2021

3

तलचर (पुराना) टीपीएस

ओडिशा

कोयला

1,2,3,4,5,6

6

460 (4*60+

2*110)

460

01.04.2021

4

कोरादी टीपीएस

महाराष्‍ट्र

कोयला

7

1

210

(1*210)

210

02.09.2021

5

मुजफ्फरपुर टीपीएस

बिहार

कोयला

1,2

2

220

(2*110)

220

31.01.2022

6

बंदेल टीपीएस

पश्चिम बंगाल

कोयला

1

1

60(1*60)

60

28.03.2022

7

कोलाघाट टीपीएस

पश्चिम बंगाल

कोयला

1,2

2

420

(2*210)

420

28.03.2022

8

ओबरा टीपीएस

उत्‍तर प्रदेश

कोयला

7

1

94

(1*94)

94

13.10.2022

9

दुर्गापुर टीपीएस

पश्चिम बंगाल

कोयला

4

1

210 (1*210)

210

19.12.2022

10

परीच्‍छा टीपीएस

उत्‍तर प्रदेश

कोयला

1,2

2

220

(2*110)

220

11.10.2023

कुल

 

19

 

2344

 

 

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने सभी थर्मल पावर यूटिलिटीज को एक सलाह जारी की है कि वे अपने कोयला आधारित बिजली स्टेशनों (200 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली इकाइयों) को 2030 से पहले निष्क्रिय या पुनर्उपयोग न करें और यदि आवश्यक हो तो भविष्य में ऊर्जा की अपेक्षित मांग के परिदृश्य और क्षमता की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, नवीकरण और आधुनिकीकरण (आरएंडएम) कार्यों के बाद थर्मल इकाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

यह जानकारी केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आज, 8 फरवरी, 2024 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/केपी/डीवी


(Release ID: 2004163)
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