उप राष्ट्रपति सचिवालय
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राज्यसभा के सभापति द्वारा सेवानिवृत्त सदस्यों को विदाई भाषण का मूल पाठ

Posted On: 08 FEB 2024 2:43PM by PIB Delhi

माननीय सदस्‍यगण, यह हम सभी के लिए एक भावनात्मक अवसर है क्योंकि हम अपने 68 सम्मानित सहयोगियों को विदाई दे रहे हैं, जो अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद फरवरी और मई के बीच सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

मुझे विश्‍वास है कि सेवानिवृत्त होने वाले सदस्य भी भारत और प्रत्येक भारतीय के हित को आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों के लिए गंभीर संतुष्टि भावना के साथ जाएंगे।

कृपया मुझे हमारे प्रत्येक सम्मानित सेवानिवृत्त सहकर्मी द्वारा की गई विशिष्ट सेवा के लिए अपनी गहरी सराहना व्यक्त करने की अनुमति दें। उनके योगदान को प्रेमपूर्वक याद किया जाएगा और उनके द्वारा साझा किए गए ज्ञान को बहुत याद किया जाएगा।

माननीय सदस्यगण, संसद के ये पवित्र कक्ष लोकतंत्र के मंदिर का गर्भगृह हैं। इस सदन के मंच से अपनी मातृभूमि की सेवा करने में सक्षम होना एक विशिष्ट सम्मान और दुर्लभ विशेषाधिकार है।

यह सदन हमारे जीवंत लोकतंत्र द्वारा साझा किए गए विचारों की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है लेकिन साथ ही यह हमारे उद्देश्य की एकता को भी दिखाता है। हम इस महान भूमि की सेवा करने की अनूठी प्रतिबद्धता के साथ यहां आए हैं।

परिवर्तनकारी महत्‍त्‍वपूर्ण घटनाओं को प्रभावित करने में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए आप सभी ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है।

इस अवधि में, राज्‍य सभा ने अनेक महत्वपूर्ण घटनाएँ देखीं और उनमें से कुछ हैं:

अनुच्छेद 370 की समाप्ति - हमारे संविधान का एक अस्थायी प्रावधान,

लोकसभा और राज्य विधानमंडल में महिलाओं के लिए 1/3 की सीमा तक आरक्षण सुनिश्चित करना।

माननीय सदस्यगण, भारतीय भाषाओं का उपयोग बढ़ा है। सदन में चर्चा के दौरान पहली बार डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी और संथाली का उपयोग किया गया। सदस्यों के लिए 22 भाषाओं में से किसी एक में बोलने की व्यवस्था की गई।

उपाध्यक्षों के पैनल में एक नया बदलाव आया - कई पहली बार सदस्यों ने राज्‍य सभा की अध्यक्षता की।

हमने एकजुट होकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि लोकतंत्र का यह मंदिर संवाद, बहस, विचार-विमर्श और विचार-विमर्श का थियेटर बनकर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखे।

माननीय सदस्यगण, आपके साथ काम करना और आपके अध्यक्ष के रूप में सेवा करना एक ऐसा सम्मान है जिसे वर्णित नहीं किया जा सकता। आपने मेरे और अपने सहकर्मियों के लिए यह असाधारण विशेषाधिकार और सीखने का मंच उपलब्ध कराया।

हमारे सेवानिवृत्त सहयोगियों के समृद्ध योगदान ने चर्चा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि की है जो हमारे राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी से सदन और उसकी समितियाँ काफी समृद्ध हुई हैं।

राज्यसभा की दो विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों के अध्यक्ष, श्री सुशील कुमार मोदी और डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी तथा स्थायी समिति के एक सदस्य, डॉ. सीएम रमेश की सेवानिवृत्ति विधायी नीतियों को आकार देने और सरकारी कार्यों की जाँच में उनके प्रभावशाली कार्यकाल की परिणति का प्रतीक है।

सेवानिवृत्त होने वालों में हमारी पाँच सम्मानित महिला सदस्य श्रीमती जया बच्चन, श्रीमती वंदना चव्हाण, श्रीमती कांता कर्दम, डॉ. सोनल मानसिंह और डॉ. अमी याज्ञनिक शामिल हैं। सभी पाँच सम्मानित सदस्यों को उपाध्यक्षों के पैनल में शामिल होने का अवसर मिला। मैं अमूल्य योगदान के लिए हृदय से अपनी सराहना और आभार व्यक्त करता हूं।

माननीय सदस्य, जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनमें नौ मंत्री - श्री धर्मेंद्र प्रधान, श्री नारायण राणे, श्री अश्विनी वैष्णव, डॉ. मनसुख मांडविया, श्री भूपेन्द्र यादव, श्री परषोत्तम रूपाला, श्री राजीव चन्द्रशेखर, श्री वी. मुरलीधरन, डॉ. एल. मुरुगन शामिल हैं और उन सभी ने अपने-अपने मंत्रालयों को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर इस देश की विशिष्ट सेवा की है। 

मैं उप-सभापतियों के पैनल के सदस्यों की भी सराहना कर सकता हूं जिनके योगदान से इस सदन में होने वाली बहसों की गुणवत्ता में काफी वृद्धि हुई है।

माननीय सदस्यों, हमारे सम्मानित सहयोगियों की सेवानिवृत्ति निस्संदेह एक शून्य छोड़ देगी। यद्पि, यह अक्सर कहा जाता है कि "हर प्रारंभ का एक अंत होता है और हर अंत की एक नई शुरुआत होती है।"

मुझे विश्वास है कि ये सदस्यीय रूप से सार्वजनिक जीवन में रहेंगे और विभिन्न हैसियत में हमारे देश की सेवा करेंगे क्योंकि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक सेवा से कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है।

उन्होंने यहां अपने कार्यकाल के दौरान जो संसदीय अनुभव अर्जित किया है, वह निस्संदेह अमूल्य संपत्ति साबित होगी क्योंकि वे नए प्रयास शुरू करेंगे।

मुझे विश्‍वास है कि उनका मार्गदर्शन निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर समाज को उपलब्ध होगा।

मैं पीठासीन अधिकारी के रूप में निश्चित रूप से सदन के विचार-विमर्श में आपकी भागीदारी को याद करूंगा। मैं सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को उनकी समर्पित सेवा के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं और उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

आप सभी हमारे राष्ट्र के कल्याण और प्रगति में सार्थक योगदान देते हुए प्रेरित और नेतृत्व करते रहें।

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एमजी/एआर/आरपी/एजी/एसएस


(Release ID: 2004073)
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