वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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डीपीआईआईटी एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने के क्रम में व्यवसाय करने में आसानी के लिए विभिन्न पहलों का समन्वय कर रहा है

Posted On: 07 FEB 2024 4:58PM by PIB Delhi

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) व्यवसाय करने में आसानी के तहत विभिन्न पहलों का समन्वय करने के लिए नोडल विभाग है, जिनका उद्देश्य एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाना है। व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ाने के लिए डीपीआईआईटी द्वारा उठाए गए कुछ कदम इस प्रकार हैं:

विश्व बैंक द्वारा इसे स्थगित करने से पहले अक्टूबर, 2019 में प्रकाशित विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर), 2020 में भारत 63वें स्थान पर है। डीबीआर में भारत की रैंक 2014 के 142वें से बेहतर होकर 2019 में 63वीं हो गई थी और इसमें 5 वर्षों की अवधि में 79 रैंक की छलांग दर्ज की गई थी।

डीपीआईआईटी व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी) के सशक्त सुधार कार्य का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का मूल्यांकन निर्धारित मापदंडों पर उनके द्वारा लागू किए गए सुधारों के आधार पर किया जाता है। सुधारों का ध्यान मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और अनावश्यक आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं को खत्म करने पर रहा है। बीआरएपी में सूचना विज़ार्ड, सिंगल विंडो सिस्टम, ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली, निरीक्षण सुधार, श्रम सुधार, जैसे सुधार क्षेत्र शामिल हैं। बीआरएपी के प्रयासों ने ज्ञान-आधार के निर्माण के साथ-साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा पैदा करने में मदद की है।

डीपीआईआईटी नागरिक और व्यावसायिक गतिविधियों पर अनुपालन बोझ को कम करने की पहल के लिए मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय भी करता है। इस कार्य का उद्देश्य मंत्रालयों/राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में, सरकार से व्यवसाय और सरकार से नागरिक इंटरफेस को सरल, तर्कसंगत, डिजिटलीकरण और अपराधमुक्त करके व्यवसाय करने में आसानी और जीवन जीने में आसानी में सुधार करना है।

पहल के प्रमुख क्षेत्र हैं:

 

(i) आवेदन, नवीनीकरण, निरीक्षण, रिकॉर्ड दाखिल करना आदि से संबंधित प्रक्रियाओं का सरलीकरण।

(ii) निरर्थक कानूनों को निरस्त, संशोधित या ख़त्म करके कानूनी प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना,

(iii) ऑनलाइन इंटरफेस बनाकर सरकारी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण तथा

(iv) छोटी, तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूक को अपराधमुक्त करना।

जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2023 27 जुलाई 2023 को लोकसभा में और 2 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पारित किया गया। राष्ट्रपति की सहमति 11 अगस्त 2023 को प्राप्त हुई। अधिनियम ने 19 मंत्रालयों/विभागों के 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया।

अधिनियम ने आपराधिक प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने और यह सुनिश्चित करने में मदद की है कि नागरिक, व्यवसाय और सरकारी विभाग मामूली, तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूक के लिए कारावास के डर के बिना काम कर सकते हैं। इस अधिनियम ने कानूनों को तर्कसंगत बनाने, बाधाओं को दूर करने और व्यवसायों के विकास को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त किया है।

यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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