जल शक्ति मंत्रालय

जल संरक्षण के लिए टाउनशिप मॉडल का पुनरुद्धार

Posted On: 05 FEB 2024 6:01PM by PIB Delhi

देश में जल संरक्षण और शून्य-अपशिष्ट जल निकासी से संबंधित उपायों का कार्यान्वयन एक निरंतर प्रक्रिया है और देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण और शून्य-अपशिष्ट जल निकासी की दिशा में प्रयास करना सरकार का निरंतर प्रयास है। भारत सरकार ने 2015 में देश भर के 500 चयनित शहरों (15 विलय वाले शहरों सहित 485 शहर) में कायाकल्प और शहरी परिवर्तन (अमृत) के लिए अटल मिशन शुरू किया, जिसमें लगभग 60 प्रतिशत शहरी आबादी शामिल थी। अमृत जल आपूर्ति के क्षेत्रों में चयनित शहरों में शहरी बुनियादी ढांचे जैसे पानी की आपूर्ति; सीवरेज एवं सेप्टेज प्रबंधन; भारी वर्षा के दौरान  पानी की निकासी; गैर-मोटर चालित सार्वजनिक परिवहन; और पारगम्य हरित स्थान और पार्क के विकास पर केंद्रित है।

500 शहरों से लगभग 4,900 वैधानिक कस्बों तक जल आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए, 1 अक्टूबर 2021 को अमृत 2.0 की शुरूआत की गई। अमृत  2.0 शहरों को 'आत्मनिर्भर' और 'जल सुरक्षित' बनाने पर केंद्रित है। 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन की सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना अमृत 2.0 का अन्य प्रमुख फोकस है। अमृत 2.0 के तहत, जल निकायों और कुओं का कायाकल्प मुख्य घटकों में से एक है। स्वीकार्य तत्वों में भारी वर्षा के दौरान जल नालों के माध्यम से वर्षा जल की निकासी (जिसमें सीवेज/प्रवाह नहीं मिल रहा है) में संग्रहित करना शामिल है।

राष्ट्रीय जल नीति, 2012 उपयोग योग्य पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए, जहां भी तकनीकी-आर्थिक रूप से संभव हो, शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन और डी-सेलिनाइजेशन की वकालत करती है।

इसके अलावा, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्थानीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त उपायों को अपनाने के लिए राज्यों के लिए दिशानिर्देश भी तैयार किए हैं, जैसे कि दिल्ली के एकीकृत भवन उपनियम (यूबीबीएल), 2016, मॉडल भवन उपनियम (एमबीबीएल), 2016 और शहरी और क्षेत्रीय विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (यूआरडीपीएफआई) दिशानिर्देश, 2014। इन दिशानिर्देशों में वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण उपायों की आवश्यकता पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है।

शहरी जल प्रबंधन और शहरी नदी प्रबंधन को शहरी नियोजन का महत्वपूर्ण पहलू बनाने के लिए, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) के सहयोग से नवंबर, 2021 में रिवर सिटीज अलायंस (आरसीए) शुरू किया है। गंगा नदी के तट पर 30 शहरों के साथ, अब 142 नदी शहर इसके सदस्य हैं।

आरसीए शहरी जल प्रबंधन में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों जैसे कैच द रेन, सीवेज का उपचार, उपचारित पानी का पुन: उपयोग आदि को साझा करने के लिए एक मंच के माध्यम से नगर निगम के अधिकारियों और हितधारकों की क्षमता निर्माण के लिए एक मंच है। इसके तहत, अधिकारियों को भारत में जल निकायों के संरक्षण के लिए शहरी नदी प्रबंधन योजनाएँ तैयार करने में प्रशिक्षित किया जाता है।

यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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