वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स- पीएलआई) योजना की नीतियों एवं प्रभावशीलता को आकार देने के लिए रचनात्मक प्रतिक्रिया और सहयोगात्मक भागीदारी को प्रोत्साहित किया


श्री गोयल ने उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं के उत्पादन के महत्व पर बल दिया जिससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभ व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को मिले

कार्यान्वयन करने वाले मंत्रालय/विभाग को पीएलआई लाभार्थियों के साथ नियमित परामर्श और गोलमेज बैठकें आयोजित करनी चाहिए: श्री गोयल

पीएलआई योजना के अंतर्गत दिसंबर 2023 तक 1.07 लाख करोड़ रुपये के वास्तविक निवेश की प्राप्ति हुई, जिससे लगभग 7 लाख (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगारों का सृजन हुआ और निर्यात 3.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया

Posted On: 04 FEB 2024 2:48PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स- पीएलआई) योजना की नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रभावशीलता को आकार देने के लिए उद्योग की रचनात्मक प्रतिक्रिया और सहयोगात्मक भागीदारी को प्रोत्साहित किया। कल (03 फरवरी, 2024) नई दिल्ली के भारत मंडपम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड - डीपीआईआईटी) द्वारा आयोजित 'उत्पादन से जुदा प्रोत्साहन परिप्रेक्ष्य : एक हितधारक बैठक' (पीएलआई पर्सपेक्टिव: ए स्टेकहोल्डर मीटिंग) में मुख्य भाषण देते हुए उन्होंने भारत को विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए सभी पीएलआई लाभार्थियों के प्रयासों की सराहना की।

श्री गोयल ने उद्योग जगत के दिग्गजों से आग्रह किया कि वे अपने संबंधित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के साथ ही ऐसे कारोबारी वातावरण को प्रोत्साहित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करें जो नवाचार, दक्षता और अनुकूलन क्षमता को प्रोत्साहित करता हो। उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं के उत्पादन को प्राथमिकता देने पर उद्योग की एकाग्रता के महत्व पर भी जोर दिया, जो पीएलआई योजना के व्यापक उद्देश्य के साथ जुड़ा हुआ है और यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे प्रयासों का लाभ व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों तक पहुंचे।

श्री गोयल ने सहकारी सहयोग की अनिवार्यता पर भी प्रकाश डाला जिसके अंतर्गत लाभार्थी कंपनियों से सरकार और साथी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने और सतत विकास के लिए एक सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का आग्रह किया गया। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि कार्यान्वयन करने वाले मंत्रालय /विभाग के सरकारी अधिकारियों को अपने संबंधित पीएलआई लाभार्थियों के साथ नियमित परामर्श और गोलमेज बैठकें आयोजित करनी चाहिए।

बैठक के दौरान पीएलआई योजनाओं की समग्र उपलब्धि पर भी चर्चा की गई। दिसम्बर 2023 तक 1.07 लाख करोड़ रुपये के वास्तविक निवेश की प्राप्ति हुई है जिसके परिणामस्वरूप 8.70 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन/बिक्री और लगभग 7 लाख का रोजगार सृजन (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) हुआ है। निर्यात 3.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, भेषज (फार्मास्यूटिकल्स) और खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रमुख क्षेत्रों का पर्याप्त योगदान है। प्रोत्साहन राशि के रूप में 4,415 करोड़ रुपये 8 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना के अंतर्गत वितरित किए गए।

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड - डीपीआईआईटी) के सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने उद्घाटन सत्र में उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स- पीएलआई) योजना की उपलब्धियों और आगे चलकर विनिर्माण क्षेत्र में क्रांति लाने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के बाद सभी 14 क्षेत्रों को शामिल करते हुए दो परस्पर विचार विमर्श (इंटरैक्टिव) सत्र आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य सरकार और उद्योग दिग्गजों (चैम्पियंस) के बीच सहयोग के क्षेत्रों की खोज करना और पीएलआई योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए एक स्पष्ट कार्य योजना बनाना था। इसने उद्योग जगत के नेताओं, विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों को पीएलआई योजनाओं के प्रभाव पर गहन चर्चा करने और मूल्यवान अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया।

परस्पर विचार-विमर्श (इंटरैक्टिव) सत्रों के दौरान, लाभार्थी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने पीएलआई योजनाओं पर अपने दृष्टिकोण व्यक्त किए और अपने अनुभवों, सामने आई चुनौतियों तथा प्रभावशीलता बढ़ाने एवं कार्यान्वयन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए सुधार के सुझावों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। यह जुड़ाव उद्योग हितधारकों और कार्यान्वयन करने वाले मंत्रालयों/विभागों के बीच खुले संचार के लिए एक रचनात्मक मंच सिद्ध हुआ। बैठक में उठाए गए मुद्दों पर तत्काल चर्चा की सुविधा प्रदान की गई और संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा इस अवसर पर ही स्पष्टीकरण और समाधान की अनुमति दी गई, जिससे चुनौतियों का तुरंत समाधान करने की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित हुई।

इस बैठक का उद्देश्य सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना, ज्ञान और अनुभवों, अच्छी प्रथाओं और सफलता की कहानियों को साझा करने की सुविधा के लिए स्वामित्व की भावना को बढ़ावा देना था जो अंततः पीएलआई योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में योगदान देता है।

14 क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स- पीएलआई) योजना के अंतर्गत लाभार्थी कंपनियों के लगभग 1200 प्रतिनिधि इन योजनाओं के प्रभावी तथा निर्बाध कार्यान्वयन के लिए रणनीति पर चर्चा करने और योजना बनाने के लिए एक साथ आए। बैठक में नीति आयोग, 10 कार्यान्वयन मंत्रालयों/विभागों, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड - डीपीआईआईटी), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, भारी उद्योग मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भेषज (फार्मास्यूटिकल्स) विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, मंत्रालय पीएलआई योजनाओं के तहत कपड़ा एवं इस्पात मंत्रालय और संबंधित परियोजना प्रबंधन एजेंसियां (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसीज पीएमए) के वरिष्ठ अधिकारियों की भी भागीदारी देखी गई।

बैठक सभी प्रतिभागियों की पीएलआई योजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल होने और उपलब्ध प्रोत्साहनों का अधिकतम उपयोग करने की संयुक्त प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुई।

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