वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्री ने नए उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नई पहलों में निजी निवेश को बढावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के नए कॉर्पस को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया
“हमारे तकनीक प्रेमी युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम काल होगा”- वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण
पचास वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण से एक लाख करोड़ रुपये का कॉर्पस स्थापित किया जाएगा
रक्षा क्षेत्र में गहन प्रौद्योगिकियों को मजबूत बनाने और ‘आत्मनिर्भरता’ में तेजी लाने के लिए नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव
नए युग की प्रौद्योगिकियां और डाटा लोगों के जीवन और व्यापार में बदलाव ला रहे हैं - वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण
Posted On:
01 FEB 2024 1:19PM by PIB Delhi
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए नए उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नई पहलों में निजी निवेश को बढावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के नए कॉर्पस को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे तकनीक प्रेमी युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम काल होगा।
पचास वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण से एक लाख करोड़ रुपये का कॉर्पस स्थापित किया जाएगा। इस कॉर्पस से दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे नए उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नवोन्मेष बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। हमें ऐसे कार्यक्रम बनाने होंगे जो युवा शक्ति और प्रौद्योगिकी को जोड़े।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने रक्षा प्रयोजनों के लिए गहन प्रौद्योगिकियों को मजबूत बनाने और ‘आत्मनिर्भरता’ में तेजी लाने के लिए नई योजना का प्रस्ताव भी किया।
प्रौद्योगिकी में बदलाव
वित्त मंत्री ने कहा कि नए युग की प्रौद्योगिकियां और डाटा लोगों के जीवन और व्यापार में बदलाव ला रहे हैं। इन प्रौद्योगिकियों से नए आर्थिक अवसर भी संभव हो रहे हैं और ‘सामाजिक संरचना के आखिरी पायदान’ पर मौजूद लोगों सहित सभी लोगों को किफायती दरों पर उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल रही हैं।
वैश्विक स्तर पर भारत के लिए अवसरों के हो रहे विस्तार पर बात करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि, “भारत अपने लोगों की नई पहलों और उद्यमशीलता के माध्यम से समाधान दर्शा रहा है।”
अनुसंधान और नवाचार
आर्थिक उन्नति, रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और नवाचार पर जोर देते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उसे “जय जवान जय किसान जय विज्ञान” का नारा बना दिया।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस नारे का और विस्तार करते हुए इसे “जय जवान जय किसान जय विज्ञान और जय अनुसंधान” बना दिया है क्योंकि नई पहल ही विकास का आधार है।
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एनबी/एमजी/पीआर/आरपी/हिंदी इकाई -6
(Release ID: 2001182)