शिक्षा मंत्रालय

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग की सर्वोत्तम प्रथाओं और आवधिक समीक्षा को साझा करने के लिए 2 दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया

Posted On: 31 JAN 2024 6:32PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन -एनसीटीई) ने सभी हितधारकों के साथ नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग (एनएमएम) की सर्वोत्तम प्रथाओं और आवधिक समीक्षा / निरंतर मूल्यांकन को साझा करने के लिए 30-31 जनवरी 2024 को 2 दिवसीय वर्षांत (इयर एंड) सेमिनार का आयोजन किया। एनसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में वर्षांत सेमिनार की शोभा बढ़ाई और वहां उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं  हितधारकों को संबोधित किया। बाद में, उन्होंने सलाहकारों और अन्य हितधारकों के लिए चल रहे समर्थन और मार्गदर्शन के लिए एनसीटीई की सदस्य सचिव सुश्री केसांग वाई शेरपा की उपस्थिति में एनएमएम वेब पेज भी जारी (लॉन्च) किया। एनएमएम वेबसाइट का प्रारम्भ देश में परामर्श पारिस्थिकी (मेंटरशिप इकोसिस्टम) को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस सेमिनार का उद्देश्य एनएमएम की प्रगति पर चर्चा और समीक्षा करने के लिए देश के 60 राष्ट्रीय सलाहकारों, सलाहकारों, प्रधानाचार्यों, नोडल अधिकारियों, अकादमिक गणमान्य व्यक्तियों और शैक्षिक प्रशासकों को एक साथ लाना था। एनसीटीई ने 29 जुलाई 2022 को देश भर के चयनित 30 केंद्रीय विद्यालयों (15 केवी, 10 जेएनवी और 5 सीबीएसई) में पायलट मोड में एनएमएम शुरू  किया था । एनसीटीई ने राष्ट्रिय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पित एनएमएम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 31 मई और 1 जून 2023 को शामिल 60 सलाहकारों के लिए 2 दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का भी आयोजन किया था ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के पैरा 15.11 में परिकल्पित नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग (एनएमएम)  ,की स्थापना देश भर में स्कूल शिक्षकों को पेशेवर और व्यक्तिगत सहायता प्रदान करने और उनके निरंतर व्यावसायिक विकास को सुनिश्चित करने के इच्छुक उत्कृष्ट विशेषज्ञों  का एक बड़ा समूदाय (पूल) बनाने के लिए की गई है। एनएमएम शिक्षकों के व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास में परामर्श की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ-साथ छात्रों के सीखने के परिणामों पर इसके सकारात्मक प्रभाव को पहचानता है। इसका उद्देश्य सलाहकारों का एक ऐसा  नेटवर्क बनाना है जो 21वीं सदी के आवश्यक कौशल विकसित करने में शिक्षकों का मार्गदर्शन और समर्थन करेगा। यह कार्यक्रम न केवल मेधावी शिक्षकों की शिक्षण क्षमताओं को बढ़ा रहा है, बल्कि निरंतर सीखने की उस संस्कृति को भी बढ़ावा दे रहा है, जिससे शिक्षक आज के गतिशील शैक्षिक परिदृश्य में अद्यतन और प्रासंगिक बने रह सकते हैं।

इस सेमिनार के माध्यम से एनसीटीई का उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करने के लिए एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देने के  साथ ही संरक्षकों (मेंटर्स) और मार्गदर्शन  देने वालों  (मेंटीज़) को उन्नयन के लिए अपनी चुनौतियों और सुझावों को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

सेमिनार की शुरुआत एनएमएम में हुई प्रगति की समीक्षा के साथ हुई। इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 60 परामर्शदाताओं ने निर्देशात्मक नेतृत्व कौशल, डिजिटल शिक्षा, सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, समावेशी शिक्षा, व्यावसायिकता और नैतिकता, कक्षा प्रबंधन, 21 वीं सदी के कौशल का निर्माण, पारस्परिक कौशल / सामुदायिक जुड़ाव, कार्य अनुसंधान (एक्शन रिसर्च), एनएमएम पोर्टल के माध्यम से समग्र मूल्यांकन, कला एकीकृत शिक्षाशास्त्र, शिक्षकों का मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में परामर्श सत्र आयोजित किए। इसके बाद मेंटर्स और देश के प्रसिद्ध शिक्षकों और परामर्श (मेंटरिंग) क्षेत्र के विशेषज्ञों की प्रस्तुतियां हुईं, जिन्होंने शिक्षा के भविष्य को आकार देने में मेंटरिंग के महत्व पर अपनी अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए।

सेमिनार के बाद के तकनीकी सत्रों में, सलाहकारों को परामर्श में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और सफलता की कहानियों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला। इन प्रस्तुतियों ने सभी प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा और सीखने के स्रोत का काम किया, क्योंकि वे अपनी स्वयं की सलाह प्रथाओं के लिए नए दृष्टिकोण और विचार प्राप्त करने में सक्षम थे। इसने सामने आने वाले विषयों और बाधाओं तथा उन्हें दूर करने के संभावित समाधानों के बारे में खुली चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया।

दूसरे दिन, एनसीटीई ने एनएमएम की आवधिक समीक्षा / निरंतर मूल्यांकन की सुविधा प्रदान की, जहां सलाहकार और परामर्शदाता इसके सुधार के लिए प्रतिक्रिया और सुझाव देने में सक्षम थे। प्रतिभागियों ने गहनता से विचार-विमर्श किया और इसकी भविष्य की दिशा के लिए सिफारिशें प्रस्तावित कीं। एनएमएम की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए एनसीटीई ने इसमें शामिल हितधारकों से उनकी प्रतिक्रिया (फीडबैक) भी एकत्र की।

सेमिनार और आवधिक समीक्षा एनसीटीई के लिए एनएमएम को और सुदृढ़  एवं  उन्नत करने तथा  राष्ट्रीय रोलआउट से पहले आवश्यक उन्नयन करने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगी। कुल मिलाकर, वर्षांत सेमिनार एक अत्यधिक आकर्षक और उत्पादक कार्यक्रम था, जो शिक्षा में मार्गदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रतिबिंबित करने, सीखने और सहयोग करने के लिए अकादमिक गणमान्य व्यक्तियों और सभी हितधारकों को एक साथ लेकर आया है ।

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