जनजातीय कार्य मंत्रालय
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले 589 जनजातीय छात्रों को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा 26 जनवरी को अपने आवास पर छात्रों की मेजबानी करेंगे
देश के दूर-दराज स्थानों से आने वाले जनजातीय छात्रों के लिए यह राष्ट्रीय राजधानी की पहली यात्रा है
Posted On:
25 JAN 2024 9:11PM by PIB Delhi
देश 26 जनवरी, 2024 को भारतीय गणतंत्र की हीरक जयंती मना रहा है। इस मौके पर सरकार ने नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस 2024 समारोह में भाग लेने के लिए 663 आदिवासी छात्रों और शिक्षकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इस दल में 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 589 छात्र (258 लड़कियां, 331 लड़के) और 74 शिक्षक शामिल हैं। ये बच्चे केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित योजना के तहत दी जाने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लाभार्थी भी हैं।
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कल आए 100 से अधिक बच्चों को प्रधानमंत्री आवास जाने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ फोटो सेशन करने का अवसर मिला। आज बच्चों ने लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, लोटस टेंपल आदि प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया। कल बच्चे कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेंगे और शाम को हाई टी पर केंद्रीय जनजातीय कार्य और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा उनकी मेजबानी करेंगे। देश के दूर-दराज स्थानों से पहली बार दिल्ली की यात्रा और 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेना इन आदिवासी छात्रों के लिए अद्भुत अनुभव है।
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जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति लागू कर रहा है। यह केंद्र प्रायोजित योजना है, जो संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। इसमें नौवीं और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले आदिवासी छात्रों को शामिल किया गया है, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं है। योजना के तहत 2250 रुपये से लेकर 5250 रुपये प्रति वर्ष तक का वजीफा, 750 रुपये से लेकर 1,000 रुपये प्रति वर्ष पुस्तक भत्ता के रूप में दिया जा रहा है। दिव्यांगजन छात्र 9,600 रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त अनुदान प्राप्त करने के पात्र हैं।
वर्ष 2022-23 के दौरान जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने 12 लाख से अधिक छात्रों को कवर करते हुए 357 करोड़ रुपये जारी किए। पिछले 5 वर्षों (2018-19 से 2022-23) के दौरान मंत्रालय ने प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 1751 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इससे हर साल लगभग 13 लाख आदिवासी बच्चे लाभान्वित हुए हैं। मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के लिए 411 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। योजना के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को पहले ही 150 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर दी गई है।
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