मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के 250 लाभार्थियों और उनके जीवनसाथी को निमंत्रण भेजा है


केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला 26 जनवरी, 2024 को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के विशेष निमंत्रित लोगों से मुलाकात करेंगे

Posted On: 25 JAN 2024 3:08PM by PIB Delhi

मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के 250 लाभार्थियों और उनके जीवनसाथियों को निमंत्रण भेजा है। विशेष अतिथि नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड 2024 देखेंगे। यह मछुआरा समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और वे 26 जनवरी, 2024 को बेहतर रूप से देखने के लिए विशेष रूप से आवंटित "अहाता संख्या 20" से 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के साक्षी बनेंगे। विशेष अतिथि अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान नई दिल्ली में विभिन्न निर्दिष्ट ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण करेंगे।

एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला, राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान और डॉ. एल. मुरुगन के साथ 26 जनवरी, 2024 को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में विशेष मेहमानों के साथ मुलाकात करेंगे। इस विशेष सत्र में विभाग के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। यह सभा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों के महत्वपूर्ण पहलुओं के संबंध में व्यावहारिक चर्चा एवं आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी।

विशेष मेहमानों का नई दिल्ली पहुंचने पर स्वागत किया गया और उनकी सुविधा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। देश भर के विभिन्न राज्यों से आने वाले प्रतिभागी विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लाभार्थी हैं। रक्षा मंत्रालय ने इन प्रतिष्ठित लाभार्थियों और उनके जीवनसाथी को गणतंत्र दिवस परेड 2024 में भाग लेने वाले विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित निमंत्रण देने की पहल की है।

पिछले नौ वर्षों में, भारत सरकार ने मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देते हुए परिवर्तनकारी पहल शुरू की है। मई 2020 में शुरू की गई भारत सरकार की प्रमुख योजना 'प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना' (पीएमएमएसवाई), नीली क्रांति की शुरुआत की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल के रूप में सामने आई है। यह पहल रणनीतिक रूप से मछली उत्पादन, कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे, ट्रेसबिलिटी और मछुआरों के समग्र कल्याण में महत्वपूर्ण अंतराल को संबोधित करती है। ऐतिहासिक क्षण पर विशेष मेहमानों का यह दौरा न केवल विकसित भारत में मछुआरों के योगदान को प्रतिबिंबित करेगा, बल्कि देश के मछुआरों का मनोबल भी बढ़ाएगा। इन मछुआरों की सफलता की कहानियों को साझा करने से मत्स्य पालन क्षेत्र के फायरमेन को प्रोत्साहन मिलेगा।

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