पंचायती राज मंत्रालय

पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने आज गोवा में पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण पर राष्ट्रीय परामर्शदात्री कार्यशाला का उद्घाटन किया


पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं होती हैं, उनमें हमारे देश के निर्माण की अपार संभावनाएं निहित हैं - श्री विवेक भारद्वाज

पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है

राष्ट्रीय परामर्शदात्री कार्यशाला मसौदा अध्ययन रिपोर्ट के निष्कर्षों एवं सिफारिशों पर गहन विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है

Posted On: 24 JAN 2024 7:15PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने आज गोवा में 'पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण की स्थिति' पर राष्ट्रीय परामर्शदात्री कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक श्री सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार, पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती ममता वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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इस अवसर पर श्री विवेक भारद्वाज ने अपने उद्घाटन भाषण में देश के भीतर पंचायती राज व्यवस्था को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से पंचायतों के लिए अधिकार हस्तांतरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में एक साझा दृष्टिकोण, सामान्य लक्ष्य तथा सहयोगात्मक कार्रवाई के महत्व पर बल देते हुए पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक विचार साझा किए। श्री विवेक भारद्वाज ने आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने वाली प्रत्येक आत्मनिर्भर पंचायत के योगदान के महत्व को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं होती हैं, उनमें हमारे देश के निर्माण की अपार संभावनाएं निहित हैं। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव ने हस्तांतरण सूचकांक के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की क्षमता को उनसे अपेक्षित कार्यों के अनुरूप वित्तीय एवं मानव संसाधन के अनुसार ही विकसित करने की आवश्यकता है।

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पंचायती राज मंत्रालय के सचिव ने कहा है कि पंचायतों को सशक्त बनाना और पंचायती राज व्यवस्था को बेहतर करना केवल स्थानीय स्वशासन के बारे में नहीं है; बल्कि यह आत्मनिर्भरता व स्थिरता को बढ़ावा देने के बारे में भी है क्योंकि एक आत्मनिर्भर पंचायत एक आत्मनिर्भर तथा विकसित भारत के निर्माण की आधारशिला है।

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डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने राष्ट्रीय परामर्शदात्री कार्यशाला के परिचय पर भाषण दिया, जिसमें अच्छी तरह से डिजाइन किए गए तकनीकी सत्रों और कार्यशाला के महत्वपूर्ण उद्देश्य रेखांकित करने तथा पंचायती राज के रोडमैप में योगदान की रूपरेखा दी गई।

राज्यों में पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण की स्थिति पर तकनीकी सत्र की अध्यक्षता श्री विवेक भारद्वाज ने की थी। इस दौरान भारतीय लोक प्रशासन संस्थान द्वारा 'पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण की स्थिति' के अध्ययन पर मसौदा रिपोर्ट हेतु प्रस्तुति दी गई और राज्यों में पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण की स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में छह आयामों यानी रूपरेखा, कार्य, वित्त, पदाधिकारी, क्षमता निर्माण और जवाबदेही वाली बातचीत हुई। राष्ट्रीय परामर्शदात्री कार्यशाला के उद्घाटन दिवस पर पंचायतों को कार्यों और वित्त के हस्तांतरण पर विस्तृत चर्चा और अनुभव साझा करने के सत्र आयोजित किये गए: इस दौरान राज्यों द्वारा अनुभव साझा करने, और पदाधिकारियों का हस्तांतरण एवं पंचायतों के लिए क्षमता निर्माण पर बातचीत हुई। आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा जैसे राज्यों ने इस विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसे सभी ने खूब सराहा।

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राष्ट्रीय सलाहकार कार्यशाला मसौदा अध्ययन रिपोर्ट के निष्कर्षों और सिफारिशों पर गहन विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान द्वारा तैयार की गई मसौदा रिपोर्ट, पंचायतों को हस्तांतरण प्रक्रिया में वर्तमान स्थिति और संभावित संवर्द्धन का गहन विश्लेषण दर्शाती है। कार्यशाला का उद्देश्य अंतिम रिपोर्ट को समृद्ध करने और पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण पर राज्यों की रैंकिंग के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए विविध दृष्टिकोण, अंतर्दृष्टि तथा सिफारिशें इकट्ठा करना है। दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्शदात्री कार्यशाला में राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/प्रभारी सचिव और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा तथा (सीएजी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नीति आयोग के कार्यालय के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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