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दिल्ली से कन्याकुमारी तक मोटर साइकल रैली को सिद्ध कल्याण रैली और जागरूकता अभियान के अंतर्गत कल झंडी दिखा कर रवाना किया जाएगा


आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई मोटर साइकल रैली को झंडी दिखा कर रवाना करेंगे

रैली नई दिल्ली से कन्याकुमारी तक होगी और सिद्ध चिकित्सा पद्धति का प्रचार-प्रसार किया जाएगा

रैली 3333 किलोमीटर तक फैली 8 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 21 शहरों को से होकर जाएगी

चालकों में डॉक्टर/वैज्ञानिक/शिक्षक होंगे जिन्हें एक तकनीकी टीम और मार्गदर्शन के लिए एक मार्शल का सहयोग प्राप्त होगा

अभियान का उद्देश्य सिद्ध स्वास्थ्य देखभाल के समग्र दृष्टिकोण के बारे में प्रचार करना, सिद्ध चिकित्सा प्रणाली के बारे में जागरूकता पैदा करना है

Posted On: 23 JAN 2024 5:19PM by PIB Delhi

सिद्ध कल्याण रैली और जागरूकता अभियान (एसडब्ल्यूआरएसी) के अंतर्गत दिल्ली से कन्याकुमारी तक मोटर साइकल रैली को कल केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई आयुष भवन से झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। यह अभियान नई दिल्ली से कन्याकुमारी तक लगभग 3333 किलोमीटर की दूरी तय करने वाला चिकित्सा की सिद्ध प्रणाली का प्रदर्शन का एक परिवर्तनकारी 20-दिवसीय अभियान है। रैली 21 जागरूकता शिविर बिंदुओं के साथ 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी।

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं में जागरूकता कार्यक्रम, जन प्रतिनिधियों, सरकारी गणमान्य व्यक्तियों आदि के साथ भेंट और अभिवादन सत्र शामिल हैं, जिसमें 20 मोटर साइकल चालक और 2 स्टैंडबाय मोटर साइकल चालक सम्मिलित होंगे।

राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान की निदेशक डॉ. मीनकुमारी ने कहा कि इस मोटर साइकल रैली का उद्देश्य सिद्ध चिकित्सा प्रणाली के संदेश को बढ़ावा देते हुए मार्ग में 21 स्थानों पर विविध दर्शकों को शामिल करना है। बाइकर्स हैशटैग #ScientistsOnBike #DoctorsOnBike #FacultiesOnBike #ResearchersOnBike के साथ गतिशील सिद्ध चिकित्सा राजदूत के रूप में काम करेंगे।

एसडब्ल्यूआरएसी में यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक मीडिया रणनीति सम्मिलित है कि इसे व्यापक ध्यान मिले, यह विविध दर्शकों के साथ जुड़ सके और जिस भी क्षेत्र में यह जाए वहां एक स्थायी प्रभाव छोड़े।

चिकित्सा की सिद्ध प्रणाली भारतीय उपमहाद्वीप में नवीन चिकित्सीय हस्तक्षेपों और उपचार के तौर-तरीकों के साथ स्वास्थ्य देखभाल की सबसे पुरानी संहिताबद्ध परंपराओं में से एक है। इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त आयुष प्रणालियों के हिस्से के रूप में राज्य संरक्षण प्राप्त है और यह सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के माध्यम से जनसंख्या के काफी बड़े हिस्से की आवश्यकताओं को पूरा करता है।

सिद्ध प्रणाली में शिक्षा और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं, अनुसंधान और दवाओं के निर्माण के लिए एक बढ़ता संस्थागत नेटवर्क है। सिद्ध के लिए राष्ट्रीय संस्थान और अनुसंधान परिषद की स्थापना ने स्नातकोत्तर शिक्षा और अनुसंधान में गुणवत्ता मानकों, दवाओं के मानकीकरण और सत्यापन, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में बेहतर पहुंच और सिद्ध चिकित्सकों की विविध व्यावसायिक क्षमता को अपनाकर विकास प्रक्रिया को गति दी है।

सिद्ध चिकित्सा की विशिष्टता इसके समग्र दृष्टिकोण में निहित है - सरल जीवनशैली प्रथाओं को अपनाकर शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण, छह स्वादों के लिए प्रासंगिक आहार नियम, सुरक्षित और प्रभावी पौधों पर आधारित दवाओं और खनिजों की दवाओं का उपयोग और पशु उत्पत्ति। सिद्ध प्रणाली रोग मुक्त जीवन जीने के लिए 3 महत्वपूर्ण शक्तियों - वली, अज़ल और अय्याम के संतुलन की स्थिति पर बल देती है। सिद्ध चिकित्सा प्रणाली के अनुसार, किसी व्यक्ति के जीवन काल को 3 भागों में विभाजित किया गया है, अर्थात् वाथ कालम, पीठ कालम और काबा कालम, जिनमें से प्रत्येक में 33 वर्ष होते हैं। मुप्पु, सिद्ध काया कर्पम और सिद्ध योगम सिद्ध चिकित्सा प्रणाली के मुकुट हैं। वर्मम और थोक्कनम जैसी बाहरी थेरेपी भी प्रणाली को शक्ति प्रदान करती हैं।

स्वस्थ जीवन के लिए सिद्ध चिकित्सा का मूल सिद्धांत भोजन और जीवन शैली है। 'भोजन ही औषधि है और औषधि ही भोजन है' यह सिद्ध चिकित्सा पद्धति के मूल सिद्धांतों में से एक है।

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एमजी/एआर/आरपी/एमकेएस


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