पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में भविष्य की योजनाओं के साथ विकास की राह पर अग्रसर


वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दौरान गुजरात के मुख्‍यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और श्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए

गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने मैरीटाइम ब्रिलिएंस के लिए विजन 2047 का अनावरण किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 सबसे लंबे समय से जारी एवं प्रतिष्ठित शिखर सम्मेलन बना हुआ है। भारत ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है: श्री सर्बानंद सोनोवाल

Posted On: 11 JAN 2024 8:29PM by PIB Delhi

पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्‍ल्‍यू) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विजन 2047 के अनुरूप बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक परिवर्तनकारी पहल शुरू की है। दीनदयाल पत्‍तन प्राधिकरण (डीपीए), कांडला के लिए एक नए युग के संकेत के तौर पर डीपीए, कांडला और उमेनडस टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच 10,000 करोड़ रुपये के एक महत्‍वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य बल्क, ब्रेक-बल्क और कंटेनर कार्गो के संचालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे में क्रांति लाना है। यह परियोजना वाणिज्यिक तौर पर व्यवहार्यताएवं पर्यावरण के लिहाज से स्थिरता सुनिश्चित करते हुए बंदरगाह की क्षमता को प्रभावशाली तौर पर 30 करोड़ टन या उससे अधिक तक बढ़ाने के लिए तैयार है। इस दूरदर्शी प्रयास के जरिये एक महत्वपूर्ण कार्यबल के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। निर्माण चरण के दौरान कम से कम 1,000 कुशल और 10,000 गैर-कुशल कर्मचारियों के लिए रोजगार सृजित होंगे।

 

कार्यक्रम के दौरान एपीएम टर्मिनल्स और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) ने वधावन बंदरगाह परियोजना में निवेश की मंशा जताते हुए 20,000 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए। प्रस्तावित वधावन बंदरगाह सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता वाली पहल है। इस बंदरगाह को सालाना 2.3 करोड़ टीईयू यानी 25.4 करोड़ टन कार्गो संचालन क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इसमें 20,000 टीईयू तक के बड़े कंटेनर जहाजों की आवाजाही के लिए 20 मीटर का प्राकृतिक तलछटशामिल है।पूरी होने के बाद यह परियोजना दुनिया के शीर्ष 10 सबसे बड़े बंदरगाहों में शुमार होगी और एक महत्वपूर्ण हरित ईंधन केंद्र के रूप में काम करेगी।

 

एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित इस महत्‍वपूर्ण समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और केंद्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की सम्‍मानित उपस्थिति रही। अन्‍य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह समझाता ज्ञापन समुद्री बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। साथ ही यह आसपास के क्षेत्र में परिवहन एवं लॉजिस्टिक क्षमताओं के विकास में एक नए अध्याय की शुरुआत करता है।

कार्यक्रम के दौरान श्री सोनोवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 सबसे लंबे समय से जारी और सबसे प्रतिष्ठित निवेश शिखर सम्मेलन बना हुआ है। यह वैश्विक शिखर सम्मेलन हमारे देश के इतिहास में सबसे सफल प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी में पूरी दुनिया द्वारा व्यक्त किए गए भरोसा औरविश्वास का एक दमदार एवं जीवंत प्रमाण है।'

श्री सोनोवाल ने कहा, 'भारत ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए सागरमाला कार्यक्रम के तहत 55,800 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं की पहचान की गई है। इसमें से कुल 45,800 करोड़ रुपयेकी 9 परियोजनाओं का काम पहले ही पूरा हो चुका है। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स रोडमैप को काफी बेहतर किया है। इससे बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण और शहर के विकास में तेजी आई है।

 

कार्यक्रम के दौरान गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा 'विजन 2047' का अनावरण किया गया। भारत के अमृतकाल विजन 2047 और मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के अनुरूपयह परिवर्तनकारी दस्तावेज गुजरात के समुद्री क्षेत्र में एक छलांग का प्रतीक है। विजन 2047 रोडमैप विकास एवं निरंतरता पर जोर देते हुए अल्‍पाविध, मध्‍यावधि एवं दीर्घावधि उद्देश्यों के लिए महत्‍वपूर्ण लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार करता है। इन पहलों में संगठनात्मक पुनर्गठन,बंदरगाह का आधुनिकीकरण,पर्यावरण के अनुकूल पहल, डिजिटल परिवर्तन और मैरीटाइम शिक्षा शामिल हैं। इस योजना में नई बंदरगाह परियोजनाएं भी शामिल हैं। इसका उद्देश्य अल्ट्रा-मेगा बंदरगाह का दर्जा हासिल करना है, जो समुद्री क्षेत्र में सतत विकास एवं तकनीकी प्रगति के लिए समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।

*****

 

एमजी/एएम/एसकेसी


(Release ID: 1995770) Visitor Counter : 107


Read this release in: English , Urdu , Telugu