ग्रामीण विकास मंत्रालय
अपर सचिव, डीएवाई-एनआरएलएम श्री चरणजीत सिंह और एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक श्री शांतनु पेंडसे ने आज ग्रामीण भारत में एसएचजी महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को वित्तीय सहायता देने से संबंधित एसबीआई के वित्तीय उत्पाद “स्वयं सिद्धा” पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
Posted On:
10 JAN 2024 7:10PM by PIB Delhi
अपर सचिव, दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, श्री चरणजीत सिंह और मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, कॉर्पोरेट कार्यालय, मुंबई श्री शांतनु पेंडसे ने ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के उद्यमों को वित्तीय सहायता देने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

श्री चरणजीत सिंह ने इसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप एसएचजी महिलाओं की दो करोड़ लखपति दीदियों को सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया।

भारतीय स्टेट बैंक ने एक विशेष वित्तीय उत्पाद, “स्वयं सिद्धा” आरंभ किया है, जो विशेष रूप से 5 लाख रुपये तक का ऋण पाने की इच्छुक एसएचजी महिला उद्यमियों के लिए तैयार किया गया है। यह पहल विशिष्ट रूप से बैंक के ऋण आवेदनों के लिए दस्तावेज़ों से संबंधित व्यापक आवश्यकताओं से जुड़ी चुनौतियों को कम करने और टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) में कमी लाने के लिए डिज़ाइन की गई है। उद्धरण या कोटेशन और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जैसे बोझिल दस्तावेजों की आवश्यकता को समाप्त करते हुए आवेदन प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है, जिसके तहत केवाईसी विवरण के साथ एक सरल ऋण आवेदन एसबीआई की स्थानीय बैंक शाखाओं में जमा किया जा सकता है। डीएवाई-एनआरएलएम ऋण आवेदन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा और अपने समर्पित फील्ड कैडर के माध्यम से ऋण के पुनर्भुगतान की निगरानी करेगा।

एसएचजी महिला उद्यमियों की औपचारिक वित्त तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए इसी कार्यक्रम में एक प्रशिक्षण टूलकिट पैकेज भी लॉन्च किया गया, जो समुदायों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए डीएवाई-एनआरएलएम की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस टूलकिट में बैंकिंग के बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय विवरण से संबंधित अवधारणाओं, कार्यशील पूंजी गणना आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। उद्यमियों की आत्म-क्षमता का निर्माण करने के लिए इस टूलकिट के प्रमुख मॉड्यूल एनिमेटेड वीडियो में परिवर्तित कर दिए गए हैं। इससे एसएचजी की महिला उद्यमियों की औपचारिक वित्त तक पहुंच आसान हो जाएगी। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (एनआरईटीपी) के तहत अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के सहयोग से विकसित इस टूलकिट का उद्देश्य राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) की क्षमताओं को बढ़ाना है, ताकि अपने आर्थिक उद्यमों के लिए एसएचजी सदस्यों की औपचारिक वित्त तक पहुंच में वृद्धि हो सके।
इस एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में निदेशक, ग्रामीण आजीविका, एमओआरडी श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह और उप प्रबंध निदेशक, प्रमुख, कृषि, एसएमई और भारतीय स्टेट बैंक वित्तीय समावेशन, श्री सुरेंद्र रान के साथ एनएमएमयू, विश्व बैंक और आईएफसी के अधिकारी शामिल हुए।
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(Release ID: 1994976)