कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

​​​​​​​वर्षांत समीक्षा 2023– राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, प्रशासनिक सुधार विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार


एनसीजीजी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए कुशल प्रशिक्षित सिविल सेवकों की एक श्रृंखला तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है

विदेश मंत्रालय के सहयोग से मालदीव, बांग्लादेश, कंबोडिया और गाम्बिया के सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया

नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रभावी शासन प्रदान करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है

यह सभी पड़ोसी देशों के विकास और समृद्धि के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने वाला अभियान है

2023 में 1,041 अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया गया, जो 2022 में 541 से लगभग दुगुना है

अरुणाचल प्रदेश तथा जम्मू और कश्मीर पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वजनिक नीति और सुशासन पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए

जम्मू और कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व भारत एनसीजीजी के लिए फोकस क्षेत्र है

2023 में 227 घरेलू सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया

2023 में आयोजित एनसीजीजी वेबिनार में जिलों, राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के 9,750 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया

2023 में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने महत्वपूर्ण पहल/उपलब्धियां प्राप्त की

Posted On: 03 JAN 2024 6:11PM by PIB Delhi

1.क्षमता निर्माण कार्यक्रम

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) भारत और अन्य विकासशील देशों, विशेष रूप से पड़ोसी देशों के सिविल सेवकों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'वासुदेव कुटुम्बकम' और 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के अनुरूप एनसीजीजी के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिक केंद्रित नीतियों, सुशासन, उन्नत सेवा वितरण को बढ़ावा देना और अंतत: समावेशिता सुनिश्चित करते हुए नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने विदेश मंत्रालय के साथ भागीदारी में कई देशों के सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है।

वर्ष 2023 के दौरान, एनसीजीजी ने बांग्लादेश, मालदीव, गाम्बिया और कंबोडिया के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इनके अलावा एनसीजीजी ने अरुणाचल प्रदेश तथा जम्मू और कश्मीर के लिए घरेलू क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया। इन प्रशिक्षणों में शामिल होने वाले अधिकारियों ने इसे अत्यधिक उपयोगी बताया।

वर्ष 2023 में एनसीजीजी ने 28 अंतर्राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किये। इनमें से 16 कार्यक्रमों का आयोजन आईटीईसी, विदेश मंत्रालय (एमईए) के साथ साझेदारी में किया गया।

विशेष रूप से, बांग्लादेश के लिए 2023 में 13 क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन, जिसमें 552 सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया, जो 1,800 सिविल सेवकों के प्रशिक्षण के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का हिस्सा है। इसी प्रकार, आईओआर प्रभाग, विदेश मंत्रालय के अंतर्गत मालदीव के लिए 12 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जो 1000 सिविल सेवकों के प्रशिक्षण के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का हिस्सा हैं। कुल मिलाकर 31 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 965 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के 26 और मालदीव के सूचना आयोग के 29 अधिकारी शामिल थे। 2023 में 380 वरिष्ठ अधिकारियों ने इन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

गाम्बिया के लिए एक कार्यक्रम वर्ष 2023 में आयोजित किया गया जिसमें 30 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह 500 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए डीएआरपीजी के साथ समझौता ज्ञापन को लागू करने वाले पहल का एक हिस्सा था। एनसीजीजी को कंबोडिया के सिविल सेवकों का क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए अधिदेश प्राप्त है जिसमें मार्च, 2024 तक कुल 160 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करना शामिल है। 2023 में दो कार्यक्रमों में कुल 79 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।

एनसीजीजी ने 2000 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन के भाग के रूप में कुल 114 प्रतिभागियों को शामिल करते हुए जम्मू और कश्मीर के सिविल सेवकों के लिए तीन कार्यक्रम भी आयोजित किए। इसके अलावा, एनसीजीजी ने पांच वर्षों की अवधि में 500 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत 113 प्रतिभागियों को शामिल करते हुए अरुणाचल प्रदेश के सिविल सेवकों के लिए तीन क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए। वर्ष 2023 में कुल 227 स्वदेशी सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य तेजी से जटिल होती और एक-दूसरे पर आश्रित दुनिया में प्रभावी सार्वजनिक नीति प्रदान करने और डिजाइन करने के लिए अधिकारियों को अत्याधुनिक ज्ञान, कौशल और उपकरणों से सुसज्जित करना है। यह उम्मीद की जाती है कि यह समृद्ध क्रॉस-कंट्री अनुभव प्रदान करने के अलावा सुशासन और अंततः सतत विकास प्राप्त करेगा, जिससे पहिया को फिर से घुमाने की आवश्यकता न हो। केंद्र सरकार देश में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के अलावा ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, सार्वजनिक सेवाओं का सार्वभौमिकरण, सतत विकास लक्ष्यों के प्रति दृष्टिकोण, सेवा प्रदान करनें में आधार का उपयोग, लोक शिकायत निवारण तंत्र और आपदा प्रबंधन जैसी पहलों को साझा कर रही है।

कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को विभिन्न विकास कार्यों को देखने का अवसर प्रदान किया गया, जिसमें दिल्ली मेट्रो, स्मार्ट सिटी, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, केंद्रीय सूचना आयोग, निर्वाचन आयोग, संसद, राष्ट्रपति भवन, पर्यावरण भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय आदि  शामिल है।

इन कार्यक्रमों की बहुत मांग है और विदेश मंत्रालय के समर्थन से, एनसीजीजी अधिक देशों से अधिक संख्या में सिविल सेवकों को समायोजित करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है क्योंकि इसकी मांग बढ़ रही है। वर्ष 2023 में 1041 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया इसके साथ ही प्रशिक्षित अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022 में 543 का लगभग दुगुना है।

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2. राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला (एनजीजीडब्ल्यूएस)

देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) को प्रत्येक महीने के लिए एक विशिष्ट विषय/ क्षेत्र पर जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल सम्मेलन/ वेबिनार आयोजित करने का निर्देश दिया। इन सत्रों के दौरान, प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पूर्व विजेताओं ने योजना की शुरुआत के बाद से अपने अनुभवों को साझा किया।

तदनुसार, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के सहयोग से अप्रैल 2022 से मासिक आधार पर राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला आयोजित करने की एक अनूठी पहल शुरू की है, जो कार्यरत प्रशासकों के बीच महत्वपूर्ण लोकप्रियता प्राप्त कर रही है।

इन वेबिनारों के दौरान, पुरस्कार विजेता अपने अनुकरणीय कार्य का प्रदर्शन करते हैं और संभावित प्रतिकृति के लिए अन्य राज्यों/जिलों द्वारा पुरस्कार विजेता पहलों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर बल देते हैं। प्रत्येक महीने के अंतिम शुक्रवार को आयोजित, ये वेबिनार लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के साथ मान्यता प्राप्त सुशासन पहल के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

पिछले 19 महीनों में, कुल 19 वेबिनार आयोजित किए गए हैं, जो प्रधानमंत्री पुरस्कार विजेता पहलों की उपलब्धियों को उजागर करते हैं।

जनवरी से दिसंबर 2023 तक, एनसीजीजी ने जिला स्तर पर नवाचार, स्वस्थ भारत - आयुष्मान भारत: स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, नवाचार - जिला, समग्र शिक्षा, नवाचार - राज्य और नमामि गंगे जैसे विविध विषयों वाले 10 वेबिनार आयोजित किए। इन वेबिनार को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के 20 प्राप्तकर्ताओं द्वारा संबोधित किया गया, जिसने जिलों, राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के 9750 से ज्यादा उपस्थित लोगों को आकर्षित किया।

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3. एनसीजीजी इंटर्नशिप कार्यक्रम

एनसीजीजी इंटर्नशिप कार्यक्रम एक गतिशील और अल्पकालिक अनुबंध है जिसे महत्वाकांक्षी नीति-निर्माताओं को एक परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम सार्वजनिक नीति निर्माण और शासन परिदृश्य में व्यावहारिक अनुभवों का एक विशिष्ट मिश्रण प्रदान करता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य एक सहयोगी वातावरण का निर्माण करना है जो महत्वपूर्ण शासन चुनौतियों पर अभिनव नीतिगत विचारों और नए दृष्टिकोणों को प्रोत्साहित करता है।

अब तक, एनसीजीजी ने 23 प्रशिक्षुओं के साथ इंटर्नशिप कार्यक्रम के दो बैच आयोजित किए हैं। एक कठिन चयन प्रक्रिया के बाद 23 असाधारण उम्मीदवारों को इनमें शामिल किया गया, जिन्हें उनके असाधारण शैक्षणिक रिकॉर्ड और सार्वजनिक नीति एवं शासन के क्षेत्र में उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए चयनित किया गया था।

चयनित प्रशिक्षुओं ने अपने चयनित क्षेत्र में लगन के साथ काम किया और उच्च क्षमता के विषयगत पेपर तैयार किए। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम सार्थक शिक्षा के अनुभवों को सुविधाजनक बनाने और महत्वपूर्ण शासन क्षेत्रों में गहन अनुसंधान को बढ़ावा देने में सहायक रहा है। वर्ष 2023 में 23 प्रशिक्षु इस पहल का हिस्सा बन चुके हैं।

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4. एनसीजीजी - आईएनएसए लीड्स कार्यक्रम

लीड्स कार्यक्रम के पहले बैच का आयोजन आईएनएसए और एनसीजीजी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह वैज्ञानिक बिरादरी के लिए अपनी तरह की पहली पहल थी, जिसका आयोजन 12 से 18 जुलाई, 2023 तक आईएनएसए, नई दिल्ली में किया गया। यह सात दिनों के लिए पूरी तरह से आवासीय कार्यक्रम था। एक कठोर चयन प्रक्रिया के बाद, विभिन्न प्रयोगशालाओं और संस्थानों से कुल 44 प्रतिभागियों का चयन किया गया। इन प्रतिभागियों में सरकारी प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिक शामिल थे, जो विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास कार्य में लगे हुए थे और अपने साथ पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव लेकर आए थे।  

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