कोयला मंत्रालय

कोयला मंत्रालय वर्षांत समीक्षा 2023


देश के कोयला क्षेत्र ने 2023 में आठ बुनियादी उद्योगों में रिकार्ड वृद्धि हासिल की

कोयला क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि को और गति दे रहा है, वर्ष 2023-24 में कोयला उत्पादन एक अरब टन से अधिक होने की संभावना

वित्त वर्ष 2023-24 में 25 दिसंबर तक 664.37 मिलियन टन कोयला उत्पादन

वाणिज्यिक कोयला खान नीलामी के 9वें दौर में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में 31 खानों की पेशकश की गई

कोयला मंत्रालय ने 2023 में कई नीतिगत पहलों और सुधारों की शुरूआत की

वर्ष के दौरान 31 फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनायें शुरू हुईं, कोयला परिवहन में तेजी लाने के लिये चार रेल परियोजनायें शुरू की गईं

अधिक सक्षम कोयला परिवहन के लिये रेल-समुद्र-रेल परिवहन पर जोर

कोल इंडिया लिमिटेड ने 2023 में कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत प्रमुख परियोजनायें शुरू कीं

Posted On: 29 DEC 2023 6:29PM by PIB Delhi

‘‘वाणिज्यिक कोयला खनन सभी हितधारकों के लिये लाभ वाली स्थिति है। उद्योगों, व्यवसायों, निवेश को नये संसाधन और बाजार मिलेंगे। राज्य सरकारों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और देश की बड़ी आबादी को रोजगार उपलब्ध होगा। इसका अर्थ यह हुआ कि हर क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा’’ - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री के उपरोक्त शब्द देश के कोयला क्षेत्र के रणनीतिक महत्व को उचित रुप में दर्शाते हैं। कोयला उत्पादन में रिकार्ड वृद्धि और ताप विद्युत संयंत्रों को रिकार्ड आपूर्ति करके देश की उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये कोयला मंत्रालय के अथक प्रयासों ने वर्ष 2023 के दौरान देश के प्रमुख बुनियादी उद्योगों में कोयला क्षेत्र को विशेष स्थान उपलब्ध कराया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रमुख बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन सूचकांक के अनुसार अक्टूबर 2023 में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों में देश के कोयला क्षेत्र ने 18.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की।

कोयला मंत्रालय ने विभिन्न नवोन्मेषी सुधारों के माध्यम से उपरोक्त वृद्धि को और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंत्रालय के इन प्रयासों में घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाना, वाणिज्यिक कोयला खान नीलामी को आगे बढ़ाना, घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये खान विकासकर्ताओं सह-आपरेटरों (एमडीओ) को शामिल करना और उत्पादन बढ़ाने के लिये राजस्व भागीदारी मॉडल के तहत बंद पड़ी खदानों को फिर से खोलना शामिल है।

केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने 21 दिसंबर को वाणिज्यिक नीलामी के 9वें दौर की शुरूआत की। नौवें दौर के तहत 26 और 7वें दौर के दूसरे प्रयास में 5 खानों सहित नौवें दौर में कुल 31 कोयला खानों की पेशकश की गई है। ये खदानें कोयला/लिग्नाइट की मौजूदगी वाले राज्यों झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में हैं।

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घरेलू कोयला उत्पादन के 2023- 24 में एक अरब टन के आंकड़े को पार करने जाने की पूरी संभावना है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में 25 दिसंबर 2023 तक कोयला उत्पादन 664.37 मिलियन टन के आंकड़े को छू चुका है। इस दौरान बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 8.39 प्रतिशत वृद्धि के साथ 577.11 मिलियन टन तक पहुंच गई। इस प्रकार देश के कोयला क्षेत्र की मौजूदा वृद्धि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है और आत्म-निर्भरता और उर्जा सुरक्षा की दिशा में देश की प्रगति में यह बेहतर योगदान कर रहा है।

कोयला मंत्रालय के अन्य मंत्रालयों के साथ बेहतर तालमेल से वर्ष 2023 के दौरान कोयले के सुगम परिवहन के लिये अधिक रैक उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकी है। वर्ष के दौरान मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्रों और अर्थव्यवस्था के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिये गुणवत्ता पूर्ण कोयला आपूर्ति सुनिश्चित की है जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि की सफल कहानी को और बढ़ावा मिला है।

वर्ष 2023 के दौरान मंत्रालय की उल्लेखनीय उपलब्धियों में सकल कोयला उत्पादन और आपूर्ति में और वृद्धि, पर्यावरण अनुकूल भूमिगत कोयला उत्पादन पर विशेष ध्यान, आयात को जितना हो सके कम करना, कोयला गैसीकरण परियोजनायें, सफल वाणिज्यिक कोयला खान नीलामी और टिकाउ खनन व्यवहारों के ईद-गिर्द केन्द्रित कई सुधार/नीतिगत उपाय विशिष्ट रूप से शामिल हैं।

देश की उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और दीर्घकालिक खनन व्यवहारों को अपनाने की दिशा में कोयला मंत्रालय द्वारा 2023 के दौरान किये गये सुधारों और नीतिगत उपायों का संक्षिप्त ब्यौरा नीचे दिया गया है।

1. सुधार और नीतियां

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1.1 कोयला संपर्क नीति क्रियान्वयन

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क. गैर-नियमन क्षेत्र के लिये कोयला संपर्क नीलामी नीति:

कैलेंडर वर्ष 2023 में नवंबर 2023 तक एनआरएस ई-नीलामी के तहत 30.37 एमटी पेशकश मात्रा के समक्ष 24.23 एमटी ही बुक किया गया।

ख. भारत में कोयला उपयोग और आवंटन की पारदर्शी योजना (शक्ति) नीति:

- कोल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी से नवंबर 2023 तक पांच किस्तों में कोयला संपर्क नीलामी का आयोजन किया। इनमें पेश की गई कुल 35.35 एमटी कोयला मात्रा में से सफल बोलीदाताओं ने 27.99 एमटी कोयला ही बुक किया।

- जनवरी से नवंबर 2023 के दौरान 11 केन्द्रीय/राज्य विद्युत उत्पादन कंपनियों को 13420 मेगावाट के लिये कोल लिंकेज प्रदान किया गया।

- कोल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी से नवंबर 2023 अवधि में लिंकेज नीलामी के चौथे दौर का आयोजन किया गया। इस दौरान कोयले की पेश की गई 8.10 एमटी में से सफल बोलीदाताओं ने 4.30 एमटी कोयले की ही बुकिंग की।

1.2 भूमि अधिग्रहण:

- कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनियों के लिये कोयला वहन क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम 1957 की धारा 9(1) के तहत अधिग्रहित और धारा 11 के तहत निहित भूमि।

‘‘कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगियों के लिये 01.01.2023 से 20.12.2023 की अवधि के दौरान कोयला वहन क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम 1957 की धारा 9 (1) के तहत 9695.7215 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया। सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम 1957 की धारा 11 (1) के तहत कुल कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के अधिकार क्षेत्र में कुल 4052.041 एकड़ भूमि थी।’’

(।।) कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न सहायक कंपनियों द्वारा अलग अलग कानूनों (जैसे कि सीबीए एक्ट, आरएफसीटीएलएआरआर, कानून (1894 का पूववर्ती एलए कानून) और समझौतों आदि के माध्यम से अधिग्रहित कुल भूमि का विवरण, पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर अपलोड 05.12.2023 की स्थिति के अनुसार, नीचे दिया गया हैः -

 

क्र.सं.


सहायक कंपनी का नाम

कुल
अर्जित भूमि (हेक्टेयर)

पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर

अपलोड भूमि का डेटा

1.

ईसीएल

26901.08

24800.10

2.

बीसीसीएल

16381.09

16381.09

3.

सीसीएल

74366.4

73317.8

4.

डब्ल्यूसीएल

38496.53

34496.53

5.

एनसीएल

24294.6

24340.55

6.

एसईसीएल

57571.7

56951.655

7.

एमसीएल

30228.51

30228.51

 

कुल

2,68,239.91

2,60,516.235

 

1.3 कोयला खान (विशेष प्रावधान) नियम 2014

कोयला खान (विशेष प्रावधान) नियम 2014 को संशोधित कर 29.05.2023 को अधिसूचित किया गया जिसमें बोली सुरक्षा को आनलाइन जमा के तौर पर स्वीकार करने के अतिरिक्त प्रावधान किये गये।

1.4 कोयला ब्लॉक आवंटन नियम, 2017

कोयला ब्लॉक आवंटन नियम 2017 को 29.05.2023 को अधिसूचित कोयला ब्लाकॅ आवंटन (संशोधन) नियम 2023 के माध्यम से संशोधित किया गया जिसमें बोली सुरक्षा को आनलाइन जमा के तौर पर स्वीकार करने के अतिरिक्त प्रावधान किये गये।

1.5 कोयला और लिग्नाइट खानों में ‘‘सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधन आडिट पर दिशानिर्देश’’

सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली आडिट का फोकस व्यक्ति संचालन के बजाय प्रणाली आधारित संचालन पर है और यह अनुपालन पर जोर देने के बजाय जोखिम प्रबंधन के सिद्धांतों पर आधारित है, जो कि जोखिम को एक स्वीकार्य स्तर पर सुनिश्चित करते हुये, उतना कम जितना उचित रूप से हासिल किया जा सके (एएलएआरए) उसके लिये खतरों की पहचान और जोखिम का आकलन तथा नियंत्रण का क्रियान्वयन है।

भारतीय कोयला खानों में जोखिम आधारित सुरक्षा प्रबंधन की वर्तमान प्रणाली के निष्प्रभावी क्रियान्वयन का एक कारण नियमित अंतराल पर एसएमपी  के लिये उपयुक्त तंत्र अथवा प्रक्रियाओं की कमी है। इन बातों को ध्यान में रखते हुये कोयला मंत्रालय ने सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये 14 दिसंबर 2023 को खदान प्रबंधन द्वारा अपनाई जाने वाली नियमित आडिट व्यवस्था के लिये दिशानिर्देश जारी किये। यह आडिट योग्य आडिटरों द्वारा किया जायेगा जिनका सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली के क्षेत्र में अच्छा अनुभव हो।

1.6 सीआईएमएस पोर्टल टाइमलाइन में संशोधन

सीआईएमएस पोर्टल के कामकाज और अन्य संबंधित मुद्दों पर हितधारकों के साथ विचार विमर्श करने के बाद सीआईएमएस पोर्टल में पंजीकरण की समय-सीमा में एक संशोधन किया गया। आयातक 60वें दिन के बाद और माल आगमन तिथि तक (जीरोथ डे) पंजीकरण के लिये आवेदन कर सकता है। यह स्वचालित पंजीकरण संख्या और 75 दिनों तक वैद्य रहेगी। कस्टम की ओर से माल निकासी मंजूरी के लिये आयातक को एंट्री बिल में पंजीकरण संख्या और पंजीकरण की समाप्ति तिथि दर्ज करनी होगी।

1.7 कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) में सुधार

।. सीएमपीएफओ कैडर का पुनर्गठन: वित्त मंत्रालय (डीओई) द्वारा 26.10.2023 को 934 पदों के साथ सीएमपीएफओ के कैडर पुनर्गठन को मंजूरी।

।।. सीएमपीएफओ में डिजिटलीकरण प्रक्रिया: लंबे समय बाद सीएमपीएफओ में डिजिटलीकरण प्रक्रिया की शुरूआत की गई। डिजिटलीकरण के अब तक के तीन चरणों में से पहले-चरण यानी सब्सक्राबर्स पोर्टल पूरा कर लिया गया और कर्मचारी उसमें अपने व्यक्तिगत और खाता-बही कार्ड का विवरण देख रहे हैं। दूसरे चरण में कोयला कंपनियों के साथ एकीकरण, पीएफ और पेंशन भुगतान के लिये दावों की आनलाइन निपटान प्रक्रिया शामिल थी जिसके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है। तीसरे चरण में विश्लेषणात्मक और रिपोर्ट सृजित प्रक्रिया को कवर किया जायेगा जिसके अप्रैल 2024 तक पूरा होने की संभावना है।

।।।. सीएमपीएफओ में ई-आफिस: सीएमपीएफओ में जुलाई 2023 से ई-आफिस शुरू कर दिया गया।

 

2. कोयला उत्पादन/आपूर्ति

 

2.1 - कोयला उत्पादनः

।. देश ने वर्ष 2022-23 में अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन देखा। वर्ष 2022-23 में अखिल भारतीय स्तर पर 893.19 मिलियन टन (अनंतिम) कोयला उत्पादन हुआ जो कि वर्ष 2021-22 के 778.21 एमटी की तुलना में करीब 14.77 प्रतिशत अधिक रहा।

।।. कैलेंडर वर्ष 2023 में (20 दिसंबर 2023 तक) देश में पिछले साल की इसी अवधि के 864.25 एमटी (अनंतिम) की तुलना में 7.95 प्रतिशत वृद्धि के साथ 932.92 एमटी (अनंतिम) कोयला उत्पादन हुआ।

 

2.2 कोयला आपूर्ति:

 

।. कैलेंडर वर्ष 2023 में (20 दिसंबर 2023 तक) देश ने एक साल पहले की इसी अवधि के 860.19 एमटी (अनंतिम) के मुकाबले करीब 6.79 प्रतिशत वृद्धि के साथ 918.62 एमटी (अनंतिम) कोयला आपूर्ति की गई।

।।. कैंलेंडर वर्ष 2023 में (20 दिसंबर 2023 तक) बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 764.57 एमटी (अनंतिम) रही जो कि एक साल पहले इसी अवधि में की गई 732.88 एमटी कोयला आपूर्ति के मुकाबले 4.32 प्रतिशत अधिक रही।

।।।. कैंलेंडर वर्ष 2023 में (20 दिसंबर 2023 तक) गैर-नियमन वाले क्षेत्र (एनआरएस) को की गई कोयला आपूर्ति 154.05 एमटी (अनंतिम) रही जो कि एक साल पहले इसी अवधि के दौरान इस क्षेत्र को की गई 127.31 एमटी कोयला आपूर्ति के मुकाबले 21.00 प्रतिशत अधिक रही।

 

2.3 मिशन कोकिंग कोल

प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारतपहल के तहत कोयला मंत्रालय द्वारा उठाये गये परिवर्तनकारी उपायों से घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन वर्ष 2030 तक 140 एमटी तक पहुंच जाने की संभावना है। कोल इंडिया लिमिटेड ने मौजूदा खानों से कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन 26 एमटी तक बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही उसने वित्त वर्ष 2025 तक करीब 22 एमटी पीआरसी के साथ दस नई खानों की भी पहचान की है। सीआईएल ने 2 एमटी पीआरसी के साथ निजी क्षेत्र को राजस्व हिस्सेदारी के नवोन्मेषी मॉडल के साथ आठ बंद पड़ी कोकिंग कोल खानों की पेशकश की है। छह के लिये एलओए जारी किया गया जिनमें से तीन के लिये समझौते पर हस्ताक्षर कर लिये गये।

कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाने के लिये कोयला मंत्रालय ने पिछले दो साल के दौरान 25 एमटी पीआरसी के साथ 16 कोकिंग कोल ब्लॉक की निजी क्षेत्र को नीलामी कर दी। इनमें से ज्यादातर ब्लॉक के 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। मंत्रालय ने चार कोकिंग कोल ब्लॉक की पहचान की है और केन्द्रीय खान योजना और डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआई) भी 4 से 6 नये कोकिंग कोल ब्लॉक के लिये जीआर को अंतिम रूप देगा। देश में घरेलू कच्चे कोकिंग कोल की आपूर्ति बढ़ाने के लिये नीलामी के अगले दौरों में इन ब्लॉक की निजी क्षेत्र को पेशकश की जायेगी।

 

2.4 वाशरीज स्थापनाः

वर्तमान में घरेलू कच्चे कोकिंग कोल की धुलाई क्षमता निजी क्षेत्र की 9.26 एमटी के साथ 23 एमटी वार्षिक है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 26.5 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की 9 और नई वाशरीज स्थापित करने और उन्हें परिचालित करने की योजना बनाई है। नई वाशरीज स्थापित होने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि सीआईएल इस्पात क्षेत्र को करीब 15 एमटी धुले कोकिंग कोयले की आपूर्ति कर सकेगा, इसके साथ ही कोकिंग कोल का आयात भी कम हो सकेगा। वित्त वर्ष 23 के दौरान सीआईएल ने इस्पात क्षेत्र को 2.15 एमटी स्वच्छ कोकिंग कोल की आपूर्ति की और वित्त वर्ष 2024 के लिये उसने 3.45 एमटी आपूर्ति लक्ष्य तय किया है।

कोकिंग कोल धुलाई करने वाली 11 इकाइयों की स्थितिः

- दो कोकिंग कोल वाशरीज का निर्माण और परिचालन

- एक वॉशरी चालू की गई

- दो निर्माणाधीन

- चार वॉशरीज के लिये एलओआई/डब्ल्यूओ जारी किया गया

- दो वॉशरीज के लिये टेंडर किया जाना है।

इसके अलावा, 1 गैर-कोकिंग कोल वॉशरी भी चालू की गई।

 

3. बुनियादी ढांचा परियोजनायें

 

3.1 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) - कोयला मंत्रालय ने कोयले की सुगम निकासी के लिये 1040 एमटी क्षमता की 103 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर काम शुरू किया है - इनमें 291 एमटी वार्षिक क्षमता की 31 परियोजनाओं (29- सीआईएल और 2- एससीसीएल) को चालू कर लिया गया है।

भारत की उर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और आयातित कोयले के स्थान पर घरेलू खदानों से निकाले गये कोयले की आपूर्ति कर आत्मनिर्भर भारत को साकार करने के लिये कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 में 1.31 बिलियन टन और वित्त वर्ष 2030 में 1.5 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। लागत प्रभावी, त्वरित और पर्यावरण अनुकूल तरीके से कोयला परिवहन करना देश का महत्वपूर्ण लक्ष्य है।

भविष्य में कोयला निकासी में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुये कोयला मंत्रालय कोयला क्षेत्रों में रेल नेटवर्क को मजबूती देने और कोयला खानों के निकट रेलवे साइडिग के जरिये फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी सहित राष्ट्रीय कोयला लाजिस्टिक योजना के विकास पर काम कर रहा है।

कोयला मंत्रालय ने खानों में कोयले का सड़क माध्यम से परिवहन को समाप्त करने के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने की रणनीति बनाई है और फर्स्ट माइल कनेक्टिीविटीपरियोजनाओं के तहत यंत्रीकृत कोयला परिवहन और लोडिंग प्रणाली को उन्नत बनाने की दिशा में कदम उठाये हैं। त्वरित लोडिंग प्रणाली के साथ कोल हैंडलिंग संयंत्रों और सिलो में कोयले की क्रसिंग, उसे आकार देने और कंप्यूटर सहायता प्राप्त तेज लोडिंग जैसे लाभ भी होंगे।

कोयला मंत्रालय ने 1040 एमटी वार्षिक क्षमता की 103 फस्र्ट माइल कनेक्टिीविटी (एफएमसी) परियोजनायें जिनमें 95- सीआईएल, 5- एससीसीएल और 3- एनएलसीआईएल के तहत हैं पर काम शुरू किया है जिनमें से 291 एमटी वार्षिक क्षमता की 31 परियोजनाओं (29- सीआईएल और 2- एससीसीएल) को चालू कर लिया गया है। शेष परियोजनाओं का 2027-28 तक क्रियान्वयन कर लिया जायेगा।

वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), नागपुर ने जरिये एक अध्ययन किया गया। एनईईआरआई की रिपोर्ट में 35 परियोजनाओं के लिये वार्षिक कार्बन उत्सर्जन बचत, ट्रकों की आवाजाही में कमी और 2100 करोड़ रूपये प्रति वर्ष डीजल बचत की बात कही गई है।

मानव हस्तक्षेप कम होने से पहले से तौली गई सटीक कोयला मात्रा और अच्छी गुणवत्ता का कोयला लदान किया जा सकता है। लदान समय कम होने से बेकार खड़ी वैगनों में कमी आयेगी और उनकी उपलब्धता में सुधार होगा। सड़क नेटवर्क पर परिवहन बोझ कम होने से पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा और डीजल की बचत होगी। यह कंपनी, रेलवे और उपभोक्ता सभी के लिये लाभ वाली स्थिति होगी।

 

3.2 पीएम गति शक्ति के तहत पहल

 

कोयला परिवहन में पर्यावरण स्वच्छता का ध्यान रखते हुये कोयला मंत्रालय ने रेलवे के जरिये कोयला ढुलाई को गति दी है और देश में सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई से धीरे धीरे दूरी बनाने के नये प्रयास शुरू किये हैं। नये कोयला उपलब्धता वाले क्षेत्रों में नई ब्राडगेज रेल लाइनों का योजनाबद्ध निर्माण, नये लोडिंग बिंदुओं तक रेल संपर्क का विस्तार और कुछ मामलों में दोहरी और तिहरी रेल लाइनों की उपलब्धता से रेलवे की क्षमता में अच्छी वृद्धि हो सकेगी।

प्रधानमंत्री ने अवसंरचना विकास को गति देने के लिये ढांचागत कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित क्रियान्वयन के लिये विभिन्न मंत्रालयों के एक साथ लाने के उद्देश्य से अक्टूबर 2021 में गति शक्ति - राष्ट्रीय मास्टर योजना की शुरूआत की। इसमें विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचागत योजनाओं को एक साथ ला दिया जायेगा और स्थानिक योजना उपकरणों सहित प्रौद्योगिकी का भी बड़े पैमाने पर लाभ उठाया जा सकेगा।

कोयला मंत्रालय ने 100 से अधिक परतों की पहचान की है और उनकी विशेषताओं और मेटाडेटा के साथ उन्हें पोर्टल पर मैप किया है। जरूरत के अनुसार जानकारी की इन परतों की लगातार निगरानी की जा रही है और जब भी आवश्यकता होगी इनमें उनकी विशेषताओं के साथ और नई परतें इनमें जोड़ी जाती रहेंगी। नई जानकारियों की परतों को जोड़ने के मामले में त्वरित कार्रवाई के लिये कोयला मंत्रालय और सेंट्रल माइन प्लानिंग एण्ड डिजा़इन इंस्टिट्यूट (सीएमपीडीआई) लगातार भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) के संपर्क में हैं।

जानकारी की इन परतों से परियोजनाओं के योजना और कार्यान्वयन के चरण में मंत्रालयों से संबंधित सभी आवश्यकताओं पर विचार करते हुये योजना की प्रक्रिया को गति दी जा सकेगी।

कोयला मंत्रालय ने पोर्टल पर निम्नलिखित परतों को शामिल किया है।

(क) उनकी विशेषताओं और मेटाडेटा के साथ 100 से अधिक डेटा परतों को मैप किया गया है।

(ख) 51 परतें निर्माणाधीन हैं।

(ग) 24 परतें पोर्टल पर जोड़ने का प्रस्ताव है।

 

पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन

कोयला मंत्रालय ने ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार सहित क्षेक्षें/राज्यों द्वारा राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति पर किये गये प्रश्नों का समाधान करने के लिये भुवनेश्वर, ओड़ीशा में 16.02.2023 को पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में कोयला उत्पादन और आवंटन में दक्षता लाना था। मंत्रालय ने इस दौरान अंतर प्रणालियों के डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान देते हुये कोयला लाजिस्टिक को लेकर चर्चा पर जोर दिया। इसमें सभी हितधारकों के बीच राष्ट्रीय परिपेक्ष में साथ मिलकर काम करने को लेकर गहन चर्चा हुई। सम्मेलन में पूर्वी क्षेत्रीय राज्यों और कोयला, रेलवे, बिजली, इस्पात, उर्वरक एवं रसायन, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पत्तन और जलमार्ग जैसे विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ साथ पूर्वी क्षेत्र के उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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3.3 वर्ष 2023 के दौरान चालू रेल परियोजनायें

 

।. भद्राचलम रोड़ - सत्तुपल्ली नई बीजी रेल लाइनः तेलंगाना के संपर्क रहित क्षेत्रों को जोड़ने और कोयला परिवहन की सुविधा के लिये 54 किलोमीटर लंबाई की नई रेल लाइन बिछाई गई।

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।।. अंगुल - बलराम - पुतगड़िया - जारापाड़ा: पुतगड़िया से तेंतुलोई (68 किलोमीटर) (ओड़िशा में एमसीआरएल रेल कोरीडोर) : यह रेल लाइन ताल्चर कोयला क्षेत्र को निकट के पारादीप और डामरा पोर्ट से निकटता प्रदान करेगी और पूर्वी और पश्चिम तटीय क्षेत्र के दूरवर्ती स्थानों स्थित विद्युत संयंत्रों और अन्य उपयोगकर्ताओं को समुद्री मार्ग और नौवहन माध्यम से कोयला आपूर्ति का सस्ता और वैकल्पिक जरिया उपलब्ध करायेगी। इससे तैयार हो रहे रेल मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिल सकेगी।

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।।।. तोरी-शिवपुर-कठौतिया रेल लाइन: यह 49 किलोमीटर की नई रेल लाइन करीब 125 एमटी की कोयला निकासी क्षमता उपलब्ध करायेगी और कोडरमा, झारखंड से होते हुये हावड़ा से दिल्ली ट्रंक रेलवे लाइन तक सड़क मार्ग से कोयला परिहवन समाप्त करने में प्रमुख भूमिका निभायेगी।

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iv. सीईआरएल (खरसिया - धरमजयगढ़ रेल लिंक) चरण-।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 सितंबर 2023 को रायगढ़, छत्तीसगढ़ में करीब 3,055 करोड़ रूपये की लागत से तैयार साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के पूर्वी रेल कोरीडोर के पहले-चरण को राष्ट्र को समर्पित किया।

खरसिया और धरमजयगढ़ के बीच 124 किलोमीटर लंबी यह ट्रैक लाइन बिजली उत्पादन संयंत्रों सहित विभिन्न कोयला उपयोगकर्ताओं के लिये एसईसीएल की कोयला खानों और रायगढ़ जिले में फैले मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला और अन्य कच्चे माल के परिवहन में मदद करेगी।

परियोजना की वार्षिक क्षमता 62 मिलियन टन है। भविष्य में यात्री परिवहन सुविधाओं के विकास से इस जनजातीय बहुल क्षेत्र के लोगों को भी लाभ होगा।

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3.4 कोयले का तटीय नौवहन:

 

कोयला मंत्रालय ने रेल-समुद्र-रेल को बढ़ावा देने की पहल की है, इसका उद्देश्य घरेलू कोयले की कुशल ढंग से आवाजाही के लिये रेल-समुद्र-रेल परिवहन को जोड़ना है। इस बहुरूपी परिवहन प्रणाली से खानों से बंदरगाह और वहां से अंतिम उपयोगकर्ताओं तक बिना बाधा कोयला परिवहन हो सकेगा। इससे परिहवन लागत में कमी के साथ ही लाजिस्टिक दक्षता में भी सुधार होगा।

वित्तीय वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ ही ओडीशा, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों से कुल घरेलू कच्चा कोयला प्रेषण में लगभग 75 प्रतिशत योगदान रहा। कोयला उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता मानते हुये कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2030 तक साल दर साल 7.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कोयला उत्पादन करीब दोगुना होने का अनुमान लगाया है।

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परिवहन का तटीय नौवहन तरीका माल लाने ले जाने की किफायती और पर्यावरण अनुकूल प्रणाली है। इसमें भारत के लाजिस्टिक उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता है। कोयला ढुलाई बढ़ाने के लिये रेल समुद्र/रेल समुद्र रेल जैसे जारी प्रयासों से दक्षिण और पश्चिमी तटीय क्षेत्र स्थित बंदरगाहों का पूर्ण क्षमता उपयोग हो सकेगा। इससे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश स्थित बिजली संयंत्रों के लिये कुशलता के साथ अधिक कोयले का परिवहन हो सकेगा। रेल-समुद्र-रेल के माध्यम से कोयला पहुंचाने की लागत को अनुकूल रखने के लिये प्रयास जारी हैं। रेल-समुद्र-रेल मार्ग का विकल्प चुनने से दक्षिण भारत स्थित अंतिम उपयोगकर्ताओं को लाजिस्टिक लागत में करीब 760-1300 रूपये प्रति टन बचत की संभावना है। वर्तमान में एमसीएल (पारादीप) से पश्चिमी/उत्तरी टीपीपी तक एआरआर से कोयला आपूर्ति की कुल लागत 2500 रूपये प्रति टन तक बढ़ जाती है लेकिन फिर भी यह आयातित कोयले की सकल पहुंच लागत से सस्ती पड़ती है।

रेल- समुद्र- रेल को बढ़ावा देने के कोयला मंत्रालय के प्रयासों के उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं क्योंकि पिछले चार वर्ष के दौरान कोयले के रेल- समुद्र-रेल परिवहन में 125 प्रतिशत के करीब वृद्धि दर्ज की गई। भारत में कोयले का उत्पादन अगले सात वर्षों के दौरान लगभग दोगुना होने की उम्मीद है, ऐसे में बिना अड़चन और बाधारहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये परिवहन के वैकल्पिक साधन के रूप में रेल- समुद्र-रेल परिवहन भारत में उपभोक्ता केन्द्रों तक कोयले की कुशल पहुंच के लिये काफी महत्वपूर्ण हो जाती है।

 

4. कोयला ब्लॉक आवंटन

 

4.1 खान और खनिज (विकास और नियमन) अधिनियम, 1957

खान और खनिज (विकास और नियमन) अधिनियम, 1957 के प्रावधानों के तहत बनाये गये नियमों के तहत 34 कोयला ब्लाकों की सफलतापूवर्क नीलामी की गई।

4.2 वाणिज्यिक खनन

 

वणिज्यिक कोयला खनन: - कोयला आयात कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये 2014 में नीलामी आधारित व्यवस्था की शुरूआत की गई जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी को अनुमति दी गई, हालांकि, यह उनके खुद के इस्तेमाल वाले संयंत्र में निजी इस्तेमाल तक सीमित थी। वर्ष 2020 में क्षेत्र को निजी क्षेत्र के उद्यमियों के लिये वाणिज्यिक कोयला खनन के वास्ते खोल दिया गया और वाणिज्यिक खनन की सबसे पहली सफल नीलामी की प्रधानमंत्री ने 18.06.2020 को शुरूआत की जो कि 20 कोयला खदानों के आवंटन के साथ संपन्न हुई।

।. अब तक वाणिज्यिक खनन के तहत कुल 91 कोयला खानों की सफलतापूर्वक नीलामी हो चुकी है जिनकी पीक रेटिड क्षमता (पीआरसी) 220.90 एमटी प्रति वर्ष है। जैसे ही ये खानें पूरी तरह से परिचालन में आयेंगी इनमें 2,98,650 लोगों के लिये रोजगार की संभावनायें पैदा होंगी। और इनमें 33,100 करोड़ रूपये से अधिक पूंजी निवेश होगा।

।।. इसके अलावा, कोयला मंत्रालय ने 15 नवंबर 2023 को 39 कोयला खानों की पेशकश के साथ 8वें दौर की और दिसंबर 2023 में 31 कोयला खानों की पेशकश के साथ 9वें दौर की नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत की।

।।।. कैलेंडर वर्ष 2023 में 36 कोयला खानों के लिये अधिकार आदेश जारी किये गये जबकि 37 कोयला खानों के लिये कोयला खनन विकास और उत्पादन समझौते (सीएमडीपीए) पर हस्ताक्षर किये गये।

 

5. संपत्ति मुद्रीकरण

 

वर्ष 2022- 2023 में नीति आयोग के 30,000 करोड़ रूपये के लक्ष्य के समक्ष कोयला मंत्रालय ने 57,179.99 करोड़ रूपये हासिल किये।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में नवंबर 2023 तक नीति आयोग के 50,118 करोड़ रूपये के लक्ष्य के मुकाबले संपत्ति मुद्रीकरण की स्थिति इस प्रकार रहीः

 

क्र.सं

संपत्ति श्रेणी

राशि करोड़ में

1

कोयला ब्लॉक नीलामी

44130

2

एमडीओ

4018.03

3

परित्यक्त खदानें

535

 

कुल

48683.88

 

कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2022- 23 के लिये 23,400.22 करोड़ रूपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को हासिल किया जो कि वार्षिक पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 109.24 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2022- 23 और वित्त वर्ष 2023- 24 में नवंबर 2023 तक हासिल पूंजीगत व्यय का विवरण नीचे दिया गया है:-

करोड़ रूपये में-

 

विवरण

कोल इंडिया

एनएलसीआईएल

एससीसीएल

कुल

वित्त वर्ष 2022-23

2022-23 के लिए एमओयू लक्ष्य

16500

2920

2000

21420

2022-23 में उपलब्धि

18619.27

3307.78

1473.17

23400.22

2022-23 में % उपलब्धि

112.84%

113.28%

73.66%

109.24%

वित्त वर्ष 2023-24

2023-24 के लिए एमओयू लक्ष्य

16500

2880

1650

21,030

23 नवंबर तक की उपलब्धि

10491.76

2531.75

1001.22

14024.73

23 नवंबर तक % उपलब्धि

63.59%

87.91%

60.68%

66.69%

 

6. कार्पोरेट सामाजिक दायित्व

6.1 कार्पोरेट सामाजिक दायित्व:

सीएसआर व्ययः

एससीसीएल ने सीएसआर हिस्से के तौर पर 2023 में सीएसआर गतिविधियों के तहत निकटवर्ती गावों, शहरों, पर्यावरण सुरक्षा उपायों पर 13.44 करोड़ रूपये का व्यय किया। जबकि इससे पहले पिछले साल ऐसी गतिविधियों पर 11.39 करोड़ रूपये खर्च किये गये थे।

सीआईएल ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान समेकित आधार पर सीएसआर गतिविधियों पर 517.93 करोड़ रूपये खर्च किये जो कि सांविधिक आवश्यकता के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक था। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के सांविधिक लक्ष्य 428.20 करोड़ रूपये का 62 प्रतिशत यानी 264.37 करोड़ रूपये 18.12.2023 तक इस्तेमाल किया जा चुका है। समेकित आधार पर सीआईएल देश में शीर्ष दस कार्पोरेट व्यय करने वालों में से एक रही है।

वर्ष के दौरान शुरू की गई प्रमुख परियोजनायें

: ‘सीसीएल के लाल/लाडली जैसी सफल योजनाओं को अन्य सहायक कंपनियों में जैसे कि डब्ल्यूसीएल में जेईई और नीट कोचिंग के लिये तराश सुपर 30 और एसईसीएल में नीट कोचिंग के लिये एसईसीएल के सुश्रुत, नाम से दोहराया जा रहा है। इन योजनाओं के तहत वंचित तबके के मेधावी छात्रों को इंजीनियरिंग/मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिये मुफ्त आवासीय कोचिंग प्रदान की गई।

: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राउरकेला और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बंबई में महिला छात्रावासों का निर्माण।

: रामगढ़, झारखंड में 50,000 छात्रों को मघ्यान्ह् भोजन उपलब्ध कराने के लिये केन्द्रिकृत रसोई की स्थापना।

: कोलकाता, पश्चिम बंगाल में न्यूरोलाजीकल उपचार के लिये एमआरआई मशीन उपलब्ध कराई गई।

: रांची, झारखंड में 5,000 सीट वाले पुस्तकालय का निर्माण।

: थैलीसीमिया बाल सेवा योजना के तीसरे- चरण की शुरूआत। योजना के तहत देश के 11 बड़े अस्पतालों में थैलीसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया रोगियों के बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) के लिये 10 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे मामलों का चयन एक पोर्टल के माध्यम से होता है जिसे योजना के तीसरे चरण के साथ ही शुरू किया गया था।

कौशल विकास

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सीआईएल ने अपनी कौशल/आजीविका गतिविधियों के तहत समेकित आधार पर 11,816 लोगों को कवर किया। वित्त वर्ष 2023-24 के लिये कौशल/आजीविका विस्तार कवरेज के लिये 8,000 व्यक्तियों का लक्ष्य तय किया गया है।

प्रमुख कार्यक्रम/घटनायें

: एमसीएल ने ताल्चेर, अंगुल जिला, ओडीशा में 493 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 500 बिस्तर के मेडिकल कालेज और अस्पताल का उद्घाटन किया।

: थैलीसीमिया बाल सेवा योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 400 तक पहुंचने का जश्न नारायण ह्रदालय बेंगलूरू में मनाया गया।

6.2 मिशन मोड भर्ती:

मिशन मोड भर्ती के तहत नवंबर 2023 तक विभिन्न पदों के लिये 5910 नियुक्ति पत्र (सीआईएल-5091 और एनएलसीआईएल-819) जारी किये गये।

 

7: सतत् विकास और न्यायसंगत बदलाव

 

1. हरित पहलें: जैव पुनप्र्राप्ति/पौधारोपण:

क- जनवरी से नवंबर 2023 तक, कोयला/लिग्नाइट क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने 2,711 हेक्टेयर भूमि पर 53.48 लाख पौधे लगाये।

ख- कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने वित्त वर्ष 2019-20 से सकल आधार पर 10,735 हेक्टेयर क्षेत्र पर कुल 234.52 लाख पौधे लगाये और 2019 के बाद से पौधारोपण लक्ष्य/उपलब्धि को दोगुना किया।

ग- मान्यता प्राप्त अनुपूरक वनीकरण (एसीए) दिशानिर्देश, का अनुपालन करते हुये भविष्य की कोयला खनन परियोजनाओं के लिये 3003 हेक्टेयर कोयला-रहित वनीकृत भूमि की पहचान एसीए भूमि बैंक बनाने के लिये की गई।

 

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एससीसीएल के जेवीआर ओसी-।। के पुनःप्राप्ति वाले ओबी डंप पर बना हरित आवरण

 

2. पुनः प्राप्त भूमि और खान पर्यटन पर ईको पार्क का विकास

क. कोयला मंत्रालय और कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने खदान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये इको-पार्क और पर्यटन स्थलों के विकास को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया।

ख. जनवरी 2023 से नवंबर 2023 के दौरान, कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने चार इको-पार्क/खान पर्यटन स्थलों को विकसित कियया।

ग. वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2023-24 (नवंबर 2023 तक) कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने 15 इको-पार्क और खान पर्यटन स्थलों की सफलता पूर्वक स्थापना की, इनमें 7 स्थल स्थानीय पर्यटन सर्किट के साथ जुड़ गये, जो कि सतत् और सुलभ खदान पर्यटन अनुभव के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

घ. कोयला खनन क्षेत्रों में 19 नये इको-पार्क/पर्यटन स्थलों को विकसित करने की भी योजना है।

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डब्ल्यूसीएल की चंद्रपुर क्षेत्र, चंदा रायतवारी कोयलरी स्थित नीम वाटिका

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एनसीएल, बीना परियोजना में चंद्रशेखर आजाद इको-पार्क

3. खान के पानी का सामुदायिक उपयोग के लिये इस्तेमालः

क. खान का पानी घरेलू उपयोग, सिंचाई, भूजल रिचार्ज और औद्योगिक उपयोग जैसी विभिन्न सामुदायिचक जरूरतों के लिये महत्वपूर्ण है।

ख. जनवरी 2023 से नवंबर 2023 तक खान से 3,513 लाख किलोलीटर (एलकेएल) उपचारित जल सामुदायिक कार्यों के लिये दिया गया जिसमें से 1,193 एलकेएल पीने के लिये और 2,320 एलकेएल सिंचाई के लिये दिया गया।

ग. वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 20123-24 (नवंबर 2023 की स्थिति के अनुसार) कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने सामुदायिक कार्यों के लिये कुल मिलाकर करीब 18,582 एलकेएल उपचारित पानी की आपूर्ति की जिससे सालभर 9 राज्यों के 981 गांवों में करीब 17.70 लाख लोगों को लाभ पहुंचा जो कि सामुदायिक कल्याण और सतत् विकास को बढ़ावा देने में खदानों के पानी की व्यापक भूमिका को दर्शाता है।

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ईसीएल में खान के पानी का उपचार संयंत्र

 

4. अतिरिक्त बोझ का वैकल्पिक उपयोग (ओबी)

क. चक्रीय अर्थव्यवस्था (कोयला क्षेत्र में अपशिष्ट से संपत्ति) को बढ़ावा देने के लिये जनवरी 2023 से नवंबर 2023 के दौरान कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने 2 ओबी से एम-सैंड संयंत्रों की शुरूआत की जिसके बाद नवंबर 2023 तक कुल 4 ओबी प्रसंस्करण संयंत्र और 5 ओबी से एम-सैंड संयंत्र हो गये।

ख. इस प्रकार के 6 और संयंत्र विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं।

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एनसीएल के अमलोहरी संयंत्र में ओबी से एम-सैंड संयंत्र --

 

5. उर्जा दक्षता उपाय

क. उर्जा संसाधनों का दक्षतापूर्ण इस्तेमाल और उनकी बचत बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि खपत के स्तर पर एक यूनिट उर्जा की भी यदि बचत होती है तो अंततः कार्बन उत्सर्जन में उतनी ही कमी आयेगी।

ख. कोयला/लिग्नाइट क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने जनवरी 2023 से नवंबर 2023 की अवधि में उर्जा दक्षता और उर्जा संरक्षण के विभिन्न उपाय किये हैं। इनमें 1.50 लाख पारंपरिक बल्ब/लाइट के स्थान पर एलईडी बल्ब/लाइट लगाना, 2,562 उर्जा दक्षता एसी, 45,325 सुपर पंखे, 136 ई-वाहनों की तैनाती, 655 उर्जा दक्ष वाटर हीटर, पंपों के लिये 235 उर्जा दक्ष मोटरें, स्ट्रीट लाइटों के लिये 624 आटो-टाइमर और कैपसिटर बैंक की स्थापना जैसे उपाय शामिल हैं।

 

8. अन्य गतिविधियां

 

8.1 आजादी का अमृत महोत्सव -- भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘‘मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन’’ टैगलाइन के साथ ‘‘मेरी माटी मेरा देश’’ जन नेत्त्व में एक राष्ट्रव्यापी ‘‘जन भागीदारी’’ वाली पहल है। देश की अनेकानेक उपलब्धियों का उत्सव मनाने के लिये ‘‘मेरी माटी मेरा देश’’ कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का समापन है। इसमें देश की रक्षा करने वाले ‘‘वीरों’’ को श्रद्धांजलि देना शामिल है। कोयला मंत्रालय ने पोषक पृथ्वी के साथ हमारे जुड़ाव को फिर से मजबूती देने और हमारे बहादुरों का सम्मान करने के उद्देश्य से गांव, पंचायत, ब्लाक, शहरी स्थानीय निकायों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निम्नलिखित सरल कार्यों के साथ समारोहों का आयोजन किया।

. शिलाफलकम का लोकार्पण - वीरों की नाम पट्टिका स्थापित करना

. पंच प्रण पतिज्ञा ली गई

. वसुधा बंदनः देशी वृक्षों के 75 पौधों के साथ अमृत वाटिका बनाई गई।

. वीरों का वंदन - देश और बहादुरों के परिवारों की रक्षा करने वाले स्वतंत्रता सेनानी/बहादुरों का सम्मान

. राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रीय गान

. देश के गांवों से मिट्टी लाकर उसे ब्लॉक स्तर पर एकत्रित किया गया और अंत में प्रत्येक ब्लाक स्तर से स्वयंसेवकों के साथ उसे राजधानी लाया गया जो कि कर्तव्य पथ पर एकत्रित हुये। राजधानी में एक अमृत वाटिका बनाई गई और फिर प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्वयंसेवकों को पंच प्रण की शपथ दिलाई। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पहला स्तर (ग्राम स्तर) एक सितंबर से 30 सितंबर 2023 तक पूरा किया गया। इस दौरान कोयला क्षेत्र के देशभर में फैले सभी सार्वजनिक उपक्रमों ने संबंधित सहायक कंपनियों में निम्नलिखित गतिविधियों/कार्यक्रमों का आयोजन किया।

  • - उत्सव के माहौल में प्रत्येक गांव के घरों से अमृत कलश में मिट्टी अथवा चावल का संग्रह किया गया।
  • - अमृत कलश में मिट्टी और चावल एकत्रित करते हुये समूह के साथ ढोलक और नगाड़ा बजाते लोग भी शामिल थे।
  • - मिट्टी और चावल संग्रहण करते समय पंच प्रण संकल्प लिया गया।

. अमृत कलश यात्राओं के आयोजन से 21 जिलों से 956 कलश एकत्रित किये गये। इस दौरान कोयला मंत्रालय की कोयला कंपनियों द्वारा विभिन्न शहरी ब्लाकों, गांवों में आयोजित यात्राओं में एक लाख के करीब लोगों ने भाग लिया।

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. 8.2 लंबित मामलों के निपटान के लिये विशेष अभियान 3.0

.

. भारत सरकार के परिचालन दक्षता बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान 3.0 का 02 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक आयोजन किया जो कि बहुत सफल रहा। इस केन्द्रित पहल का उद्देश्य लंबित मामलों में कमी लाने के लिये स्वच्छता को संस्थागत बनाना और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है। मंत्रालय ने इस दौरान जन शिकायतों का प्रभावी ढंग से समाधान करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की जो कि अधिक सार्वजनिक इंटरफेस, संसद सदस्यों के संदर्भ और संसद से आश्वासन तक पहुंचा। एक व्यापक स्वच्छता अभियान, साथ ही कबाड़ का सावधानीपूर्वक निपटान और फाइलों की व्यवस्थित ढंग से छंटाई से यह बहुआयामी दृष्टिकोण वाला बन गया।

. कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान 3.0 को उल्लेखनीय सफलता के साथ पूरा किया। विशेष अभियान 3.0 के दौरान मंत्रालय की उपलब्धियां इस प्रकार रहीः-

  • ।. जन शिकायतों, पीएमओ संदर्भो, सीएमओ संदर्भों और आईएमसी निपटान में 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया।
  • ।।. इस दौरान मंत्रालय के कार्यालयों में 65,89,378 वर्गफुट स्थान खाली हुआ। स्थान खाली हुआश्रेणी में कोयला मंत्रालय भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों में सबसे शीर्ष पर रहा।
  • ।।।. स्वच्छता अभियान 962 स्थानों पर चलाया गया जबकि कार्यक्रम के शुरूआती दौर में मंत्रालय और इसके केन्द्रीय उपक्रमों ने 763 स्थानों पर अभियान चलाने का लक्ष्य रखा था।
  • iv. 8499 मीट्रिक टन कबाड़ का निपटान कर 3401 करोड़ रूपये राजस्व प्राप्त हुआ। ‘‘कबाड़ से राजस्व कमाई’’ श्रेणी में कोयला मंत्रालय भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों में चौथे स्थान पर रहा।
  • v. 1,39,969 दस्तावेजी फाइलें और 1,05,369 ई-फाइलों की समीक्षा की गई और इनमें से कुल 69,227 फाइलों को हटाया/बंद कर दिया गया।

 

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कबाड़ और अपशिष्ट निपटान से मुक्त स्थान का इस्तेमाल पौधारोपण, बागवानी गतिविधियों, सौंदर्यीकरण, खुला मार्ग, पार्किग स्थल, कार्यालय व्यवस्था, भंडागृह जैसे विभिन्न कार्यो में किया जा रहा है।

1. एसईसीएल में बिना-उपयोग वाले एक कमरे को तीन अधिकारियों के आफिस केबिन में बदल दिया गया।

 

A room with a pile of papersDescription automatically generated 

 

‘‘कंप्यूटर और स्वतः उत्पन्न विंडो उल्लेख के साथ एक कमरा’’

पहले ---

.

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बाद में

 

2. सीसीएल के बर्कशायल क्षेत्र में जगह की सफाई कर प्रतीक्षा स्थान बनाया गया।

 

3. रांची, झारखंड स्थित सीएमपीडीआई (मुख्यालय) में अप्रयुक्त सामान को हटाकर पार्किंग के लिये जगह बनाई गई।

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पहले

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बाद में

 

विशेष अभियान 3.0 में नई पहलें

 

1. प्लास्टिक से पेवर:

ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने एकल उपयोग प्लास्टिक संग्रह किया। प्लास्टिक छंटाई के बाद बंकोला क्षेत्र में पेवर ब्लाक/टाइलें बनाने के लिये इसका प्रसंस्करण किया गया।

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पहले

 

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बाद में

 

 

2. स्क्रैप से मूर्ति

एसईसीएल के जमुना कोटमा क्षेत्र ने विशेष अभियान 3.0 गतिविधियों के तहत ‘‘स्क्रैप से मूर्तिकला’’ पहल शुरू की है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कोयला खानों की स्क्रैप सामग्री को विभिन्न प्रकार की रचनात्मक मूर्तियों में बदलना है।

कोयला कंपनी ने स्क्रैप से तैयार इन मूर्तियों को रखने और प्रदर्शित करने के लिये मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में जमुना कोटमा क्षेत्र स्थित बकिंम विहार में एक सार्वजनिक पार्क बनाया है। यहां रखी गई स्क्रैप की इन मूर्तियों में एक कोयला खदान श्रमिक, एक शेर, एक क्रेन पक्षी और एक फूल की मूर्ति प्रमुख है।

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पहले

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बाद में

 

 

3. पुनरूत्थान चरखा उद्यान

नेवेली टाउनशिप में एक कूड़ा डंपिंग क्षेत्र को सुधार कर वहां ‘‘पुनरूत्थान चरखा उद्यान’’ स्थापित किया गया।

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Ministry of Coal has successfully completed special campaign 3.0 by achieving 100% success rate in disposal of pendency and earned the revenue of 34.01 Crore. Watch & Subscribe for daily updates - https://t.co/ESKiSPQqys pic.twitter.com/bq2KKwvZVy

— Ministry of Coal (@CoalMinistry) December 21, 2023

विशेष अभियान 3.0 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार

 

विशेष अभियान 3.0 की सफलता के लिये मंत्रालय और कोयला कंपनियों द्वारा किये गये सराहनीय प्रयासों को मान देने के लिये कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी की उपस्थिति में एक पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। विजेताओं को नीचे दी गई श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया।

 

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नई पहल श्रेणी - ईसीएल

(प्लास्टिक से पेवर)

 

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स्क्रैप निपटान से जुटाई अधिकतम राशि - श्रेणी – एनसीएल

 

8.3 कोयला और लिग्नाइट खानों की स्टार रेटिंग के लिये पुरस्कार

 

कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट खानों के असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देने के लिये 20 दिसंबर 2023 को प्रतिष्ठित स्टार रेटिंग पुरस्कार समारोह का आयोजन किया। उद्योग मानकों को उंचा उठाने की दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ मंत्रालय ने सभी प्रमुख मानदंडों में प्रदर्शन बेहतर करने, सतत् वृद्धि और विकास के लिये जबावदेह कोयला खनन व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिये एक सुपरिभाषित प्रणाली को लागू किया है। कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

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कोयला मंत्रालय देश में दीर्घकालिक खनन व्यवहारों को लागू करते हुये खदानों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर कोयला और लिग्नाइट खनन को टिकाऊ और कोयला खान क्षेत्र के समग्र प्रदर्शन में सुधार लाने को प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि मंत्रालय ने कोयला खानों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को अलग पहचान देने और मान्यता देने के लिये स्टार रेटिंग नीति बनाई है। स्टार रेटिंग नीति सात व्यापक माड्यूल्स में स्टार रेटिंग मानदंडों को रेखांकित करती है, इनमें: ‘‘खान परिचालन, पर्यावरणीय कारक, प्रौद्योगिकी अपनाना - बेहतर खनन व्यवहार, आर्थिक प्रदर्शन, पुनर्वास और पुनस्र्थापना, कर्मचारी संबंधित अनुपालन और बचाव एवं सुरक्षा।’’

प्रत्येक खदान की उपलब्धियों का समग्र रूप से मूल्यांकन करते हुये, 5 स्टार से नो स्टार तक के पैमाने पर स्टार रेटिंग प्रदान की जाती है। पिछले चार वर्ष (2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22) के दौरान कुल 68 खदानों ने 91 प्रतिशत से अधिक स्कोर के साथ 5 स्टार रेटिंग हासिल की है। इनमें, 39 खदानों को पहली, दूसरी और तीसरी रैंकिंग दी गई है।

8.4 आईटी/मीडिया पहलें

1. कोयला मंत्रालय ने कड़ी मेहनत करते हुये विभिन्न पोर्टलों और सिंगल विंडो मंजूरी प्रणाली, कोयला आयात निगरानी प्रणाली (सीआईएमएस), कोयला परियोजना निगरानी पोर्टल, कोयला खान स्टार रेटिंग जैसी ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को लागू करते हुये आईटी कामकाज के परिवेश और सेवा डिलीवरी के मानकीकरण और सुधार की दिशा में काम किया है।

2. साइबर सुरक्षा को दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुये कोयला मंत्रालय और मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा साइबर सुरक्षा बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिये नियमित आधार पर जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। इनमें मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआईएसओ) को नामित करना, साइबर संकट प्रबंधन योजना (सीसीएमपी), सुरक्षा दिशानिर्देशों का अनुपालन आदि शामिल है।

3. अक्टूबर 2023 माह के दौरान, जिसे राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के तौर पर मनाया गया, कोयला मंत्रालय ने ‘‘साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला’’ का आयोजन किया ताकि मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों और संगठनों को मौजूदा साइबर सुरक्षा चुनौतियों और प्रतिष्ठानों में बेहतर साइबर सुरक्षा व्यवहारों को अपनाने के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।

4. इसके अलावा, साइबर स्वच्छता के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता के लिये सोशल मीडिया हैंडल और मंत्रालय/ सार्वजनिक उपक्रमों के विभिन्न स्थानों पर बैनर/स्टैंडीज के जरिये जानकारी का प्रसार किया जा रहा है।

5. मंत्रालय ने लोगों से जुड़ने के लिये अपने मीडिया पहुंच कार्यक्रम को लेकर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। नियमित रूप से प्रेस विज्ञप्तियां जारी करके मंत्रालय ने महत्वपूर्ण पहलों, नीतियों और उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से संप्रेषित किया है। कोयला मंत्रालय की एक्स (ट्विटर), फेसबुक, कू, इंस्टाग्राम, थ्रेड और लिंक्डइन सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर सक्रिय उपस्थिति है जो वास्तविक समय में गतिविधियों को दर्शाते हैं, जुड़ाव और पारदर्शिता को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही मंत्रालय प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लेखों के माध्यम से जनता में सुविचारित संवाद में योगदान करता है, जिनमें निरंतरता के साथ साथ कोयला क्षेत्र के विकास के बारे में गहरी आंतरिक जानकारी उपलब्ध होती है। यह मीडिया रणनीति प्रभावी संचार और जन जागरूकता को लेकर मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

 

9. भविष्य का एजेंडा

9.1 कोयला गैसीकरण परियोजना

देश में कोयले की संतोषजनक उपलब्धता को देखते हुये सरकार ने बड़े पैमाने पर कोयले के गैसीकरण को बढ़ावा देने का फैसला किया है। कोयला गैसीकरण से कई उर्जा, रसायन और पेट्रो-रसायन उत्पादों की प्राप्ति हो सकती है जिनका वर्तमान में आयात किया जाता है।

देश में स्वदेशी गैसीकरण प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के वास्ते 02 कोयला आधारित और एक लिग्नाइट आधारित गैसीकरण परियोजना की स्थापना के लिये कोल इंडिया लिमिटेड ने 12.10.2022 को भेल और गेल के साथ कोयला आधारित गैसीकरण परियोजना स्थापित करने के लिये दो सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं। एमसीएल ओडीशा में स्थापित की जाने वाली परियोजना में हाई एश कोलसे अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन और ईसीएल, पश्चिम बंगाल में लो एश कोलसे सिंथेटिक प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जायेगा। एनएलसीआईएल ने कोयला मंत्रालय के तत्वाधान में तमिल नाडु में लिग्नाइट से मेथानाल के लिये भेल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं।

9.2 कोयला कंपनियों का विविधीकरण

 

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सीआईएल, एससीसीएल और एनएलसीआईएल ने सौर उर्जा उत्पादन, कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण संयंत्रों की स्थापना, सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत संयंत्रों, क्रिटिकल खनिज खनन और पंप स्टोरेज संयंत्रों के क्षेत्र में व्यवसाय का विविधीकरण करने की योजना बनाई है। इन कंपनियों ने नवीकरणीय उर्जा परियोजनाओं की स्थापना कर नेट-जीरो लक्ष्य हासिल करने के लक्ष्य तय किये हैं और अब तक ये कुल 1655 मेगावाट क्षमता की नवीकरणीय उर्जा परियोजनाओं की स्थापना कर चुके हैं।

 

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