रेल मंत्रालय
परिवर्तनकारी यात्रा पर त्वरित गति से आगे बढ़ रही है भारतीय रेल
वर्ष 2023 के दौरान, माल लदान, माल ढुलाई राजस्व, पूंजीगत व्यय आवंटन, ट्रैक बिछाने और अन्य ढांचागत कार्यों के संदर्भ में अनेक रिकॉर्डों की साक्षी रही भारतीय रेल 2023 में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की रिकॉर्ड संख्या में शुरुआत अमृत भारत योजना के तहत स्टेशनों के पुनर्विकास की फास्ट ट्रैकिंग यात्रियों की सुविधा के लिए नई अमृत भारत ट्रेनें भारतीय रेल में वर्तमान में 70 आधुनिक वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं तथा जल्द ही 12 और सेवाएं शुरू की जाएंगी वर्ष 2023-24 के लिए रेलवे का सकल बजटीय समर्थन बढ़ाकर 2.4 लाख करोड़ रुपये किया गया एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना 1,129 स्टेशनों पर 1250 आउटलेट्स के साथ लागू की गई देश भर में 1,309 अमृत भारत स्टेशनों की पहचान की गई, जिनका उद्देश्य यात्री सुविधाओं को बड़े पैमाने पर आधुनिक बनाना तथा रेलवे स्टेशनों की पहुंच और समावेशिता में सुधार लाना है अनुग्रह राशि के भुगतान में संशोधन एवं वृद्धि दिल्ली-मुंबई (अहमदाबाद-वडोदरा खंड सहित) के लिए कवच अनुबंध प्रदान किए गए
Posted On:
29 DEC 2023 5:43PM by PIB Delhi
भारतीय रेल ने वर्ष 2023 के दौरान आधुनिक स्टेशनों, आधुनिक ट्रेनों और आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ आधुनिकीकरण के युग में आगे बढ़ना जारी रखा। भारतीय रेल के लिए वर्ष 2023 माल लदान, माल ढुलाई राजस्व, नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत, पूंजीगत व्यय आवंटन, स्टेशन पुनर्विकास, कवच कार्यान्वयन, ट्रैक बिछाने, विद्युतीकरण जैसे विभिन्न मोर्चों पर असाधारण रूप से उन्नति करने वाला रहा।
रिकॉर्ड बजट आवंटन
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वर्ष 2023-24 के लिए जीबीएस बढ़ाकर 2.4 लाख करोड़ रुपये किया गया (वर्ष 2004-05 की तुलना में 30 गुना और वर्ष 2013-14 की तुलना में 8 गुना वृद्धि)।
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वर्ष 2004-05 के लिए रेलवे बजट में जीबीएस. 8,000 करोड़ रुपये, और वर्ष 2013-14 के लिए 29,055 करोड़ रुपये रहा।
रिकॉर्ड माल ढुलाई एवं यात्री राजस्व
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भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1512 एमटी का शुरुआती माल लदान हासिल किया, यानी ~7% की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2021-22 में हासिल किए गए 1418 मीट्रिक टन के पिछले सर्वश्रेष्ठ से 94 मीट्रिक टन की वृद्धिशील हासिल की।
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भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान माल ढुलाई से 1,60,158.48 करोड़ रुपये अर्जित किए।
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इस वर्ष यात्री मोर्चे पर भी आईआर का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा, यात्रियों को संरक्षण देने वाले आईआर यात्री व्यवसाय की संख्या भी वित्त वर्ष 2021-22 के 344 करोड़ की तुलना में 80 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 623 करोड़ तक पहुंच गई।
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भारतीय रेल द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-नवंबर 2023 तक संचयी आधार पर पिछले वर्ष की 978.72 मीट्रिक टन के माल लदान के मुकाबले 1015.67 मीट्रिक टन की माल लदान हासिल किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 36.945 मीट्रिक टन का सुधार दर्शाता है। रेलवे ने पिछले वर्ष 105905.1 करोड़ रुपये के मुकाबले 110007.5 करोड़ रुपये अर्जित किए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 4102.445 करोड़ रुपये का सुधार दर्शाता है।
रिकार्ड विद्युतीकरण
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वर्ष 2014 तक 21,801 किलोमीटर ब्रॉड गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण किया गया था।
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नवंबर 2023 तक कुल 60,814 किलोमीटर ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है।
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चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पुडुचेरी, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत विद्युतीकृत रेल ट्रैक हैं।
रिकॉर्ड नए ट्रैक
वर्ष 2004-14 के दौरान 14,985 आरकेएम रेल ट्रैक का काम किया गया, जबकि पिछले 9 वर्षों (2014-23) में 25,871 आरकेएम ट्रैक बिछाने का काम किया गया। वर्ष 2022-23 में प्रतिदिन 14 किमी ट्रैक बिछाया गया और इस वर्ष का लक्ष्य 16 किमी प्रतिदिन ट्रैक बिछाने का है।
एक साल में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की रिकॉर्ड संख्या में शुरुआत
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स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई, सेमी-हाई स्पीड 35 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें (70 सेवाएं) वर्तमान में देश भर में लोगों की सेवा कर रही हैं। छह और वंदे भारत ट्रेनें जल्द ही शुरू की जाएंगी, जिससे इन सेवाओं की संख्या 82 तक पहुंच जाएंगी।
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ये ट्रेनें 247 जिलों तक को कवर करती हैं।
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इन ट्रेनों की शुरूआत देश में रेल सेवा के नए मानक की ओर इंगित कर रही है।
विशेषताएं
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वंदे भारत
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वैश्विक ट्रेन-सेट
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त्वरण प्रारंभ करना
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0 से 40 केएमपीएच तक प्रारंभिक त्वरण >0.7 एम/एस² है। 100 केएमपीएच की गति प्राप्त करने में मुश्किल से 52 सेकंड और 160 केएमपीएच की अधिकतम गति प्राप्त करने में 130 सेकंड लगते हैं।
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वैश्विक औसत 0.5 से 0.7 एम/एस² है
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वातायन और वातानुकूलन
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स्वदेशी रूप से विकसित एंटी वायरल सिस्टम
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ऐसी कोई प्रणाली नहीं
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सवारी की गुणवत्ता
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बेहतर सवारी प्रदर्शन के साथ हल्के वजन वाली बोगी। एलएचबी बोगी की तुलना में ऊर्ध्वाधर/पार्श्व त्वरण 40प्रतिशत कम हो गया है
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सुरक्षा संबंधी विशेषता
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कवच (ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली) - खतरे में सिग्नल पार करने से रोकना (एसपीएडी), आमने-सामने और पीछे की टक्कर रोकना, एलसी गेटों पर स्वचालित सीटी बजाना, कैब सिग्नलिंग आदि।
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ईटीसीएस-2 का उपयोग किया जाता है
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बैटरी
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उन्नत बैटरी प्रबंधन प्रणाली ( बीएमएस) सहित हल्के वजन वाली लिथियम केमिस्ट्री बैटरी (लाइफ पीओ4) का उपयोग 3 घंटे के बैकअप के लिए किया जाता है।
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भारी वीआरएलए/एनआईसीडी बैटरियां नियमित उपयोग में लाई जाती हैं। ले केमिस्ट्री बैटरियां अभी भी शोधाधीन हैं
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टीसीएमएस
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उच्च प्रदर्शन और तेज़ प्रतिक्रिया के लिए दोहरी होमिंग के साथ 1000 एमबीपीएस ईथरनेट आधारित टीसीएमएस
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वैश्विक स्तर पर, डेटा दर 1 एमबीपीएस सहित डब्ल्यूटीबी और एमवीबी [वायर्ड ट्रेन बस + मल्टी ट्रेन बस] आधारित टीसीएमएस
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नई अमृत भारत ट्रेनें
इस महीने के अंत तक दो अमृत भारत ट्रेनें अर्थात् दरभंगा-अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस और मालदा टाउन-सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनस (बेंगलुरु) अमृत भारत एक्सप्रेस शुरू की जाएंगी।
अमृत भारत ट्रेन एलएचबी पुश पुल ट्रेन है। बेहतर त्वरण के लिए इस ट्रेन के दोनों छोर पर इंजन हैं। यह रेल यात्रियों को सुंदर और आकर्षक डिजाइन वाली सीटें, सामान के बेहतर रैक, उपयुक्त मोबाइल होल्डर सहित मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, एलईडी लाइट, सीसीटीवी, सार्वजनिक सूचना प्रणाली जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है।
रिकॉर्ड अमृत भारत स्टेशन
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यात्री सुविधाओं को पर्याप्त रूप से आधुनिक बनाने और रेलवे स्टेशनों की पहुंच और समावेशिता में सुधार लाने के उद्देश्य से देश भर में 1,309 अमृत भारत स्टेशनों की पहचान की गई है। 3 स्टेशनों - गांधीनगर कैपिटल स्टेशन, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल-का पुनर्विकास किया गया है
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6 अगस्त, 2023 को 508 अमृत भारत स्टेशनों की आधारशिला रखी।
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ये स्टेशन संबंधित क्षेत्रों के सिटी सेंटर के रूप में उभरने को तैयार हैं।
प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं की फास्ट ट्रैकिंग
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मणिपुर के साथ कनेक्टिविटी के लिए 14,323 करोड़ रुपये की लागत से जिरीबाम-इम्फाल नई लाइन (110.63 किमी)। परियोजना 93 प्रतिशत की वास्तविक प्रगति हासिल कर चुकी है।
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नोनी के निकट इजाई नदी की घाटी पर 141 मीटर ऊंचे दुनिया के सबसे ऊंचे सेतुबंध या पियर ब्रिज का निर्माण पूरा होने वाला है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर, यह मोंटेनेग्रो, यूरोप स्थित माला-रिजेका वियाडक्ट के 139 मीटर के मौजूदा रिकॉर्ड को पार कर जाएगा।
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चिनाब पुल का काम पूरा होने वाला है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब पुल - दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल - पर ट्रैक-माउंटेड वाहन पर पहला परीक्षण मार्च 2023 में किया गया।
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भारत में पहली बार हुगली नदी के नीचे कोलकाता मेट्रो रेक का ट्रायल रन किया गया। कोलकाता में हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड के बीच सुरंग का काम पूरा हो चुका है।
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पंबन ब्रिज का काम पूरा होने वाला है। 92 प्रतिशत सिविल कार्य हो चुका है।
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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग चारधाम परियोजना ने रफ्तार पकड़ ली है।
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मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर: गुजरात और महाराष्ट्र के लिए सभी सिविल अनुबंध दिए जा चुके हैं। 115.8 किमी वायाडक्ट और 267 किमी पियर कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है। गुजरात और डीएनएच में कुल मिलाकर भूमि अधिग्रहण 100 प्रतिशत पूरा हो गया है: - 99.95 प्रतिशत, गुजरात : - 100 प्रतिशत डीएनएच: - 100 प्रतिशत महाराष्ट्र: - 99.83 प्रतिशत
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सभी 8 एचएसआर स्टेशनों (वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आनंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती) पर काम निर्माण के विभिन्न चरणों में है।
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गुजरात के वलसाड में ज़ारोली गांव के पास स्थित 350 मीटर लंबी और 12.6 मीटर व्यास वाली पहली पहाड़ी सुरंग को केवल 10 महीनों में पूरा करके उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है।
हरित पहल
भारतीय रेल ने वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक बनने का लक्ष्य रखा है। आईआर ने अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों जैसे रिजेनरेटिव विशेषताओं के साथ तीन चरण वाले इलेक्ट्रिक इंजनों के उत्पादन पर पूरी तरह से स्विच करना, हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) प्रौद्योगिकी का उपयोग, इमारतों और कोचों में एलईडी लाइटों का उपयोग करना, स्टार रेटेड उपकरण का उपयोग और वनीकरण शामिल है।
अक्टूबर 2023 तक, लगभग 211 मेगावाट के सौर संयंत्र (छत और जमीन दोनों पर) और लगभग 103 मेगावाट के पवन ऊर्जा संयंत्र चालू किए जा चुके हैं। इसके अलावा, लगभग 2150 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता के लिए भी अनुबंध किया गया है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान 2023
रेल मंत्रालय ने अधिक हरित और अधिक पर्यावरण-अनुकूल रेलवे प्रणाली को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ 15.09.23 से 02.10.23 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया और इस अभियान का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया। इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा अभियान के पहले 14 दिनों (अर्थात 15.09.23 से 29.09.23) के दौरान, 2.14 लाख से अधिक लोगों ने अभियान में 662990 मानव-घंटे के साथ लगभग 1934 गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें यात्रियों और अन्य हितधारकों ने पूरे दिल से भागीदारी की।
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1 अक्टूबर 2023 से विशेष अभियान 3.0 प्रारम्भ किया गया
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कार्यालय स्क्रैप के निपटान से 66.83 लाख रुपये (लगभग) राजस्व अर्जित हुआ।
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इस अवधि के दौरान 5,297 से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए गए।
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स्क्रैप निपटान पर विशेष ध्यान देने के परिणामस्वरूप 397619 वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली हो गया।
एक स्टेशन, एक उत्पाद (ओएसओपी) आउटलेट
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1,129 स्टेशनों पर 1,250 ओएसओपी आउटलेट काम करना शुरू कर चुके हैं
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यह योजना स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करते हुए और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर सृजित करते हुए 'वोकल फॉर लोकल' विजन को बढ़ावा देती है।
उत्पादन इकाइयों द्वारा आउटपुट
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बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने हाल ही में 20 दिसंबर, 2023 को 10000वें इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण किया।
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चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने 26 सितंबर, 2023 को 12000वें इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण किया।
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आईसीएफ ने 2023 में वंदे भारत एक्सप्रेस की 50वीं रेक का निर्माण किया।
वाईफाई
सीसीटीवी कैमरे
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वर्ष 2014 से पहले, सीसीटीवी निगरानी सुविधाओं से लैस स्टेशनों की संख्या 123 थी, जबकि पिछले 9 वर्षों (वर्ष 2014-23) में, 743 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाए गए।
फुट ओवर ब्रिज (एफओबी)
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वर्ष 2009-14 के दौरान, निर्मित एफओबी की संख्या 115 थी, जबकि 9 वर्षों की अवधि में, भारतीय रेल ने 1,826 एफओबी का निर्माण करके देश भर में निर्बाध और सुरक्षित ट्रेन संचालन को बढ़ावा दिया।
पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी में सुधार
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पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे की परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
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सिक्किम के अलावा सभी पूर्वोत्तर राज्यों को रेल से जोड़ दिया गया है, जबकि सिक्किम में कार्य प्रगति पर है।
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वर्ष 2014 के बाद चार राज्यों (यानी मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम) को रेल कनेक्टिविटी प्रदान की गई
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नवंबर-2014 में मेघालय, फरवरी-2015 में अरुणाचल प्रदेश, मई-2016 में मणिपुर (जिरीबाम) और मार्च-2016 में मिजोरम (भैरबी)।
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पूर्वोत्तर भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन 29 मई, 2023 को शुरू की गई थी (यह गुवाहाटी और न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ती है।)
गति शक्ति कार्गो टर्मिनल
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रेल कार्गो को संभालने के लिए अतिरिक्त टर्मिनलों के विकास में उद्योग जगत से निवेश को बढ़ावा देने के लिए, 15.12.2021 को 'गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी)' नीति शुरू की गई।
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वर्ष 2023 के दौरान 51 जीसीटी चालू किए गए। जीसीटी के विकास के लिए लगभग 80 और स्थानों की पहचान की गई है।
भारत गौरव ट्रेनें
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भारतीय रेल ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली ऐतिहासिक स्थलों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से थीम आधारित पर्यटक सर्किट ट्रेनें शुरू की हैं।
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प्रथम भारत गौरव ट्रेन अर्थात शिरडी यात्रा 14.06.2022 को कुल 2,880 किमी की दूरी कवर करते हुए कोयंबटूर से मंत्रालयम और शिरडी तथा वापसी के लिए शुरू की गई।
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अब तक 90 पर्यटन स्थलों को कवर करते हुए 26 पर्यटन सर्किटों पर भारत गौरव ट्रेनों की 156 यात्राएं संचालित की जा चुकी हैं। कुल 72,583 यात्रियों ने इस सेवा का लाभ उठाया है और वर्तमान में यह सेवा 26 सर्किटों पर चल रही है।
विस्टा डोम कोच से पर्यटन को बढ़ावा
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यात्री सुविधा के उपाय के तौर पर तथा प्राकृतिक एवं सुरम्य सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए पर्यटक मार्गों पर सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किए गए विस्टा डोम लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच भारतीय रेल में लाए गए हैं। विस्टा डोम कोच अपनी चौड़ी साइड विंडो के साथ-साथ छत में पारदर्शी खंडों के माध्यम से मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जिससे यात्रियों को पटरियों के किनारे की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का अवसर मिलता है और इन कोचों से पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलती है। ये कोच कालका-शिमला, गुवाहाटी-बदरपुर, गुवाहाटी-नाहरलागुन, विशाखापत्तनम-अराकू, न्यू जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में चल रहे हैं।
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यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए आईआर के विभिन्न ब्रॉड, मीटर, रनिंग गेज खंडों में 57 विस्टा डोम कोच चल रहे हैं।
समर्पित फ्रेट कॉरिडोर पूर्ण होने की राह पर अग्रसर
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वर्ष 2014 से पहले एक किमी डीएफसी भी चालू नहीं हुआ था। पर्याप्त धन और केंद्रित प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2014 से ही ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया।
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अब लगभग सभी ईडीएफसी का पूरा काम पूरा हो चुका है और डब्ल्यूडीएफसी का काम पूरा होने वाला है। 2,513 किमी चालू हो चुका है यानी लगभग 90 प्रतिशत डीएफसी चालू हो चुका है।
कवच
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कवच को 1465 किमी और 139 लोकोमोटिव पर लगाया गया है
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कवच स्वदेशी रूप से विकसित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है
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लिंगमपल्ली - विकाराबाद - वाडी और विकाराबाद - बीदर खंड (265 आरकेएम)
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मनमाड-मुदखेड-धोन-गुंटकल खंड (959 रूट किमी)
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बीदर-परभणी खंड (241 रूट किमी)
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लोको पायलट के विफल रहने की स्थिति में कवच स्वचालित ब्रेक लगाकर लोको पायलट को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर ट्रेन चलाने में सहायता करती है और खराब मौसम में ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करती है।
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कवच अनुबंध पूर्वी रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे को कवर करने वाले दिल्ली-मुंबई (अहमदाबाद-वडोदरा खंड सहित) और दिल्ली-हावड़ा (लखनऊ-कानपुर खंड सहित) कॉरिडोर (लगभग 3000 रूट किमी) के लिए प्रदान किए गए हैं।
सुरक्षा बढ़ाना
भारतीय रेल ट्रेन संचालन में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय रेल ने अनेक कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
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31.10.2023 तक 6498 स्टेशनों पर पॉइंट और सिग्नल के केंद्रीकृत संचालन के साथ इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किए गए हैं।
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31.10.2023 तक 11137 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर लेवल क्रॉसिंग (एलसी) गेट्स की इंटरलॉकिंग प्रदान की गई है।
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31.10.2023 तक 6548 स्टेशनों पर विद्युत साधनों द्वारा ट्रैक ऑक्यूपेंसी के सत्यापन के लिए सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्टेशनों की पूर्ण ट्रैक सर्किटिंग प्रदान की गई है।
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लोको पायलटों की सतर्कता सुनिश्चित करने के लिए लोकोमोटिव सतर्कता नियंत्रण उपकरणों (वीसीडी) से युक्त हैं।
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विद्युतीकृत क्षेत्रों में सिग्नल से पहले दो ओएचई मस्तूलों के बीच स्थित मस्तूल पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव सिग्मा बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि कोहरे के मौसम के कारण दृश्यता कम होने पर चालक दल को आगे के सिग्नल के बारे में चेतावनी दी जा सके।
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कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों में लोको पायलटों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित फॉग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) प्रदान किया जाता है, जो लोको पायलटों को आने वाले सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट आदि की दूरी जानने में सक्षम बनाता है।
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60 किग्रा, 90 अल्टीमेट टेन्साइल स्ट्रेंथ (यूटीएस) रेल, प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट स्लीपर (पीएससी) इलास्टिक फास्टनिंग सहित सामान्य/चौड़े बेस स्लीपर, पीएससी स्लीपर पर फेनशेप्ड लेआउट टर्नआउट, गर्डर पुलों पर स्टील चैनल/एच-बीम स्लीपर सहित आधुनिक ट्रैक संरचना का उपयोग प्राथमिक ट्रैक नवीनीकरण करते समय किया जाता है।
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मानवीय त्रुटियों को कम करने के लिए पीक्यूआरएस, टीआरटी, टी-28 आदि जैसी ट्रैक मशीनों के उपयोग के माध्यम से ट्रैक बिछाने की गतिविधि का मशीनीकरण।
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रेल नवीनीकरण की प्रगति बढ़ाने और जोड़ों की वेल्डिंग से बचने के लिए 130 मीटर/260 मीटर लंबे रेल पैनलों की अधिकतम आपूर्ति करना, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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लंबी पटरियां बिछाना, एलुमिनो थर्मिक वेल्डिंग का उपयोग कम करना और रेल के लिए फ्लैश बट वेल्डिंग जैसी बेहतर वेल्डिंग तकनीक अपनाना।
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ओएमएस (ऑसिलेशन मॉनिटरिंग सिस्टम) और टीआरसी (ट्रैक रिकॉर्डिंग कार) द्वारा ट्रैक जिआमिट्री की निगरानी।
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वेल्ड/रेल फ्रैक्चर पर नजर रखने के लिए रेलवे पटरियों की पेट्रोलिंग।
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टर्नआउट नवीनीकरण कार्यों में थिक वेब स्विच और वेल्डेबल कास्ट मैंगनीज स्टील (सीएमएस) क्रॉसिंग का उपयोग।
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सुरक्षित प्रथाओं के पालन के लिए कर्मचारियों की निगरानी और उन्हें शिक्षित करने के लिए नियमित अंतराल पर निरीक्षण किए जाते हैं।
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ट्रैक की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों जैसे एकीकृत ब्लॉक, कॉरिडोर ब्लॉक, कार्यस्थल सुरक्षा, मानसून सावधानियां आदि के बारे में विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।
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सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने और देश भर में रेल दुर्घटनाओं पर नज़र रखने के लिए रेलवे परिसंपत्तियों (कोच और वैगन) का सुरक्षात्मक रखरखाव किया जाता है।
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पारंपरिक इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) डिजाइन कोचों को लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) डिजाइन कोचों से बदलने का काम किया जा रहा है।
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ब्रॉड गेज (बीजी) मार्ग पर सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग (यूएमएलसी) को जनवरी 2019 तक समाप्त कर दिया गया।
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पुलों के नियमित निरीक्षण के माध्यम से रेलवे पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इन निरीक्षणों के दौरान मूल्यांकन की गई स्थितियों के आधार पर पुलों की मरम्मत/पुनर्वास की आवश्यकता पर विचार किया जाता है।
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भारतीय रेल ने सभी कोचों में यात्रियों को व्यापक जानकारी प्रदान करने के लिए वैधानिक "फायर नोटिस" प्रदर्शित किये हैं। प्रत्येक कोच में फायर पोस्टर लगाए गए हैं ताकि यात्रियों को आग से बचाव के लिए 'क्या करें और क्या न करें' के बारे में सूचित और सचेत किया जा सके। इनमें कोच के अंदर कोई भी ज्वलनशील पदार्थ, विस्फोटक न ले जाना, धूम्रपान पर रोक, जुर्माना आदि से संबंधित संदेश शामिल हैं।
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उत्पादन इकाइयां नव निर्मित पावर कारों और पैंट्री कारों में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम और नव निर्मित कोचों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम प्रदान कर रही हैं। ज़ोनल रेलवे द्वारा मौजूदा कोचों में इसे चरणबद्ध तरीके से क्रमिक रूप से फिट करने का काम भी जारी है।
यात्रियों की सुरक्षा
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेल यात्रियों, यात्री क्षेत्र और रेलवे संपत्ति की रक्षा करने, यात्रियों की यात्रा सुगम बनाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने, महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकने के लिए सतर्क रहते हुए अपराधियों के खिलाफ अथक लड़ाई जारी रखे हुए है। इसके अलावा यह रेलवे क्षेत्रों में पाए जाने वाले निराश्रित बच्चों के पुनर्वास के लिए उचित कार्रवाई भी करता है। इस बल को महिलाओं की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (9 प्रतिशत) की विशिष्टता वाला केंद्रीय बल होने का गौरव प्राप्त है।
आरपीएफ ने वर्ष 2023 के दौरान रेलवे परिसर में यात्रियों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविध अभियानों का संचालन किया। इनमें ऑपरेशन "नन्हें फरिश्ते" - खोए हुए बच्चों को बचाना, मानव तस्करी विरोधी प्रयास (ऑपरेशन एएएचटी), ऑपरेशन "जीवन रक्षा" - जीवन बचाना, महिला यात्रियों को सशक्त बनाना - "मेरी सहेली" पहल, दलाली करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए (ऑपरेशन "उपलब्ध"), मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए–ऑपरेशन "नार्कोस", यात्रियों की चिंताओं पर त्वरित प्रतिक्रिया- ऑपरेशन "यात्री सुरक्षा", सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए- "ऑपरेशन संरक्षा",जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए -(ऑपरेशन सेवा), अवैध वस्तुओं के परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए- (ऑपरेशन सतर्क) जैसे विभिन्न अभियान शामिल हैं।
खेल
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हांगझोऊ (चीन) में 23 सितंबर 2023 से 08 अक्टूबर 2023 तक आयोजित 19वें एशियाई खेल 2022 में भारतीय रेल के 88 खिलाड़ियों और 11 कोचों ने देश का प्रतिनिधित्व किया। इन खेलों में भारत द्वारा जीते गए 107 पदकों में से रेलवे के एथलीटों ने 22 पदक (8 स्वर्ण, 7 रजत और 7 कांस्य) हासिल किए। भारतीय रेल के 39 आईआर खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में कुल 43 पदक जीते हैं।
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किशनगंज, नई दिल्ली में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ कुश्ती अकादमी का पुनर्विकास प्रगति पर है।
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कोलकाता, दक्षिण पूर्व रेलवे में सितंबर, 2023 में पुनर्निर्मित खेल छात्रावास का उद्घाटन किया गया।
अनुग्रह राशि में वृद्धि
अनुग्रह राशि, वह आकस्मिक राहत है, जो रेलवे द्वारा दुर्घटना स्थल पर या उन अस्पतालों में जहां घायलों को इलाज के लिए भर्ती कराया जाता है, घायलों/मृत यात्रियों के निकटतम रिश्तेदारों को दी जाती है। ट्रेन दुर्घटना और एमएलसी पर दुर्घटना के मामले में अनुग्रह राशि की दरों को आखिरी बार वर्ष 2012 में संशोधित किया गया था और अप्रिय घटना के मामले में, इसे आखिरी बार वर्ष 1996 में संशोधित किया गया था। अनुग्रह राशि की दरें अब मौजूदा दरों से 10 गुना तक बढ़ा दी गई हैं।
पिछली और संशोधित अनुग्रह राशि इस प्रकार है:-
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पिछली
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संशोधित
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रेल दुर्घटना
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मौत
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50,000/-रुपये
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5,00,000/- रुपये
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गंभीर चोट
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25,000/- रुपये
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2,50,000/- रुपये
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साधारण चोट
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5,000/- रुपये
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50,000/- रुपये
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अप्रिय घटना
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मौत
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15,000/- रुपये
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1,50,000/- रुपये
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गंभीर चोट
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5,000/- रुपये
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50,000/- रुपये
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साधारण चोट
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500/- रुपये
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5,000/- रुपये
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मानवयुक्त समपार
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मौत
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50,000/- रुपये
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5,00,000/- रुपये
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गंभीर चोट
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25,000/- रुपये
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2,50,000/- रुपये
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साधारण चोट
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5,000/- रुपये
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50,000/- रुपये
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एमजी/एआर/आरके/एसएस
(Release ID: 1991714)
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