विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
सीसे ( लैड- पीबी) की कम विषाक्तता के साथ पेरोव्स्काइट स्व-संचालित ब्रॉडबैंड फोटोडिटेक्टर स्थायी ऊर्जा के उत्पादन में सहायक बन सकता है
Posted On:
29 DEC 2023 11:50AM by PIB Delhi
भारतीय वैज्ञानिकों ने मैग्नीशियम द्वारा सीसे के आंशिक प्रतिस्थापन के साथ स्वदेशी रूप से एक ऐसा कार्बनिक-अकार्बनिक हैलाइड पेरोव्स्काइट स्व-संचालित ब्रॉडबैंड फोटोडिटेक्टर विकसित किया है जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोगी हो सकता है।
कार्बनिक-अकार्बनिक हैलाइड पेरोव्स्काइट (मिथाइल अमोनियम लेड आयोडाइड, एमएपीबीएल3 -MAPbI3) ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक ऐसे अनुसंधान में अग्रणी रहा है, जो सौर कोशिकाओं, एलईडी और फोटोडिटेक्टरों में संभावनाएं दिखा रहा है। यद्यपि , मिश्रित (हाइब्रिड) पेरोव्स्काइट जहरीले सीसे (लैड- पीबी2+ -Pb2+) की उपस्थिति के कारण एक ऐसी महत्वपूर्ण जटिलता से ग्रस्त है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों के लिए जानी जाती है।
एक महत्वपूर्ण अध्ययन में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई), हैदराबाद के शोधकर्ताओं की टीम ने विषाक्त सीसा (लैड- प्लम्बम- पीबी) युक्त पदार्थों को बदलने के लिए एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प पेश करके इन चुनौतियों का समाधान किया है। इस टीम ने सीसे (पीबी) के विकल्प के रूप में, एक क्षारीय पृथ्वी तत्व धातु मैग्नीशियम (एमजी) की ओर रुख किया, जो अपनी गैर-विषैली प्रकृति और प्रचुरता के लिए जानी जाती है।
उन्होंने एक-चरणीय प्रति-विलायक (एंटी-सॉल्वें)ट दृष्टिकोण का उपयोग करके एमएपीबीएक्सएमजी1-एक्ससीएल 2एल (MAPbxMg1-xCl2I पेरोव्स्काइट को संश्लेषित किया। उन्होंने एमजी 2+ (Mg2+) स्टोइकोमेट्री को सावधानीपूर्वक ट्यून किया और उसके बाद वांछित विशेषताओं के साथ टेट्रागोनल पेरोव्स्काइट चरण प्राप्त किया। उन्होंने पारंपरिक वास्तुविन्यास (आर्किटेक्चर) एफटीओ/ टीआईओ2/ पेरोव्स्काइट / एचटीएल(स्वर्ण- गोल्ड), जिसमें महँगी स्वर्ण (गोल्ड) धातु निर्मित कैथोड होता है, के विपरीत, एक सरलीकृत वास्तुविन्यास (आर्किटेक्चर) एफटीओ/ टीआईओ2 / पेरोव्स्काइट / कार्बन में फोटोडिटेक्टर का निर्माण किया। और यह प्रयास यह एक आर्थिक और मजबूत विन्यास की ओर ले जाता है।
चित्र 1. (ए) उच्च विषाक्त सामग्री (एचटीएम) मुक्त, कार्बन कैथोड आधारित पेरोव्स्काइट फोटोडिटेक्टर का योजनाबद्ध आरेख और (बी) निर्मित फोटोडिटेक्टर का चित्र
अनुकूलित एमएपीबी0.5एमजी0.5सीएल2एल (MAPb0.5Mg0.5Cl2I) पेरोव्स्काइट ने 153.74 मिलीएम्पियर / वाट (एमए/डब्ल्यू ) उत्कृष्ट प्रतिक्रियाशीलता, 6.5 x 1010 जोन्स की उच्च पहचान क्षमता और शून्य पूर्वाग्रह पर 411 एमएस (मिलीसेकंड) /50 एमएस का तीव्र प्रतिक्रिया / पुनर्प्राप्ति समय प्रदान किया जैसा कि चित्र 2 में दिखाया गया है।
चित्र 2. पीबी / एमजी आधारित पेरोव्स्काइट फोटोडिटेक्टर के विभिन्न अनुपात का पता लगाना- तत्सम्बन्धित प्रतिक्रिया
यह नवोन्मेषी शोध पेरोव्स्काइट ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विषाक्त पीबी2+ के प्रतिस्थापन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है। एमएपीबीओ. 5एमजीओ. 5 सीएल2एल -आधारित फोटोडिटेक्टरों का सफल प्रदर्शन न केवल मैग्नीशियम प्रतिस्थापन की क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी पुष्ट करता है। ऐसे विश्व में जहां कई प्रकार की पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ रही हैं, यह अध्ययन ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स में हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। यह मृदु मैग्नीशियम के स्थान विषाक्त सीसे की अदला-बदली करके संभव है, और इस प्रकार शोधकर्ताओं ने फोटोडिटेक्टरों और अन्य ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक आशाजनक विकल्प की प्रस्तुति कर दी है।
प्रकाशन लिंक: doi.org/10.1039/D3MA00411B
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एमजी / एआर / एसटी / डीए
(Release ID: 1991504)
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