नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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छत पर सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना लगभग 46 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से प्रगति कर रही है: केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

Posted On: 23 DEC 2023 10:20AM by PIB Delhi

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री ने जानकारी दी है कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की वृद्धि दर विगत 5 वर्षों में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक रही है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 40 गीगावॉट छत पर सौर ऊर्जा (आरटीएस) प्राप्त करने के उद्देश्य से 08.03.2019 को रूफटॉप सोलर प्रोग्राम चरण-II का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान करके आवासीय क्षेत्र में 4,000 मेगावाट आरटीएस क्षमता की स्थापना को परिकल्पित करता है। सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए स्वीकार्य केंद्रीय वित्त सहायता (सीएफए) प्रथम 3 किलोवाट आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 14,588/किलोवाट और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 7,294/किलोवाट है। विशेष श्रेणी के राज्यों (उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) के लिए, स्वीकार्य सीएफए प्रथम 3 किलोवाट आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 17,662/किलोवाट और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक आरटीएस क्षमता के लिए रुपए 8,831/किलोवाट है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन/ग्रुप हाउसिंग सोसायटी (आरडब्ल्यूए/जीएचएस) भी सामान्य सुविधाओं में अधिकतम 500 किलोवाट क्षमता तक आरटीएस स्थापना के लिए सीएफए का लाभ उठाने के पात्र हैं। आरडब्ल्यूए/जीएचएस के लिए स्वीकार्य सीएफए सामान्य श्रेणी के राज्यों में रुपए 7,294/किलोवाट और विशेष श्रेणी वाले राज्यों में रुपए 8,831/किलोवाट है।

ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अनुसार स्थापित क्षमता का विवरण नीचे दिया गया हैः

30.11.2023 तक ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रोग्राम के अंतर्गत संचयी स्थापित क्षमता

क्रम संख्या

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

चरण-II कार्यक्रम की सब्सिडी योजना के अंतर्गत स्थापित क्षमता(मेगावाट)

समग्र क्षेत्र में स्थापित संचयी क्षमता(मेगावाट)

1

अंडमान और निकोबार

0.00

4.20

2

आंध्र प्रदेश

5.03

190.96

3

अरुणाचल प्रदेश

0.00

0.22

4

असम

0.63

41.48

5

बिहार

7.13

59.02

6

चंडीगढ़

9.31

58.37

7

छत्तीसगढ

4.08

71.65

8

दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव

0.00

0.39

9

गोवा

1.98

37.24

10

गुजरात

1956.85

3174.04

11

हरियाणा

46.06

518.49

12

हिमाचल प्रदेश

2.77

18.55

13

जम्मू और कश्मीर

12.86

34.94

14

झारखंड

0.56

64.54

15

कर्नाटक

3.14

497.37

16

केरल

210.92

591.17

17

लद्दाख

0.00

0.00

18

लक्षद्वीप

0.00

0.00

19

मध्य प्रदेश

44.85

316.51

20

महाराष्ट्र

117.21

1852.22

21

मणिपुर

0.33

5.09

22

मेघालय

0.00

0.21

23

मिजोरम

0.59

1.91

24

नागालैंड

0.00

0.10

25

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

5.62

231.68

26

ओडिशा

1.50

41.91

27

पुदुचेरी

0.30

42.28

28

पंजाब

30.73

308.58

29

राजस्थान

67.05

1067.25

30

सिक्किम

0.00

2.67

31

तमिलनाडु

10.51

489.32

32

तेलंगाना

37.13

367.18

33

त्रिपुरा

0.03

4.78

34

उत्तराखंड

10.22

69.12

35

उत्तर प्रदेश

63.76

175.95

36

पश्चिम बंगाल

0.00

67.13

कुल

36 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

2651.10

10406.51

 

चरण-II रूफटॉप सोलर (आरटीएस) प्रोग्राम का वित्तीय परिव्यय 11,814 करोड़ रुपये है, जिसमें 6,600 करोड़ रुपये सीएफए और वितरण कंपनियों को 4,985 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि शामिल है। कार्यक्रम के लिए प्रारंभ में अनुमोदित वित्तीय परिव्यय में परिवर्तन किए बिना प्रोग्राम को 31.03.2026 तक बढ़ा दिया गया है।

सौर, पवन और पनबिजली सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा उत्पादन में अंतर्निहित मौसम के अनुसार विभिन्नता है। इन स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा उत्पादन में विविधता मानार्थ विशेषताओं को दर्शाती है, जैसे कि मानसून के महीनों में सौर ऊर्जा उत्पादन कम हो जाता है, जब पवन और जल विद्युत उत्पादन अधिक होता है। समग्र परिवर्तनशीलता को कम करने के लिए विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के मिश्रण का उपयोग किया जा सकता है।

इसी के अनुसार, भारत सरकार की नीतियां और कार्यक्रम विभिन्न स्रोतों के हाइब्रिड संयोजनों सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का समर्थन करते हैं।

विभिन्न वितरण कंपनियों द्वारा बताया गया है कि संचयी रूफ टॉप सोलर (आरटीएस) स्थापित क्षमता 31.03.2019 को 1.8 गीगावॉट से बढ़कर 30.11.2023 तक 10.4 गीगावॉट हुई। आरटीएस स्थापनाओं की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) लगभग 46 प्रतिशत है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने छत पर सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय पोर्टल का शुभारंभ जहां देश के किसी भी हिस्से से आवासीय उपभोक्ता रूफटॉप सोलर की स्थापना के लिए आवेदन कर सकते हैं और कार्यक्रम के अंतर्गत सीधे अपने बैंक खाते में सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
  • डिस्कॉम स्तर पर ऑनलाइन पोर्टल का विकास और आरटीएस परियोजनाओं से संबंधित मांग का एकत्रीकरण।
  • पांच सौ किलोवाट तक या विद्युत स्वीकृत भार तक, जो भी कम हो, नेट-मीटरिंग के लिए विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 जारी किए गए हैं।
  • विश्व बैंक जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों से रियायती ऋण की सुविधा।
  • नवीकरणीय ऊर्जा आरबीआई के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण दिशानिर्देशों के अंतर्गत शामिल है।
  • सौर फोटोवोल्टिक प्रणाली/उपकरणों की तैनाती के लिए गुणवत्ता मानक अधिसूचित।
  • विभिन्न माध्यमों द्वारा सूचना एवं जन जागरूकता गतिविधियां।

सौर पीवी सेल और मॉड्यूल की वर्तमान कीमतें पिछले डेढ़ साल में सबसे निचले स्तर के आसपास हैं। इस प्रकार, सौर पीवी कोशिकाओं और मॉड्यूल की वर्तमान कीमतें सौर ऊर्जा प्रतिष्ठानों की वृद्धि को नहीं रोक रही हैं।

यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री श्री आर.के. सिंह ने 21 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में दो अलग-अलग प्रश्नों के लिखित उत्तर में दी है।

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