जल शक्ति मंत्रालय
बांधों की स्थिति का आकलन
Posted On:
21 DEC 2023 3:25PM by PIB Delhi
बांधों के प्रचालन और रख-रखाव सहित उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से बांध मालिकों की है, जो अधिकांशत राज्य सरकारें और केन्द्रीय/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां हैं। बांध मालिक आमतौर पर अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बांधों का सुरक्षा निरीक्षण (आवधिक मानसून पूर्व और मानसून के बाद के निरीक्षण के संदर्भ में) करते हैं।
इसके अलावा, बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 की धारा 31 के अनुसार, एक निर्दिष्ट बांध के प्रत्येक मालिक के लिए अपनी बांध सुरक्षा इकाई के माध्यम से प्रत्येक निर्दिष्ट बांध के संबंध में मानसून पूर्व और मानसून के बाद का निरीक्षण करना और निरीक्षण रिपोर्ट को संबंधित राज्य बांध सुरक्षा संगठन को भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। यह संगठन रिपोर्ट का विश्लेषण करेगा और सुरक्षा पर अपनी टिप्पणियां, किसी तरह की कमी और उपचारात्मक उपाय को विर्दिष्ट बांध मालिक को मुहैया कराएगा। राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार, 2023-24 के दौरान 14.12.2023 तक, देश भर में निर्दिष्ट बांधों के क्रमश: 6414 मानसून-पूर्व निरीक्षण और 925 मानसून-पश्चात निरीक्षण किए गए हैं।
(सी) मानसून-पूर्व और मानसून-पश्चात निरीक्षणों के परिणामस्वरूप, बांधों को मरम्मत/रख-रखाव की तात्कालिकता के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा रहा है। श्रेणी-III में मामूली उपचारात्मक उपायों की आवश्यकता होती है, जो वर्ष के दौरान सुधारे जाने योग्य होते हैं। श्रेणी-II में उन प्रमुख कमियों को दर्शाया गया है, जिनके लिए त्वरित उपचारात्मक उपायों की आवश्यकता है और श्रेणी-I में सर्वाधिक गंभीर कमियों को दर्शाया गया है, जिन पर यदि ध्यान नहीं दिया गया, तो वे असफल हो सकती हैं।
राज्यों और अन्य बांध मालिकों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, इस समय देश भर में 2 निर्दिष्ट बांधों को श्रेणी-I (दोनों उत्तर प्रदेश में हैं) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और उन्हें बाह्य वित्त पोषित बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के चरण-II के अंतर्गत पुनर्वास के लिए रखा गया है। इसके अलावा, 2023-24 के दौरान किए गए मानसून-पूर्व निरीक्षणों के आधार पर बांध मालिकों द्वारा श्रेणी-2 के तहत 183 बांधों की सूचना दी गई है। एनडीएसए की ओर से सभी बांध मालिकों को प्राथमिकता के आधार पर इन श्रेणी-II बांधों के पुनर्वास के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
केन्द्रीय जल आयोग ने बांध सुरक्षा के लिए कई दिशा-निर्देश प्रकाशित किए हैं। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के चरण-I (2012-2021) के तहत, बांध सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रासंगिक दिशानिर्देश/मैनुअल तैयार और प्रकाशित किए गए हैं। इन दस्तावेजों का उद्देश्य देश भर में बांध सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं की एकरूपता और मानकीकरण सुनिश्चित करना है। इन दिशानिर्देशों/मैनुअलों को निम्नलिखित लिंक https://damsafety.cwc.gov.in/index.php? lang=&page=Downloads&origin=front-end&tp=1&rn=1 के माध्यम से देखा जा सकता है :
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने बांध विफलता से संबंधित आपदाओं की रोकथाम के लिए निर्दिष्ट बांधों की उचित निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव के लिए बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 कानून बनाया है और उनके सुरक्षित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए एक संस्थागत तंत्र भी बनाया है। बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 के प्रावधानों के अनुसरण में, केंद्र सरकार ने बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति (एनसीडीएस) का गठन किया है और देश भर में बांध सुरक्षा गतिविधियों की देखरेख करने और बांध सुरक्षा नीतियों को विकसित करने तथा देश में बांध सुरक्षा मानकों के संबंध में आवश्यक नियमों की सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना की है। इसके अलावा, विनिर्दिष्ट बांधों वाले 28 राज्य और 3 केन्द्रशासित प्रदेशों ने बांध सुरक्षा संबंधी राज्य समिति का गठन किया है और राज्य बांध सुरक्षा संगठन की स्थापना की है।
चूंकि बांधों का स्वामित्व, प्रचालन और रख-रखाव राज्य सरकारों के विभागों/बोर्डों/केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/निजी एजेंसियों आदि द्वारा किया जाता है, इसलिए बांधों के प्रचालन और रख-रखाव के लिए निधियां संबंधित एजेंसियों द्वारा आबंटित की जाती हैं।
इसके अलावा, बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 की धारा 21 में कहा गया है निर्दिष्ट बांध का प्रत्येक मालिक निर्दिष्ट बांध के रखरखाव और मरम्मत के लिए तथा राज्य बांध सुरक्षा संगठन की सिफारिशों को लागू करने के लिए पर्याप्त और विशिष्ट धन निर्धारित करेगा।
राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा, विभिन्न बांध मालिकों को बांधों की मरम्मत/पुरुद्धार सुनिश्चित करने के लिए समर्पित वार्षिक बांध सुरक्षा बजट/निधियां आवंटित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके अलावा, देश में चुनिंदा मौजूदा बांधों की सुरक्षा और प्रचालनात्मक निष्पादन में सुधार करने के लिए भारत सरकार बाह्य वित्तपोषण के साथ बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) कार्यान्वित कर रही है। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित डीआरआईपी के चरण-I कार्यक्रम, जिसे अप्रैल 2012 से मार्च 2021 के दौरान लागू किया गया था, के तहत, 7 राज्यों में स्थित 223 मौजूदा बांधों का 2,567 करोड़ रुपये की लागत से व्यापक ऑडिट और पुनर्वास किया गया।
डीआरआईपी चरण-I कार्यक्रम के पूरा होने के बाद, भारत सरकार ने डीआरआईपी चरण-II और III हाथ में लिया है। इस योजना में 10,211 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 19 राज्यों में स्थित 736 बांधों के पुनर्वास और सुरक्षा सुधार की परिकल्पना की गई है। यह योजना 10 वर्ष की अवधि की है। डीआरआईपी चरण-II, 12 अक्टूबर 2021 से शुरु हो गया है और इसे विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना एवं निवेश बैंक द्वारा सह-वित्तपोषित किया जा रहा है। डीआरआईपी के चरण-II और III योजना के अंतर्गत शामिल बांधों की राज्य/एजेंसी-वार संख्या और वित्तीय परिव्यय अनुलग्नक में दिया गया है।
केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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