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वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक पीएम विश्वकर्मा स्कीम के लिए 13,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं

Posted On: 21 DEC 2023 3:07PM by PIB Delhi

पीएम विश्वकर्मा स्कीम का उद्देश्य उन कारीगरों और शिल्पकारों को सक्षम बनाना / सहायता प्रदान करना है जो अपने हाथों से टूल्स का उपयोग करके 18 व्यवसायों में काम करते हैं:

  1. कारीगरों और शिल्पकारों को विश्वकर्मा के रूप में मान्यता देना, उन्हें स्कीम के तहत सभी लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र बनाना;
  • II. उनके कौशल को निखारने और उनके लिए प्रासंगिक और उपयुक्त प्रशिक्षण अवसर उपलब्ध कराने के लिए कौशल उन्नयन;
  1. उनकी क्षमता, उत्पादकता और उत्पादों तथा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बेहतर और आधुनिक टूल्स की सहायता;
  • IV. लाभार्थियों को संपार्श्विक मुक्त ऋण तक आसान पहुंच प्रदान करना और ब्याज छूट के माध्यम से ऋण की कम लागत प्रदान करना;
  1. विश्वकर्माओं के डिजिटल सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन; और
  • VI. विकास के नए अवसरों तक पहुंचने में मदद करने के लिए ब्रांड प्रचार और बाजार संपर्क के लिए एक प्लेटफॉर्म।

वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक स्कीम का वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है। वर्षवार धन आवंटन नीचे दिया गया है:

वित्तीय वर्ष

आवंटित बजट (करोड़ रुपये में)

2023 -24

1,860

2024 -25

4,824

2025 -26

3,009

2026 -27

1,619

2027 -28

1,224

2028 -29

342

2029 -30

103

2030 -31

19

कुल

13,000

पीएम विश्वकर्मा स्कीम के दिशानिर्देशों के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा स्कीम का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड निम्नानुसार हैं;

I. हाथ और टूल्स से काम करने वाला और असंगठित क्षेत्र में स्व-रोज़गार के आधार पर 18 परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से एक में संलग्न कारीगर या शिल्पकार पंजीकरण के लिए पात्र होगा।

 II. पंजीकरण की तिथि पर लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।

III. लाभार्थी को पंजीकरण की तिथि पर संबंधित व्यवसाय में संलग्न होना चाहिए।

 IV. पिछले 5 वर्षों में लाभार्थी को स्व-रोजगार/व्यवसाय विकास जैसे पीएमईजीपी, मुद्रा और पीएम स्वनिधि के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार की समान ॠण-आधारित योजनाओं के तहत ऋण नहीं लेना चाहिए। हालाँकि, मुद्रा और पीएम स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण पूरी तरह से चुका दिया है, वे पीएम विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे।

V. स्कीम के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। स्कीम के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, एक 'परिवार' को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों के रूप में परिभाषित किया गया है।

 VI. सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्य इस स्कीम के तहत पात्र नहीं होंगे।

18.12.2023 तक, पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा स्कीम का लाभ उठाने के लिए 57,815 आवेदन पंजीकृत किए गए हैं।

जैसा कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया है, 17.12.2023 तक 177 उम्मीदवारों ने बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और 133 उम्मीदवारों का मूल्यांकन और प्रमाणित किया गया है। पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) में बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफाइड विश्वकर्मा को वजीफा भुगतान की प्रक्रिया अभी चल रही है। प्रशिक्षित और मूल्यांकन/प्रमाणित उम्मीदवारों का राज्य-वार विवरण अनुबंध में दिया गया है।

 

पीएम विश्वकर्मा स्कीम के तहत पात्र 18 व्यवसाय इस प्रकार हैं:

 

क्र.सं.

पीएम विश्वकर्मा स्कीम में शामिल 18 व्यवसायों के नाम

1

बढ़ई (सुतार)

2

नौका निर्माता

3

आर्मर (शस्ञसाज़)

4

लोहार

5

हथौड़ा और टूल किट निर्माता

6

मरम्मत करनेवाला (लॉकस्मिथ)

7

सुनार

8

कुम्हार

9

मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला

10

मोची (चार्मकार)/जूता कारीगर

11

राजमिस्त्री

12

टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर

13

गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक)

14

नाई

15

मालाकार

16

धोबी

17

दर्जी

18

मछली पकड़ने का जाल निर्माता

अनुलग्नक

जैसा कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया है, प्रशिक्षित और मूल्यांकन/प्रमाणित उम्मीदवारों का राज्य-वार विवरण नीचे दिया गया है:

क्र.सं.

राज्य

जिला

कार्य भूमिका

प्रशिक्षित

मूल्यांकन एवं प्रमाणित किया गया

1

गुजरात

बनास काँठा

सहायक नाई-सैलून सेवाएँ

12

12

2

ओडिशा

खोरधा

ईंट राजमिस्‍ञी–बुनियादी

14

14

3

उत्तर प्रदेश

अम्बेडकरनगर

सहायक नाई-सैलून सेवाएँ

17

17

4

उत्तर प्रदेश

अम्बेडकरनगर

दर्जी

18

18

5

उत्तर प्रदेश

अयोध्या

दर्जी

20

0

6

उत्तर प्रदेश

बलिया

दर्जी

29

29

7

उत्तर प्रदेश

बलिया

ईंट राजमिस्‍ञी–बुनियादी

24

0

8

उत्तर प्रदेश

गाजीपुर

दर्जी

43

43

कुल

177

133

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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