सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाएँ
Posted On:
20 DEC 2023 3:06PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही अटल वयो अभ्युदय योजना (अव्यय) की अंब्रेला योजना में वरिष्ठ नागरिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, आश्रय, कल्याण आदि प्रदान करने के घटक शामिल हैं। ऐसे घटकों में से एक के तहत, अर्थात् वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएसआरसी), वरिष्ठ नागरिकों के घरों को चलाने और रखरखाव के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों को अनुदान सहायता दी जाती है जिनमें आश्रय, भोजन, चिकित्सा देखभाल, मनोरंजन के अवसर आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) के तहत, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले या 15000/- रुपये की मासिक आय वाले और उम्र से संबंधित विकलांगताओं से पीड़ित परिवारों के वरिष्ठ नागरिकों को शिविर मोड में सहायता प्राप्त जीवन उपकरण मुफ्त वितरित किए जाते हैं। एल्डरलाइन: वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन (एनएचएससी) (टोल-फ्री नंबर 14567) वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए दुर्व्यवहार और बचाव के मामलों में मुफ्त जानकारी, मार्गदर्शन, भावनात्मक समर्थन और क्षेत्रीय हस्तक्षेप प्रदान करती है। सीनियर-केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) नामक घटक का उद्देश्य युवाओं को बुजुर्गों की समस्याओं के बारे में सोचने और बुजुर्गों की देखभाल के लिए नवीन विचारों के साथ आगे आने और इक्विटी सहायता प्रदान करके उन्हें स्टार्ट-अप में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस) के तहत, भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की एक पूरी तरह से वित्त पोषित केंद्र प्रायोजित योजना, 200/- रुपये की दर से मासिक पेंशन गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के 60-79 वर्ष की आयु वर्ग के बुजुर्ग व्यक्तियों को प्रति माह प्रति लाभार्थी भुगतान किया जा रहा है। 80 वर्ष की आयु होने पर पेंशन की दर प्रति लाभार्थी 500/- रूपये प्रति माह कर दी जाती है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता के बराबर कम से कम राशि की टॉप अप राशि प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि लाभार्थियों को उचित स्तर की सहायता मिल सके। वर्तमान में, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एनएसएपी के आईजीएनओएपीएस के तहत प्रति लाभार्थी प्रति माह 50/- रुपये से लेकर 3000/- रुपये तक की टॉप अप राशि जोड़ रहे हैं। एनएसएपी पेंशन योजनाओं के तहत सहायता योजना के तहत लाभार्थियों की योजना-वार, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार सीमा तक स्वीकृत की जाती है। वर्तमान में, देश में आईजीएनओएपीएस के तहत लाभार्थियों की संख्या लगभग 2.21 करोड़ है और इस योजना ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 100% संतृप्ति हासिल कर ली है। यदि एनएसएपी पेंशन योजनाओं के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सीमा से अधिक पात्र लाभार्थी हैं तो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अपने स्रोतों से पेंशन प्रदान करने का विकल्प है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के विभिन्न स्तरों यानी और आउटरीच सेवाओं सहित प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से 2010-11 में बुजुर्गों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) शुरू किया। कार्यक्रम के दो घटक हैं, अर्थात् राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) यानी, जिला अस्पतालों (डीएच), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), उप-केंद्र/स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक देखभाल सेवा वितरण और तृतीयक घटक यानी, ये सेवाएं भारत के 18 राज्यों में 19 मेडिकल कॉलेजों में स्थित क्षेत्रीय जराचिकित्सा केंद्रों (आरजीसी) और दो राष्ट्रीय एजिंग केंद्रों (एनसीए) के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं, जिनमें से एक एम्स, अंसारी नगर, नई दिल्ली में और दूसरा मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई में है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों पर अनुसंधान भी शामिल है।
इसके अलावा, सरकार ने 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को कवर करने के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) शुरू की, जो माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करती है। आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के लॉन्च के साथ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना (एससीएचआईएस) को इसमें शामिल कर दिया गया है। आरएसबीवाई और एसएचआईएस के सभी नामांकित लाभार्थी परिवार आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत लाभ के हकदार हैं।
यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एमएस/केके
(Release ID: 1988720)