विद्युत मंत्रालय
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जम्मू-कश्मीर में ऊर्जा घाटा वर्ष 2018-19 के दौरान 17.8 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2023-24 के दौरान नवंबर 2023 तक 1.5 प्रतिशत हो गया: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह


"अगले 8 से 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 7,000 मेगावाट जल विद्युत क्षमता बढने की आशा है"

Posted On: 19 DEC 2023 5:13PM by PIB Delhi

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने जम्मू-कश्मीर में बिजली की स्थिति के बारे में आज जानकारी दी है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2019 से किरू (4x156 = 624 मेगावाट), रतले (4x205 + 1x30 = 850 मेगावाट), क्वार (4x135 = 540 मेगावाट) और करनाह (12 मेगावाट) नामक चार जलविद्युत परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनकी कुल क्षमता 2,026 मेगावाट है। लागत और प्रगति के साथ इन परियोजनाओं का विवरण नीचे दिया गया है

वर्ष 2019 से शुरू की गई निर्माणाधीन परियोजनाओं की सूची

क्रम संख्या

परियोजना का नाम

क्षमता (मेगावाट में)

अनुमानित लागत (करोड़ में)
 

वास्तविक/वित्तीय प्रगति (अक्तूबर, 2023)

वास्तविक

वित्तीय

1

रतले जल विद्युत परियोजना

850

52881.94

10.35 प्रतिशत

8.07 प्रतिशत

2

किरु जल विद्युत परियोजना

624

4287.5

24.03 प्रतिशत

24.70 प्रतिशत

3

क्वार जल विद्युत परियोजना

540

4526.12

8.15 प्रतिशत

11.71 प्रतिशत

4

करनाह जल विद्युत परियोजना

12

123.60

53.28 प्रतिशत

53 प्रतिशत

 

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम लिमिटेड (जेकेएसपीडीसी) ने वर्ष 2014-15 से नवंबर 2023 तक 1,197.4 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली 13 जल विद्युत परियोजनाओं से कुल 48,808.68 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन की है। ऊर्जा उत्पादन का वर्षवार विवरण नीचे दिया गया है।

केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर द्वारा उत्पादित ऊर्जा का वर्षवार विवरण

क्रम संख्या

वर्ष

सकल उत्पादन मिलियन यूनिट में

1

2014-15

3958.827205

2

2015-16

4160.379605

3

2016-17

4980.062338

4

2017-18

5267.216628

5

2018-19

5179.502683

6

2019-20

5442.600651

7

2020-21

5115.048025

8

2021-22

5273.684514

9

2022-23

5191.651

10

2023-24 (नवंबर तक)

4239.71682

 

पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष (नवंबर, 2023 तक) के दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बिजली आपूर्ति की स्थिति का विवरण नीचे दिया गया है।

वर्ष

बिजली

बिजली की आवश्यकता

बिजली की आपूर्ति

बिजली की आपूर्ति नहीं की गई

(मिलियन यूनिट)

(मिलियन यूनिट)

(मिलियन यूनिट)

(प्रतिशत)

2018-2019

18,988

15,616

3,372

17.8

2019-2020

20,025

16,259

3,767

18.8

2020-2021

19,773

17,222

2,551

12.9

2021-2022

19,957

18,434

1,524

7.6

2022-2023

19,639

19,322

317

1.6

2023-24*(नवंबर तक)

12,770

12,577

193

1.5

*अस्थाई

इन विवरणों से पता चलता है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ऊर्जा की कमी वर्ष 2018-19 के दौरान 17.8 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2023-24 (नवंबर, 2023 तक) के दौरान 1.5 प्रतिशत हो गई है।

पिछले 12 महीनों के दौरान कश्मीर में महीने-वार बिजली कटौती का विवरण नीचे दिया गया है।

महीना

प्रति दिन औसत बिजली कटौती (घंटे) - मीटर के अनुसार

दिसंबर-22

3-5

जनवरी-23

3-5

फरवरी-23

3-5

मार्च-23

3-5

अप्रैल-23

2-4

मई-23

0-1

जून-23

0-1

जुलाई-23

0-1

अगस्त-23

0-1

सितंबर-23

0-1

अक्तूबर-23

2-3

नवंबर-23

4-5

नवंबर 2023 तक, केंद्रीय विद्युत उत्पादन केन्द्रों से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को 2791 मेगावाट बिजली आवंटित की गई है। बिजली मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को सर्दियों के महीनों के दौरान बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायता करने के लिए अतिरिक्त बिजली भी आवंटित कर रहा है। इस संबंध में, बिजली मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को दिसंबर-23 महीने के लिए 393 मेगावाट, जनवरी 2024 और फरवरी 2024 महीने के लिए 443 मेगावाट और मार्च 2024 महीने के लिए 593 मेगावाट का अतिरिक्त बिजली का आवंटन किया है।

जम्मू-कश्मीर को ऊर्जा अधिशेष केंद्रशासित प्रदेश में बदलने के लिए भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से जम्मू-कश्मीर में जलविद्युत के विकास के लिए प्रमुख पहल की गई थी। जम्मू-कश्मीर सरकार और एनएचपीसी के बीच 03.01.2021 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके यह उद्देश्य हासिल किया गया। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, 2354 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली तीन परियोजनाएं, उरी (स्टेज-11) 240 मेगावाट, दुलहस्ती (स्टेज-II) 258 मेगावाट और सावलकोटे जल विद्युत परियोजना -1856 मेगावाट की राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी) को बिल्ड, ओन, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओओटी) आधार पर विकास के लिए दिए गए थे। संयुक्त उद्यम मोड में विकास के लिए 930 मेगावाट किरथाई II जल विद्युत परियोजना चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स [पी] लिमिटेड (सीवीपीपी पीएल) को दी गई थी।

भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार ने रतले जल विद्युत विकास निगम लिमिटेड का गठन भी किया है - जो 850 मेगावाट रतले जल विद्युत परियोजना के विकास के लिए राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी) और जम्मू-कश्मीर विद्युत विकास निगम (जेकेपीडीसी) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। यह परियोजना वर्तमान में कार्यान्वयनाधीन है और मई 2026 तक चालू होने की आशा है।

चिनाब वैली ऊर्जा परियोजना [पी] लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) को 3094 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रखरखाव (बीओओएम) के आधार पर निम्नलिखित परियोजनाओं के निर्माण का काम सौंपा गया है:

(i) 1000 मेगावाट पाकल दुल जल विद्युत परियोजना (परियोजना निष्पादन के अधीन है और सितंबर, 2026 तक पूरी होने की आशा है)।

(ii) 624 मेगावाट कीरू एचईपी (परियोजना निष्पादन के अधीन है और मार्च, 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है)।

(iii) 540 मेगावाट क्वार जल विद्युत परियोजना (परियोजना निष्पादन के अधीन है और नवंबर, 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है)।

(iv) 930 मेगावाट किरथई- II जल विद्युत परियोजना (संशोधित टीईसी सीईए, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विचाराधीन है)

इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपक्रम जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (जेकेएसपीडीसी) ने निष्पादन के लिए 738.5 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली 14 परियोजनाओं की पहचान की है, जिसमें निम्नलिखित परियोजनाएं सम्मिलित हैं:

  1. दो निर्माणाधीन परियोजनाएं (37.5 मेगावाट परनई जल विद्युत परियोजना और 12 मेगावाट करनाह जल विद्युत परियोजना)। 12 मेगावाट की करनाह जल विद्युत परियोजना को सितंबर, 2019 में आवंटित किया गया था और इसके जुलाई, 2024 तक पूरा होने की आशा है, जबकि परनाल जल विद्युत परियोजना के सितंबर 2025 तक पूरा होने की आशा है। इन परियोजनाओं को जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश पुंछ और कुपवाड़ा जैसे सीमावर्ती जिलों में क्रियान्वित किया जा रहा है।

  2. 93 मेगावाट की नई गांदरबल और 48 मेगावाट की निचली कलनई जल विद्युत परियोजना निविदा के अंतिम चरण में है। एक अन्य परियोजना अर्थात् 390 मेगावाट किरथल-II केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा मूल्यांकन चरण में है

उपरोक्त परियोजनाओं से, अगले 8 से 10 वर्षों में जल विद्युत उत्पादन में चरणबद्ध तरीके से लगभग 7000 मेगावाट जल विद्युत क्षमता में वृद्धि की आशा है। इन परियोजनाओं के विकास से जम्मू-कश्मीर के समग्र आर्थिक विकास पर बहुत प्रभाव पड़ेगा, जिसमें आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार सृजन भी शामिल है।

केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने 19 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।

यह भी पढ़ें: भारत सरकार ने सर्दियों के मौसम में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को 1972 मेगावाट अतिरिक्त विजली आवंटित की है

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