विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर का आईआईएसएफ 2023 पहुंच कार्यक्रम


छात्रों ने मनोरंजक गतिविधियों के साथ विज्ञान का भरपूर आनंद लिया और सीखा

Posted On: 18 DEC 2023 7:07PM by PIB Delhi

सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) ने आज नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) के लिए पहुंच कार्यक्रम आयोजित किया। इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के 2015 से अब तक आठ संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं। इस वर्ष नौवां संस्करण 17-20 जनवरी 2024 तक डीबीटी आरसीबी-टीएचएसटीआई परिसर, फरीदाबाद, हरियाणा में मनाया जाएगा। देश भर के अनेक वैज्ञानिक संस्थानों ने पहुंच कार्यक्रम आयोजित किए हैं और इस महीने और भी कार्यक्रम निर्धारित हैं।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, दिल्ली में आईआईएसएफ 2023 पहुंच कार्यक्रम में भाग लेते शिक्षक और छात्र

मेगा साइंस फेस्टिवल का उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में वैज्ञानिक उपलब्धियों का सम्मान करना और उन्हें उजागर करना है। प्राथमिक उद्देश्य विज्ञान को समाज से जोड़ना है।

आज के कार्यक्रम में डॉ. राज मेहरोत्रा, क्यूरेटर 'एफ', राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र; डॉ. तृप्ता ठाकुर, महानिदेशक, राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान और श्री प्रवीण रामदास, सचिव, विज्ञान भारती, विभा इंडिया विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिज्ञासा कार्यक्रम के डॉ. सी.वी. सिंह ने छात्रों को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के बारे में बताया। उन्होंने जिज्ञासा कार्यक्रम और जिज्ञासा प्रभाग के बारे में भी बताया जो छात्रों को सही मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सभी सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में मौजूद है ताकि वे भविष्य में विज्ञान को पेशे के रूप में खुशी-खुशी चुन सकें।

पहुंच कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राज मेहरोत्रा ने सभी का स्वागत किया और कहा कि "कुछ ऐसा करें जिसकी अनुमति आपकी कक्षा आपको न दे," साथ ही कक्षा की उपेक्षा न करने पर जोर दिया। उन्होंने तर्कसंगत सोच के इस्‍तेमाल और फिर चीजों पर विश्वास करने की बात की। उन्होंने कहा, "यह सदी सूचना की है, आपके पास जितनी अधिक जानकारी होगी, आप उतने ही अधिक जागरूक होंगे।" "जितना हो सके सूचित रहें।" उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) पर भी प्रकाश डाला और "वैज्ञानिक रूप से प्रशिक्षित होना महत्वपूर्ण है" और "देश के युवाओं, युवा शक्ति को अमृतकाल में दिशा देने" पर जोर दिया। अंत में, वह स्कूली छात्रों और अन्य दर्शकों के लिए एक मनोरंजक गतिविधि के माध्यम से हवा देखने के अपने प्रयोग की ओर बढ़े। वायरलेस बिजली उस दिन का प्रयोग था!

राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र के श्री राकेश त्रिपाठी छात्रों को विज्ञान के गुर बताते हुए

आईआईएसएफ 2023 पहुंच कार्यक्रम के दूसरे सत्र के स्वागत भाषण में, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक डॉ. रंजना अग्रवाल ने आईआईएसएफ और विज्ञान के साथ इसके संबंध के बारे में बात करते हुए कहा कि विज्ञान के बिना जीवन अधूरा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उत्सव के रूप में आयोजित किया जाता है ताकि समाज में हर कोई, चाहे वह किसान हो, कारीगर हो, वैज्ञानिक हो या उद्यमी हो, आनंदपूर्वक विज्ञान से जुड़ें। यह महोत्सव विज्ञान और समाज के बीच एक सेतु (सम्‍पर्क) का काम करता है। उन्होंने सभी को जबरदस्‍त विज्ञान उत्‍सव में आने, शामिल होने और विज्ञान के चमत्कारों का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया।


सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, दिल्ली में आईआईएसएफ 2023 पहुंच कार्यक्रम में विज्ञान भारती के सचिव श्री प्रवीण रामदास, राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र के डॉ. राज मेहरोत्रा और राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर

विज्ञान भारती के सचिव श्री प्रवीण रामदास ने आईआईएसएफ द्वारा दिए गए संदेश की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ विभिन्न तरीकों से नियोजित कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का एक उत्सव है।

राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने पारंपरिक विज्ञान के बारे में बात करके दर्शकों को संबोधित किया और बताया कि पारंपरिक विज्ञान के माध्यम से और भारतीय भावना को न छोड़कर कैसे भारत विश्व गुरु बन सकता है। साथ ही उन्होंने अमृतकाल में विज्ञान के महत्व के बारे में भी बताया।

साइंस मीडिया कम्युनिकेशन सेल (एसएमसीसी) के वरिष्ठ सलाहकार, श्री कुलदीप धतवालिया ने दर्शकों को आईआईएसएफ में दो दिन तक होने वाले मीडिया कॉन्क्लेव कार्यक्रम की जानकारी दी।

सीएसआईआर एनआईएससीपीआर के डॉ. परमानंद ने दर्शकों को आईआईएसएफ में विज्ञानिका कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय नवप्रवर्तन फाउंडेशन (एनआईएफ) भारत, एक स्वायत्त संस्थान डीएसटी और सीएसआईआर एनआईएससीपीआर ने संयुक्त रूप से विज्ञानिका का आयोजन किया है।

जानकारीपूर्ण पहुंच कार्यक्रम सीएसआईआर एनआईएससीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. मनीष मोहन गोरे के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ।

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