पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
डॉप्लर मौसम रडार नेटवर्क
Posted On:
13 DEC 2023 1:46PM by PIB Delhi
वर्तमान में, मौसम की गंभीर घटनाओं पर नजर रखने के लिए देश भर में 39 डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) अच्छी तरह व्यवस्थित हैं।
डीडब्ल्यूआर नेटवर्क की इस वर्तमान स्थापना के साथ, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मौसम की घटनाओं के पूर्वानुमान में भारी सुधार किया है। कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां नीचे दी गई हैं;
- नाउकास्ट सटीकता यानी तत्काल पता लगाने की संभावना (पीओडी) 2014 में 61 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 91 प्रतिशत हो गई है।
- तटीय रडार के कारण चक्रवात की ऐसी कोई घटना नहीं हुई जिसका पता न चला हो।
- मैदानी और पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा की घटनाओं का भी बेहतर पता लगाया जाता है और पूर्वानुमान किया जाता है।
- इसके अलावा, इन डीडब्ल्यूआर के डेटा को विभिन्न अस्थायी और स्थानिक पैमानों पर पूर्वानुमान उत्पन्न करने के लिए विभिन्न अत्याधुनिक क्षेत्रीय और वैश्विक गतिशील सशक्त मॉडल में समाहित किया जाता है। रडार अवलोकन चक्रवात, बारिश, तूफान की गंभीरता और पता लगाने के संदर्भ में स्थानीय स्तर पर मॉडल पूर्वानुमान और चेतावनी को और बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। नाउकास्ट मॉडल अर्थात हाई-रिज़ॉल्यूशन रैपिड रिफ्रेश मॉडलिंग सिस्टम (आईएमडी-एचआरआरआर) और इलेक्ट्रिक वेदर रिसर्च एंड फोरकास्टिंग (ईडब्ल्यूआरएफ) मॉडल 6 से 12 घंटे पहले बारिश और तूफान की भविष्यवाणी के लिए रडार डेटा का उपयोग करते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरण रिजिजू ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 1985802)
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