सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति
Posted On:
12 DEC 2023 4:25PM by PIB Delhi
पिछले तीन वर्षों के दौरान अनुसूचित जाति के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत आवंटित धनराशि और लाभार्थियों की कुल संख्या का विवरण इस प्रकार है:
वित्तीय वर्ष
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अनुसूचित जाति और अन्य के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
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अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
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आवंटित धनराशि (करोड़ रुपये में)
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लाभार्थी (लाख में)
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आवंटित धनराशि (करोड़ रुपये में)
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लाभार्थी (लाख में)
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2020-21
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599.71
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29.15
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4008.60
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62.87
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2021-22
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570.18
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38.11
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1930.38
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30.25
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2022-23
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207.93
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11.34
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4392.50
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46.41
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वित्त वर्ष 2022-23 से, प्री और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति का केंद्रीय हिस्सा आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एपीबीएस) का उपयोग करके सीधे लाभार्थी के खाते में जारी किया जाता है। इस डिजिटल ऑनलाइन प्रोसेसिंग प्रणाली ने निम्नलिखित तरीकों से मदद की है:-
(i) मध्यस्थ हस्तक्षेप के बिना केंद्रीय हिस्सा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जारी किया जाता है।
(ii) छात्रवृत्ति वितरण का समय काफी कम हो गया है।
(iii) वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और विफलता 1% से कम है जिसके परिणामस्वरूप छात्रों की शिकायतें कम हैं।
ऑनलाइन एंड-टू-एंड प्रोसेसिंग और सत्यापन ने निम्नलिखित के अनुसार अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने और संस्थानों द्वारा दोहरेपन या गलत दावों को रोकने में योगदान दिया है:
(क) लाभार्थी राज्य/एनएसपी आवेदन आईडी की मदद से अपने आवेदन को ट्रैक कर सकते हैं।
(ख) यह राज्यों को लाभार्थियों का पूरा डेटाबेस बनाए रखने में मदद करता है, जो लाभार्थियों का डी-डुप्लीकेशन सुनिश्चित करता है।
(ग) योजना मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों के साथ एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (एनएसपी पोर्टल) पर चल रही है जो पारदर्शिता, जवाबदेही, दक्षता और बिना किसी देरी के सहायता की समय पर डिलीवरी का आश्वासन देती है।
(घ) जिस संस्थान में छात्र ने प्रवेश लिया है, उसके बारे में डेटा प्राप्त के लिए छात्रवृत्ति पोर्टल को एआईएसएचई/यूडीआईएसई पोर्टल के साथ एकीकृत करना आवश्यक है।
(ङ) राज्यों को ऑनलाइन पोर्टल पर पात्रता, जाति स्थिति, आधार पहचान और बैंक खाते के विवरण का फुल-प्रूफ सत्यापन करना आवश्यक है।
(च) योजना के तहत छात्रों के बैंक खाते का विवरण मंगाने और उसे प्रमाणित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एनपीसीआई मैपर से आधार नंबर की जांच के बाद एबीपीएस के माध्यम से केन्द्रीय हिस्सा जारी किया जाता है।
संशोधित योजना दिशानिर्देशों के अनुसार, आय, जाति योग्यता विवरण का सत्यापन स्वचालित रूप से उन डेटाबेस से किया जाना चाहिए जो तत्काल सत्यापन के लिए ऑनलाइन जुड़े हुए हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह कागज रहित होनी चाहिए। जब तक उपरोक्त प्रणाली लागू नहीं हो जाती, तब तक दस्तावेजों को स्कैन और अपलोड किया जा सकता है, जिसमें शामिल हैं: पासपोर्ट आकार की तस्वीर; उत्तीर्ण सभी डिप्लोमा, डिग्री, आदि परीक्षाओं के संबंध में प्रत्येक प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि; अधिकृत अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित जाति प्रमाण पत्र, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी वैध आय प्रमाण पत्र, आदि ।
यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए नारायणस्वामी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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