मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि उत्पादन

Posted On: 12 DEC 2023 1:29PM by PIB Delhi

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) का उद्देश्य अन्य बातों के साथ-साथ मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना है और अंतर्देशीय मात्स्यिकी तथा जलीय कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों में मुख्य रूप से जलकृषि के विस्तार, तीव्रीकरण, प्रजातियों के विविधीकरण, उच्च उपज वाली प्रजातियों की शुरूआत, री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), बायोफ्लॉक और केज कल्चर जैसी प्रौद्योगिकी का समावेश शामिल है। गुणवत्तायुक्त ब्रूड बैंकों, हैचरी, बीज पालन इकाइयों, मत्स्य रोग और मत्स्य फार्म जल गुणवत्ता प्रबंधन, गुणवत्तायुक्त आहार की आपूर्ति, स्थापना के माध्यम से गुणवत्तासंपन्न रोग मुक्त मत्स्य बीजों की आपूर्ति, मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण और कौशल विकास पर भी बल दिया जाता है। पीएमएमएसवाई के अंतर्गत पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2020-21 से 2022-23) और चालू वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 7263.67 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से मछली उत्पादन में वृद्धि, मछुआरों, मत्स्य पालकों और अन्य हितधारकों के लिए रोजगार के अवसरों और आय का सृजन करना है।

पीएमएमएसवाई विभिन्न हितधारकों, विशेष रूप से मछुआरों, मत्स्य पालकों, मत्स्य श्रमिकों, मछली विक्रेताओं, उद्यमियों, अधिकारियों, मत्स्य सहकारी समितियों और विभिन्न मछली पालन, जलीय कृषि और उत्पादन पश्चात संबंधित गतिविधियों के लिए विभिन्न हितधारकों को प्रशिक्षण, जागरूकता निर्माण कार्यक्रमों और एक्सपोजर दौरों के माध्यम से प्रशिक्षण, कौशल विकास, कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण पर भी विशेष ध्यान देती है। पीएमएमएसवाई के अंतर्गत सहायता से राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के मात्स्यिकी विभागों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके), केन्द्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों तथा मात्स्यिकी अनुसंधान स्टेशनों के सहयोग से राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के माध्यम से प्रशिक्षण, जागरूकता, एक्सपोजर और क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाए जाते हैं।

यह जानकारी आज लोकसभा में केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने एक लिखित उत्तर में दी।

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