सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ऋण वितरण

Posted On: 11 DEC 2023 4:37PM by PIB Delhi

बैंक देशभर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को ऋण वितरित कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देशभर में मार्च 2023 के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का एमएसएमई पर 22.60 लाख करोड़ रूपये का ऋण बकाया था।

इसके अलावा आरबीआई ने बताया कि बैंकों को महाराष्ट्र सहित देशभर में लघु, मध्यम इकाइयों को दिये जाने वाले 10 लाख रूपये तक के ऋण पर सुरक्षा गारंटी स्वीकार नहीं करने का अधिकार दिया गया है। बैंकों को यह भी सलाह दी गई है कि वह अपनी शाखाओं के स्तर पर कर्मचारियों को ऋण गारंटी योजना कवर का लाभ उठाने के लिये पूरी मजबूती के साथ प्रोत्साहित करें।

सरकार ने एमएसएमई को आसानी से ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिये वर्तमान में जारी योजनाओं सहित कई उपाय किये हैं। इनमें से कुछ यहां नीचे दिये जा रहे हैं।

  • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), यह ऋण से जुड़ा एक प्रमुख सब्सिडी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्व-रोजगार पैदा करना है।
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत गैर-कंपनियों, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रूपये तक का ऋण दिया जाता है।
  • -पीएम विश्वकर्मा योजनाः यह केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है जिसमें 2023- 24 से 2027-28 की अवधि में इसके क्रियान्वयन के लिये 13,000 करोड़ रूपये का बजट आवंटन किया गया है। योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को जो कि हाथों से काम करते हैं, औजारों का इस्तेमाल करते हैं, शुरू से लेकर अंत तक पूरा समर्थन दिया जाता है। इसमें 18 तरह के ट्रेड को शामिल किया गया है।
  • -सूक्ष्म और लघु उद्यमों की ऋण गारंटी योजना के जरिये पांच करोड़ रूपए तक के ऋण के लिये गारंटी और तीसरे पक्ष की गारंटी के बिना सूक्ष्म और लघु उद्यम क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने की प्रणाली को मजबूत किया गया है ताकि इन उद्यमों को ऋण प्रवाह में किसी तरह की रूकावट नहीं आये।
  • असंगठित सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को एमएसएमई के औपचारिक दायरे में लाने के लिये 11.01.2023 को उद्यम सहायता मंच की शुरूआत की गई ताकि उन्हें प्राथमिक क्षेत्र की ऋण सुविधा का लाभ मिल सके।
  • खुदरा और थोक कारोबार करने वाले व्यापारियों को प्राथमिक क्षेत्र की ऋण सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने के लिये उन्हें 02.07.2021 से एमएसएमई में शामिल किया गया।
  • एमएसएमई के दर्जे में तरक्की होती है तो उनके लिये गैर-कर लाभ की सुविधा तीन साल के लिये बढ़ाई गई।
  • एमएसएमई के बड़ी कंपनियों और सरकारी विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सहित अन्य खरीदारों से मिलने वाले भुगतान के समक्ष ट्रेड रिसीवेबल डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) शुरू किया गया ताकि उनकी व्यापारिक प्राप्तियों का वित्तपोषण किया जा सके। यह कार्य इलेक्ट्रानिक तरीके से कई वित्तीय सुविधा देने वालों के जरिये किया जाता है।
  • आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) कोष के जरिये 50,000 करोड़ रूपये की इक्विटी पूंजी डाली गई।
  • एमएसएमई में ऋण- अंतर की भरपाई के लिये कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिये पांच लाख करोड़ रूपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की घोषणा की गई। यह योजना 31.03.2023 तक परिचालन में थी।
  • यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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