पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

सीओपी- 28 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव का राष्ट्रीय वक्तव्य

Posted On: 09 DEC 2023 3:57PM by PIB Delhi

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने आज संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई में सीओपी-28 में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य प्रस्तुत किया।

इस वक्तव्य का पूरा पाठ

महानुभाव, मित्रो, देवियो और सज्जनो,

  • सबसे पहले मैं सीओपी-28 की मेजबानी और उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।    
  • भारत इस सीओपी को "कार्रवाई के लिए सीओपी" के रूप में संचालित करने के लिए सीओपी-28 अध्यक्षता को भी बधाई देता है, जो हानि और क्षति निधि के सफल संचालन के साथ पहले ही दिन स्पष्ट हो गया।

महानुभावो,

  • भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक स्तर पर कार्रवाई-उन्मुख कदमों का समर्थन करने में सबसे आगे रहा है। हमारा हमेशा से यह विचार रहा है कि लोग और ग्रह एक रहे हैं और मानव कल्याण व प्रकृति आंतरिक रूप से एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।
  • भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन लाइफ- पर्यावरण के लिए जीवन शैली में शामिल होने के लिए वैश्विक समुदाय का आह्वान किया था और यह भारत के कार्य-उन्मुख दृष्टिकोण का प्रमाण है। भारत ने मिशन लाइफ के आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए अभिनव पर्यावरण कार्यक्रमों और उपकरणों के आदान-प्रदान के लिए एक सहभागी वैश्विक मंच बनाने के उद्देश्य से 1 दिसंबर को यहां सीओपी-28 में हरित क्रेडिट पहल शुरू की।
  • इस साल की शुरुआत में हमने नई दिल्ली घोषणा के एक हिस्से के तहत जी20 देशों की ओर से ऐतिहासिक रूप से हरित विकास समझौते को अपनाते हुए देखा।

मित्रो,

 

  • अब भारत ने प्रारंभिक अनुकूलन संचार के साथ-साथ 2019 की जीएचजी (ग्रीन हाउस गैस) सूची के आधार पर अपने तीसरे राष्ट्रीय संचार को अंतिम रूप दिया है। यह लोगों के विकास और कल्याण को प्राथमिकता में रखते हुए जलवायु कार्रवाई को लेकर हमारे निरंतर योगदान को रेखांकित करता है।
  • ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन से आर्थिक विकास को अलग करने के प्रयास के तहत भारत ने साल 2005 और 2019 के बीच अपने जीडीपी की तुलना में उत्सर्जन की तीव्रता को 33 फीसदी तक सफलतापूर्वक कम कर दिया है। इस तरह भारत ने 2030 के लिए प्रारंभिक एनडीसी लक्ष्य को निर्धारित समय-सीमा से 11 साल पहले प्राप्त कर लिया है।
  • भारत ने साल 2030 के लक्ष्य से नौ साल पहले गैर- जीवाश्म ईंधन स्रोतों के माध्यम से विद्युत की 40 फीसदी स्थापित क्षमता भी प्राप्त कर ली है। साल 2017 और 2023 के बीच भारत ने लगभग 100 गीगावाट की स्थापित विद्युत क्षमता जोड़ी है, जिसमें से लगभग 80 फीसदी गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित संसाधनों से संबंधित है।
  • हमने अपने एनडीसी के लक्ष्य को संशोधित कर बढ़ाया है, जो जलवायु कार्रवाई में बढ़ोतरी को लेकर हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

महानुभावो,

  • अपनी घरेलू पहलों के अलावा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (सीडीआरआई), लीडआईटी का निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (आईआरआईएस) और बिग कैट गठबंधन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से जलवायु कार्रवाई में भारत का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
  • वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का गठन इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली में जी20 नेताओं की बैठक के दौरान किया गया था। इसका उद्देश्य जैव ईंधन की बढ़ोतरी और उसे व्यापक रूप से अपनाने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने वाले एक उत्प्रेरक मंच के रूप में काम करना है।

मित्रो,

  • जैसा कि हम यहां सीओपी-28 के लिए दुबई में इकट्ठे हुए हैं, भारत वैश्विक हिस्सेदारी के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है और आशा करता है कि वे बढ़ी हुई जलवायु कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए सार्थक व प्रासंगिक जानकारी प्रदान करेंगे।
  • नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य के तहत संसाधन जुटाना विकासशील देशों की जरूरतों के अनुरूप निर्देशित होना चाहिए।
  • भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि समानता और जलवायु न्याय वैश्विक जलवायु कार्रवाई का आधार होना चाहिए। यह तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब विकसित देश महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई में आगे आएं।

महानुभावो,

  • इस सम्मेलन और इसके पेरिस समझौते के सिद्धांतों व प्रक्रियाओं में अपना भरोसा और विश्वास बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण है।
  • चूंकि हमारी पृथ्वी एक है, हम एक परिवार हैं और एक भविष्य साझा करते हैं, इसलिए आइए हम सभी हरित, स्वच्छ और स्वस्थ पृथ्वी के लिए साझा उद्देश्य को लेकर मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें।

                        सभी को बहुत धन्यवाद

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एमजी/एआर/एचकेपी/एजे



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