नीति आयोग

नीति आयोग ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नवाचार प्रदर्शन में सुधार के लिए राज्य सहायता मिशन के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया

Posted On: 08 DEC 2023 4:27PM by PIB Delhi

नीति आयोग ने 6 दिसंबर 2023 को आकाशवाणी भवन के रंग भवन सभागार में "राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नवाचार योग्यता और प्रदर्शन में सुधार" विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। राज्य सहायता मिशन कार्यशाला श्रृंखला के एक भाग के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी; नीति आयोग के सदस्य, डॉ. वी.के. सारस्वत, और भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन भी उपस्थित थे। 

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नीति आयोग ने राज्यों को उनके संदर्भ और संसाधन बाधाओं के भीतर जटिल विकासात्मक चुनौतियों को हल करने में सहायता करने के लिए कई पहल की। अपनी व्यापक पहल, 'राज्य सहायता मिशन' के माध्यम से, नीति आयोग अपने सहकारी संघवाद जनादेश को आगे बढ़ाने और विभिन्न विषयों में राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ जुड़ा हुआ है।

नवाचार हमेशा से भारत की कहानी की आधारशिला रहा है और पिछले दशक में यह इसकी विकास यात्रा में सबसे आगे आया है। विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भारी प्रगति ने देश को व्यापक सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता की है। इसलिए, नवाचार भी उस दशक में भारत की वृद्धि का एक प्रमुख चालक होगा और वर्ष 2047 के लिए भारत के दृष्टिकोण में भी शामिल होगा। इस दृष्टिकोण के अंतर्गत, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से नीतियां बनाने और नवाचार इकोसिस्टम को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा की जाती है। कार्यशाला का उद्देश्य इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उनकी नवाचार योग्यता और प्रदर्शन में सुधार करना है।

कार्यशाला के मुख्य आकर्षण

कार्यशाला के सत्र रणनीतियों, चुनौतियों, सीखे गए सबक और भविष्य की राह को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। कार्यशाला के परिणाम नवाचार के क्षेत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की योग्यता को बढ़ाने में सहायता करेंगे। कार्यशाला को पाँच-पैनल सत्रों में विभाजित किया गया था, जिनमें से प्रत्येक सत्र में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चाएँ सम्मिलित थीं:

पैनल चर्चा 1

"भारतीय राज्यों को सशक्त बनाना: विकसित भारत @2047 के लिए नवप्रवर्तन क्षमता को उजागर करना।"

पैनल चर्चा में भाग लेने वालों के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश यह था कि भारत को अपने राज्यों की सक्रिय और समन्वित भागीदारी के साथ एक प्रेरक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

पैनल चर्चा 2

"अभिनव राज्य: परिवर्तनकारी यात्राओं का प्रदर्शन"

इस पैनल चर्चा में बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे नवाचार आर्थिक विकास को गति दे सकता है, जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि कर सकता है, रोजगार सृजन को प्रोत्साहित कर सकता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सुधार कर सकता है।

पैनल चर्चा 3

"सहयोगात्मक नवाचार: सामूहिक विकास के लिए राज्यों की भागीदारी"

इस पैनल चर्चा ने नवाचार इकोसिस्टम के हितधारकों के बीच सहयोग की आवश्यकता को उजागर किया और साझा चुनौतियों को हल करने के लिए अंतर-राज्य सहयोगात्मक नवाचार पर विशेष बल दिया।

पैनल चर्चा 4

"सीखे गए सबक और नवाचार की सफलता की कहानियों को दोहराना"

इस पैनल चर्चा के दौरान एक नवाचार इकोसिस्टम तैयार करने में सीखे गए महत्वपूर्ण सबक और उन सफलताओं को दोहराने में चुनौतियों और समाधानों पर प्रकाश डाला गया।

पैनल चर्चा 5

"राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना"

इस पैनल चर्चा में नवाचार में अग्रणी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित किया गया, साथ ही उन समाधानों को राज्य के संदर्भ में काम करने में सक्षम बनाने के लिए अपनाए गए कार्यान्वयन के तौर-तरीकों को भी प्रदर्शित किया गया।

कार्यशाला के दौरान, नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने बताया कि भारत सरकार ने "नवाचार दशक" जैसी पहल के माध्यम से नवाचार को प्राथमिकता दी है और अटल इनोवेशन मिशन ने लाखों विद्यार्थियों को प्रभावित किया है। श्री सुमन बेरी ने कहा कि आईडेक्स और अग्नि सहित विभिन्न योजनाएं, भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान करते हुए, सभी क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत नवाचार सूचकांक राज्यों की नवाचार क्षमता को मापता है, जिसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त, भारत का नवाचार प्रदर्शन 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है, जो "न्यू इंडिया" को आकार देने में नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देता है।

नीति आयोग के विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने आगे बताया कि नीति आयोग अनुसंधान और विकास में गैर-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)/राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) विश्वविद्यालयों के सामने आने वाली चुनौतियों पर परामर्शी अध्ययन आयोजित करता है, जिसमें टियर 2 और 3 शहरों पर प्रमुख ध्यान केंद्रित किया जाता है। कुलपतियों और निदेशकों के साथ बैठकों का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के मुद्दों को समझना और शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे बताया कि टीसीआरएम मैट्रिक्स फ्रेमवर्क और समावे आर एंड डी डैशबोर्ड जैसी पहल परियोजना-स्तरीय नवाचार को लक्षित करती हैं, जो मूल्यांकन और निगरानी के लिए उपकरण प्रदान करती हैं। नीति आयोग नवाचार के सांस्कृतिक पहलू पर बल देता है और चुनौतियों का समाधान करने और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता प्रदान करता है।

पैनल चर्चा एक समापन सत्र के साथ संपन्न हुई, जिसमें सम्मानित गणमान्य व्यक्ति सम्मिलित थे। इनमें डॉ. वी.के. सारस्वत, सदस्य (एस एंड टी), नीति आयोग, भारत सरकार; डॉ. अभय करंदीकर, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार; डॉ. अजीत कुमार मोहंती, सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार; डॉ. राजीव बहल, सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, भारत सरकार; और डॉ. सचिन चतुर्वेदी, महानिदेशक, विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली सम्मिलित थे।

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