आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय

शहरी आवास

Posted On: 07 DEC 2023 4:40PM by PIB Delhi

'भूमि' का प्रबंधन और 'बसावट' कार्य राज्य के विषय हैं। यह मंत्रालय, 'सभी के लिए आवास' के दृष्टिकोण के अंतर्गत, 25.06.2015 से सभी पात्र लाभार्थी शहरी परिवारों के लिए घरों के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के अंतर्गत केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) सरकारों के प्रयासों को पूरक बनाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) एक मांग आधारित योजना है और भारत सरकार ने इस योजना के अंतर्गत घरों के निर्माण के लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया है। शहरी क्षेत्रों में आवास की मांग के आधार पर, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश परियोजना प्रस्ताव तैयार करते हैं और राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति (एसएलएसएमसी) की स्वीकृति के बाद, इन्हें केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति (सीएसएमसी) द्वारा स्वीकार्य केंद्रीय सहायता की मंजूरी के लिए मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाता है। प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के अंतर्गत कुल 118.63 लाख घर स्वीकृत किए गए हैं; जिनमें से 20.11.2023 तक 78.15 लाख घरों का निर्माण/वितरण किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू), जो पहले 31.03.2022 तक थी, को फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति को बदले बिना सभी स्वीकृत घरों को पूरा करने के लिए, सीएलएसएस वर्टिकल को छोड़कर, 31.12.2024 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अनुसार, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार विस्तारित मिशन अवधि के भीतर सभी स्वीकृत घरों को पूरा करने में तेजी लाने का परामर्श दिया गया है।

मंत्रालय ने 'सभी के लिए आवास' की परिकल्पना को पूरा करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:

  1. योजना के अंतर्गत स्वीकृत घरों की ग्राउंडिंग, पूर्णता, अधिभोग पर जोर देने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) पुरस्कार शुरू किए गए हैं।

  2. घरों की त्वरित डिलीवरी योजना के अंतर्गत वैकल्पिक और नवीन निर्माण प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन दिया गया है।

  3. पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से भुगतान और लाभार्थियों की आधार सीडिंग सुनिश्चित की जाती है।

  4. प्रभावी निगरानी और केन्द्रीय सहायता को शीघ्रता से जारी करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू)-एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली), भुवन पोर्टल, पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से सूचना/अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग और स्वीकृत घरों की जियो-टैगिंग/जियो-फेंसिंग की जा रही है।

मंत्रालय मासिक प्रगति रिपोर्ट (एमपीआर), मासिक समीक्षा बैठकों और केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठकों के माध्यम से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के कार्यान्वयन की स्थिति की नियमित रूप से समीक्षा करता है।

यह जानकारी आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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