रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने भारतीय उर्वरक संघ के 59वें वार्षिक सेमिनार 2023 का उद्घाटन किया


भारतीय उर्वरक क्षेत्र ने समय पर उर्वरक उपलब्ध कराकर, कृषि संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाया है और वैश्विक बाजार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर उर्वरक क्षेत्र में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरकर 14 करोड़ कृषक परिवारों को सहायता प्रदान करने के दोहरे उद्देश्य प्राप्त किए हैं: डॉ. मनसुख मांडविया

भारत सरकार ने पिछले 2-3 वर्षों के दौरान, वैश्विक स्तर पर वस्तुओं की ऊंची कीमतों के प्रभाव को कम किया है और स्थिर अधिकतम खुदरा मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की है, इसके परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर खपत में गिरावट की तुलना में इन वर्षों के दौरान उर्वरक की खपत स्थिर रही और रिकॉर्ड कृषि उत्पादन हुआ

पीएम प्रणाम पहल के अंतर्गत, उर्वरकों के टिकाऊ और संतुलित उपयोग को प्रोत्साहन प्रदान करने, वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने, जैविक खेती को प्रोत्साहन प्रदान करने और संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकियों को लागू करके धरती मां के स्वास्थ्य को बचाने के लिए एक जन आंदोलन शुरू हो गया है

भारतीय अनुसंधान इकोसिस्टम के माध्यम से नैनो डीएपी और नैनो यूरिया जैसे नैनो उर्वरकों को पेश करने वाला भारत पहला देश है

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में शुरू की गई नमो ड्रोन दीदी योजना ड्रोन छिड़काव सेवाओं को किसानों के लिए सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराएगी

केंद्र सरकार ने लगभग 2 लाख आदर्श खुदरा प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के नाम से जाना जाता है, जो सभी कृषि गतिविधियों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य कर रहे हैं

Posted On: 06 DEC 2023 5:24PM by PIB Delhi

 “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम और दूरदर्शी नेतृत्व के अंतर्गत भारतीय उर्वरक क्षेत्र ने हमारे 14 करोड़ कृषक परिवारों को समय पर उर्वरक प्रदान करके, कृषि संबंधी सेवाएं प्रदान करके और एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरकर सहायता प्रदान करने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त किया है। इस प्रकार भारतीय उर्वरक क्षेत्र वैश्विक बाजार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।'' यह बात केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में भारतीय उर्वरत संघ के 59वें वार्षिक सेमिनार 2023 के उद्घाटन भाषण के दौरान कही। संगोष्ठी का विषय "उर्वरक और कृषि क्षेत्रों में नवाचार" था।

डॉ. मांडविया ने उर्वरक क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मंडाविया ने कहा, “सरकार छोटे और सीमांत किसानों के लिए अपनी सहायता बढ़ा रही है, उनके कल्याण को प्राथमिकता दे रही है और इस तरह देश के खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा कर रही है। भारत सरकार ने पिछले 2-3 वर्षों के दौरान, वैश्विक स्तर पर वस्तुओं की ऊंची कीमतों के प्रभाव को हावी नहीं होने दिया है और स्थिर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इसके परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर खपत में गिरावट की तुलना में इन वर्षों के दौरान उर्वरक की खपत स्थिर रही और रिकॉर्ड कृषि उत्पादन हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू उत्पादन को मजबूत करने और लीकेज और डायवर्जन को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई सक्रिय उपाय किए गए हैं, जिनके संयुक्त प्रयासों से रिकॉर्ड उत्पादकता प्राप्त हुई है।''

केंद्रीय मंत्री महोदय ने सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए प्रयासों के बारे में कहा, “3 मिलियन टन से अधिक यूरिया क्षमता को पुनर्जीवित किया गया है और अगले कुछ वर्षों में अतिरिक्त क्षमता के चालू होने की आशा है।उन्होंने कहा कि सरकार फॉस्फेटिक और पोटाशिक क्षेत्रों में कच्चे माल की सुरक्षा की दिशा में काम कर रही है और भारतीय कंपनियों को विदेशी उद्यमों, दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी और खनन में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने एकीकृत फसल प्रबंधन को प्रोत्साहन प्रदान करने, संतुलित पोषण के माध्यम से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने, तकनीकी रूप से बेहतर उत्पाद विकसित करने और टिकाऊ कृषि प्रणालियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रयोगशालाओं से किसानों के खेत तक प्रौद्योगिकी पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

डॉ. मांडविया ने बताया कि पीएम प्रणाम पहल के अंतर्गत, उर्वरकों के टिकाऊ और संतुलित उपयोग को प्रोत्साहन देने, वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने, जैविक खेती को बढ़ावा देने और संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकियों को लागू करके धरती मां के स्वास्थ्य को बचाने के लिए एक जन आंदोलन शुरू हो गया है।

केंद्रीय मंत्री महोदय ने कृषि क्षेत्र में भारत द्वारा किए गए हालिया तकनीकी हस्तक्षेपों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय अनुसंधान ईकोसिस्टम के माध्यम से नैनो डीएपी और नैनो यूरिया जैसे नैनो उर्वरकों को पेश करने वाला भारत पहला देश है। उन्होंने कहा, "यह दुनिया में अपनी तरह की अनूठी तकनीक में से एक है और पृथ्वी पर पोषक तत्व अनुप्रयोग प्रथाओं में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।" उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई "नमो ड्रोन दीदी" योजना, ड्रोन छिड़काव सेवाओं को किफायती कीमतों पर किसानों को उपलब्ध कराएगी।

डॉ. मांडविया ने भारतीय उद्योगों को धीमी गति से निकलने वाले, लेपित और तरल उर्वरकों जैसे स्मार्ट पोषक तत्वों को बढ़ाने और विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो पोषक तत्वों के उपयोग की दक्षता में सुधार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार लागत प्रभावी समाधान विकसित करने और प्रौद्योगिकी पहुंच में सुधार करने के लिए ड्रोन निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं और कृषि कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार ने करीब 2 लाख मॉडल रिटेल आउटलेट स्थापित किए हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के नाम से जाना जाता है, जो सभी कृषि गतिविधियों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य कर रहे हैं।

डॉ. मांडविया ने उर्वरक बिरादरी से उर्वरक निर्माण के हरित तरीकों की ओर बढ़ने और वैश्विक खाद्य संकट को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित रूप से संलग्न होने का आग्रह करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने किसानों, सरकार और उद्योग के बीच संचार और समन्वय को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया।

केंद्रीय मंत्री महोदय द्वारा समारोह के दौरान, कंपनियों, वैज्ञानिकों और अन्य व्यक्तियों को सूक्ष्म पोषक तत्वों, जैव उर्वरकों आदि के उत्पादन, पर्यावरण प्रदर्शन, सुरक्षा, विपणन और प्रचार में उत्कृष्टता को मान्यता देने और अनुसंधान और विकास में उनके योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कार वितरित किए गएकृषि उत्पादकता में सुधार की दिशा में. इस अवसर पर भारतीय उर्वरक संघ द्वारा प्रकाशित तीन प्रकाशनों, अर्थात्, फर्टिलाइजर (अकार्बनिक, जैविक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश 1985; उर्वरक सांख्यिकी 2022-23; और विशेष उर्वरक और सूक्ष्म पोषक सांख्यिकी 2022-23 को भी जारी किया गया

केंद्रीय मंत्री महोदय ने एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जहां भारत और विदेश के कुल 56 प्रदर्शकों ने उर्वरक और कृषि क्षेत्रों को प्रदान किए गए अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन किया।

इस कार्यक्रम में सचिव (उर्वरक) श्री रजत कुमार मिश्रा और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। श्री एन सुरेश कृष्णन, अध्यक्ष, भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई); श्री एस सी मेहता, सह-अध्यक्ष, भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) और श्री अरविंद चौधरी, महानिदेशक, भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) भी उपस्थित थे।

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