सहकारिता मंत्रालय
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जीईएम पोर्टल

Posted On: 06 DEC 2023 4:23PM by PIB Delhi

सहकारिता मंत्रालय बहु-आयामी दृष्टिकोण के माध्यम से जीईएम पोर्टल पर खरीदारों के रूप में सहकारी समितियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सक्रिय रूप से प्रोत्साहन देने के साथ सुव्यवस्थित कर रहा है। इसके लिए सभी हितधारक सहकारी समितियों के सुचारु पंजीकरण और उनके शामिल होने को प्रोत्साहित व सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहल कर रहे हैं। इन हितधारकों में जीईएम प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई), सहकारी समितियों के केंद्रीय और राज्यीय रजिस्ट्रार शामिल हैं।

इनमें कुछ पहल निम्नलिखित हैं -

    1. विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संबंधित हितधारकों के साथ जीईएम और एनसीयूआई द्वारा भौतिक और ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्रों में समर्थन, आउटरीच, जागरूकता पहल पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा सहकारी समितियों को समर्थन देने के लिए समर्पित सहायता डेस्क की स्थापना की गई।
    2. आरसीएस के माध्यम से जीईएम और एनसीयूआई नोडल अधिकारियों के संपर्क विवरण के साथ राज्यवार सूची खरीदार पंजीकरण, सहायता और प्रशिक्षण तंत्र/सामग्री के लिए सहकारी समितियों के साथ साझा की गई।
    3. सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आरसीएस को परामर्श जारी किया गया है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारी समितियों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया गया।

जीईएम के माध्यम से खरीदारी से सहकारी समितियों को 67 लाख से अधिक विक्रेताओं से एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी मूल्य प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इससे इन सहकारी समितियों के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा जीईएम पर मानक प्रक्रियाओं का अनुपालन करने से खरीद समय और प्रशासनिक बोझ में कमी होगी। यह पारदर्शिता बढ़ाकर सहकारी समितियों की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी करेगा।

जीईएम पर खरीददारों के रूप में सहकारी समितियों को शामिल करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पहले चरण के तहत 618 सहकारी समितियों/सहकारी बैंकों, जिनका नवीनतम ऑडिट किया हुआ वित्तीय विवरण और 'ए' ग्रेड ऑडिट रेटिंग (जहां भी लागू हो) के अनुसार 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार/जमा है, को जीईएम पर शामिल होने के लिए चिह्नित किया गया है। 15 नवंबर 2023 तक 559 सहकारी समितियों को जीईएम पोर्टल पर खरीदार के रूप में शामिल किया गया है।

यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी है।

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